लागल कचहरी जब आल्हा के
बँगला बड़े- बड़े बबुआन
लागल कचहरी उजैनन के बिसैनन के दरबार
नौ सौ नागा नागपूर के नगफेनी
बाँध तरवार
बैठल काकन डिल्ली के लोहतमियाँ तीन हजार
मढ़वर तिरौता करमवार है जिन्ह के
बैठल कुम्ह चण्डाल
झड़ो उझनिया गुजहनिया है बाबू
बैठल गदहियावाल
नाच करावे बँगला में मुरलिधर
बेन बजाव
मुरमुर मुरमुर बाजे सरंगी जिन्ह के
रुन रुन बाजे सितार
तबला चटके रस बेनन के मुखचंद सितारा
लाग
नाचे पतुरिया सिंहल दीप के लौंड़ा नाचे गोआलियरवाल
तोफा नाचे बँगला के बँगला होय परी के नाच
सात मन का कुण्डी दस मन का घुटना
लाग
घैला अठारह सबजी बन गैल नौ नौ गोली अफीम
चौदह बत्ती जहरन के आल्हा बत्ती चबावत
बाय
पुतली फिर गैल आँखन के अँखिया
भैल रकत के धार
चेहरा चमके रजवाड़ा के लड़वैया
शेर जवान
अम्बर बेटा है जासर के अपना कटले
बीर कटाय
जिन्ह के चलले धरती हीले डपटै गाछ झुराय
ओहि समन्तर रुदल पहुँचल बँगला
में पहुँचल जाय
देखल सूरत रुदल के आल्हा मन में करे गुनान
देहिया देखें तोर धूमिल मुहवाँ देखों
उदास
कौन सकेला तोर पड़ गैल बाबू कौन ऐसन गाढ़
भेद बताब तूँ जियरा के कैसे बूझे प्रान हमार
हाथ जोड़ के रुदल बोलल भैया
सुन धरम के बात
पड़ि सकेला है देहन पर बड़का भाइ
बात मनाव
पूरब मारलों पुर पाटन में जे दिन
सात खण्ड नेपाल
पच्छिम मारलों बदम जहौर दक्खिन
बिरिन पहाड़
चार मुलुकवा खोजि ऐलों कतहीं नव जोड़ी
मिले बार कुआँर
कनियाँ जामल नैना गढ़ में राजा इन्दरमन के दरबार
बेटी सयानी सम देवा के बर माँगल
बाघ जुझर
बड़ि लालसा है जियरा में जो भैया के करौं
बियाह करों बिअहवा सोनवा से
एतना बोली आल्हा सुन गैल आल्हा
मन मन करे गुनान
जोड़ गदोइ अरजी होय गैल बबुआ
रुदल कहना मान हमार
जन जा रुदल नैनागढ़ में बबुआ किल्ला तूरे
मान के नाहिं
बरिया राजा नैना गढ़ के लोहन
में बड़ चण्डाल
बावन दुलहा के बँधले बा साढ़े
सात लाख बरियात
समधी बाँधल जब गारत में अगुआ बेड़ी पहिरलन जाय
भाँट बजनियाँ कुल्हि चहला भैल
मँड़वा के बीच मँझार
एकहा ढेकहो ढेलफुरवा मुटघिंचवा तीन हजार
मारल जेबव् नैनागढ़ में रुदल कहना
मान हमार
केऊ बीन नव्बा जग दुनिया में जे सोनवा
से करे बियाह
जन जा रुदल नैना गढ़ में बबुआ कहना
मान हमार
प्रतना बोली रुदल सुन गैल रुदल
बर के भैल अँगार
हाथ जोड़ के रुदल बोलल भेया
सुनी बात हमार
कादर भैया तूँ कदरैलव् तोहरो हरि गैल ग्यान तोहार
धिरिक तोहरा जिनगी के जग में डूब गैल तरवार
जेहि दिन जाइब नैना गढ़ में अम्बा जोर चली तरवार
टूबर देहिया तूँ मत देखव् झिलमिल गात हमार
जेहि दिन जाइब नैना गढ़ में दिन
रात चली तरवार
एतना बोली आल्हा सुन गैल आल्हा
बड़ मोहित होय जाय
हाथ जोड़ के आल्हा बोलल बाबू
सुनव् रुदल बबुआन
केत्त मनौलों बघ रुदल के बाबू कहा नव्
मनलव् मोर
लरिका रहल ता बर जोरी माने छेला कहा नव्
माने मोर
जे मन माने बघ रुदल से मन मानल करव्
बनाय
एतना बोली रुदल सुन गैल रुदल
बड़ मंड्गन होय जाय
दे धिरकारीरुदल बोलल भैया सुनीं गरीब नेवाज
डूब ना मूइलव् तूँ बड़ भाइ तोहरा जीअल के धिरकार
बाइ जनमतव् तूँ चतरा घर बबुआ नित उठ कुटतव् चाम
जात हमार रजपूतन के जल में जीबन है दिन चार
चार दिन के जिनगानी फिर अँधारी
रात
दैब रुसिहें जिब लिहें आगे का करिहें
भगवान
जे किछु लिखज नरायन बिध के लिखल
