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उस्ताद यूनस हुसैन खान देश के प्रमुख गायक थे। वे एक प्रख्यात आगरा घराने के खलीफा (उत्तराधिकारी) थे। आगरा घराने का पांच सौ वर्षों से भी पुराना अविछिन्न परिवारिक इतिहास है। आपने अपने यशस्वी पित्ता स्वर्गीय उस्ताद विलायत हुसैन खान की परम्परा की कठोर परिपाटियों में प्रशिक्षण प्राप्त किया था। आधुनिक शताब्दी में संगीत की उन्नति में उस्ताद विलायत हुसैन खान का अतिशय योगदान रहा है। उत्तर भारत के शास्रीय संगीत के सांतत्य में "आगरा घराना' (प्राचीन नोहर बनी से व्युत्पन्न) के योगदान को लेकर दो मत नहीं हो सकते। मध्ययुग के शुरु से लेकर अभी तक संगीत की इस परम्परा ने संगीत रुपों, रागों, रचनाओं और स्वयं अपनी अनूठी गायकी का भण्डार प्रस्तुत किया है। इस घराने ने लोधी, सूरी वंश, तोमर और मुगल राज्य, राजपूती शासनों और उपनिवेशी सम्राज्य के गौरवपूर्ण युग की इन पांच शताब्दियों की यात्रा करके स्वतंत्र भारत में पदापंण किया है। इब्राहिम लोधी के समकालीन हाजी सुजान खान नोहर (१५७४-१५९९) से शुरु हुई इस महान परम्परा ने - अलख दाद, अकबर के दरबारी संगीतज्ञ मिया तानसेन जैसे अनेक विख्यात संगीतज्ञ दिए हैं। उस्ताद यूनस हुसैन खान हिन्दुस्तानी संगीत परिदृश्य में पचास वर्षों से भी अधिक समय से छाए रहे हैं और आपने राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की गौरवपूर्ण संगीत परम्परा के एक महान प्रतिनिधि की भूमिका अत्यन्त सफलतापूर्वक निभाई है। एक मधुर आवाज़ और उत्कृष्ट संगीत प्रतिभा के धनी उस्ताद यूनस हुसैन खान आगरा घराना गायकी स्वयं अपने ढंग से गाते हैं। "दपंण' के उपनाम से आपकी
रचनाओं और सुजानी मलहार,
देवयानी, नट दीपक, हुसैनी
भैरव, नोहर टोडी, अहिरी
बिहाग, ललिता सोहिनी, जोगवन्ती
आदि जैसे अनेक रागों का मूल्यवान
संग्रह प्रसार में है। |
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उस्ताद यूनस हुसैन खान संगीत के एक विद्वान तथा गुरु भी थे। आप दिल्ली विश्वविद्यालय, शान्तिनिकेतन स्थित विश्वभारती विश्वविद्यालय और कलकत्ता की संगीत अनुसंधान अकादमी में संगीत के लेक्चरर, रीडर तथा प्राध्यापक के पद पर सेवारत रहे हैं। १९८५-८६, में आपने वाकिंशगटन विश्वद्यालय में ईथनोम्यूजिकालोजी कार्यक्रम में अध्यापन किया और ब्रिटिश कोलम्बिया विश्वविद्यालय, कनाडा में भाषण तथा निदर्शन किया।
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उस्ताद यूनस हुसैन खान साहेब की कुछ उपलब्धियां
आपने अनेक राष्ट्रीय गीत लिखे और संगीत-रचना की। इन गीतों में राष्ट्रीय अखण्डता और धर्मनिरपेक्षता छलकती है। भारत और विदेशों में भी उनके शिष्यों की काफी संख्या थी। कार्य के प्रति अपने समपंण के लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा। उन्होंने अपने अंतिम सांस तक भारतीय संगीत की सेवा की।
उनके सहकर्मी उन्हें इस रुप में स्मरण करते हैं यूनुस भाई अपने समय के एक पसन्दीदा संगीतकार थे- पंडित रविशंकर उस्ताद यूनस हुसैन खान एक महान कलाकार थे और उन्होंने अंतिम सांस तक संगीत की सेवा की। उनके शिष्यों की संख्या काफी है- उस्ताद अमजद अली खान। उस्ताद यूनस हुसैन खान साहेब केवल एक संवेदनशील गायक ही नहीं थे बल्कि एक बहुश्रुत विद्वान, एक प्रतिभावान संगीत-रचनाकार और प्रवर्तक के रुप में भी उन्हें याद किया जाता है- डा. सुमति मुतातकर आगरा के ताजमहल की भांति आगरा के उस्ताद यूनस हुसैन खान को भी सदैव संगीत के महान कीर्तिस्तम्भ के रुप में याद किया जाएगा- नैना देवी उस्ताद यूनस हुसैन खान भारतीय शास्रीय संगीत के एक महान कलाकार थे। वे संगीत के विश्वकोष भी थे- पंडित निखिल घोष
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वंश वृक्ष सुजान खान सुरगयान खान कादर शाह दायम खान कायम खान जुंगू खान शेर खान नत्थन खान विलायत हुसैन खान यूनुस हुसैन खान आइन-ए-अकबरी, राग दपंण और मदुनाल मुसीकी के आधार पर वी एच के द्वारा तैयार किया गया आगरा घराने का वंश वृक्ष
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सम्पर्क
पता
आसिफ हुसैन खान आरिफ हुसैन खान
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