मेंट नाहिं जाय
गज भर धरती घट जैहें प्रक चोट करों दैब
से मार
तब तो
बेटा जासर के नैं याँ पड़े रुदल
बबुआन
चल गैल रुदल ओजनी से गढ़ पिअरी
में गैल बनाय
लागल कचहरी है डेबा का जहवाँ
रुदल पहुँचे जाय
सोना पलँगरी बिछवाइ सोना के
मोंढा देल धरवाय
सात गलैचा के उपर माँ रुदल के देल
बैठाय
हाथ जोड़ के रुदल बोलल बाबू डेबा ब्राहमन के
बलि जाओं
लागल लड़ाइ नैना गढ़ में डेबा चलीं हमरा
साथ
एतना बोली डेबा सुन गैल डेबा
बड़ मोहित होई जाय
जोड़ गदोइ डेबा बोलल बाबू सुनीं
रुदल बबुआन
जहवाँ पसीना है रुदल के तहवाँ
लोधिन गिरे हमार
डेबा डेबा के ललकारे डेबा सुन
बात हमार
बाँधल घोड़ा तबल खास में घोड़ा ए दिन
लावव् हमरा पास
चल गैल डेबा गढ़ पिअरी से तबल खास
में पहुँचल जाय
बावन कोतल के बाँधल है बीच में
बाँधल बेनुलिया घोड़
ओहि समंदर डेबा पहुँचल घोड़ा कन पहुँचल जाय
जोइ गदोइ डेबा बोलल घोड़ा
सुनव् बात हमार
भैल बोलाहट बघ रुदल के
लागल लड़ाइ नैना गढ़ में घोड़ा चलव् हमरा
साथ
एतना बोली घोड़ा सुन गैल घोड़ा के
भैल अँगार
बोलल घोड़ा जब डेबा से बाबू डेबा के
बलि जाओं
बज् पड़ गैल आल्हा पर ओ पर गिरे गजब के धार
जब से ऐलों इन्द्रासन से तब से
बिदत भैल हमार
पिल्लू बियायल बा खूरन में ढालन
में झाला लाग
मुरचा लागि गैल तरवारन में जग
में डूब गैल तरवार
आल्हा लड़ैया कबहीं नव् देखल जग में जीवन
में दिन चार
एतना बोली डेबा सुन गैल डेबा खुसी
मंगन होय जाय
खोलै अगाड़ी खोलै पिछाड़ी गरदनियाँ देल खोलाय
जीन जगमियाँ धर खोले सोनन के खोलै
लगाम
पीठ ठोंक दे जब घोड़ा के घोड़ा सदा रहव् कलियान
चलल जे राजा डेबा ब्राहमन घुड़
बेनुल चलल बनाय
घड़ी अढ़ाई का अन्तर में रुदल कन पहुँचल जाय
देखल सूरत घुड़ बेनुल के रुदल
बड़ मंगन होय जाय
देहिया पोंछे जब घोड़ बेनुल के
रुदल हँस के कैल जनाब
हाथ जोड़ के रुदल बोलल घोड़ा
सुन ले बात हमार
तब ललकारें रुदल बोलल डेबा
मंत्री के बलि जाओ
घोड़ा बेनुलिया तैयारी कर जलदी
बोल करव् परमान
घोड़ा पलाने डेबा ब्राहमन रेसम के भिड़े पलान
चोटी गुहावे सोनन से चाँदी खील देल
मढ़वाय
पूँछ मढ़ावल हीरा से महराजा
सुनीं मोर बात
सात लाख के हैकलवा है घोड़ा के देल पेन्हाय
एतो पोसाक पड़ल घोड़ा के रुदल के
सुनी हवाल
बावन गज के धोती बाँधे खरुअन के चढ़ल
लँगोट
अस्सी मन के ढलिया है बगल में लेल
लगाय
तीस मन के जब नेजा है हाथन में
लेल लगाय
बाँक दुआल पड़ल पंजड़ तक तर पल्ला पड़ल तरवार
छप्पन छूरी नौ भाला कम्मर में ढुले
बनाय
बूता बनाती गोड़ सोभै जिन्ह का गूँज
मोंछ फहराय
बावन असरफी के गल माला हाथन
में लेल लगाय
भूजे डण्ड पर तिलक बिराजे परतापी
रुदल बीर
फाँद बछेड़ा पर चढ़ गैल घोड़ा पर बैल असवार
घोड़ा बेनुलिया पर बघ रुदल घोड़ा हन्सा पर डेबा
बीर
दुइए घोड़ा दुइए राजा नैना गढ़ चलल
बनाय
मारल चाबुक है घोड़ा के घोड़ा जिमि नव् डारे पाँव
उड़ गैल घोड़ा सरगे चल गैल घोड़ा चाल
बरोबर जाय
रिमझिम रिमझिम घोड़ा नाचे जैसे नाचे जंगल के
मोर
रात दिन का चलला माँ नैना बढ़ लेल तकाय
देखि फुलवारी सोनवा के रुदल
बड़ मगन होय जाय
डेबा डेबा के गोहरावे डेबा सुनव्
बात हमार
डेरा गिरावव् फुलवारी में प्रक निंदिया
लेब गँवार
बड़ा दिब्य के फुलवारी है जहवाँ डेरा देल गिराय
घुमि घुमि देखे फुलवारी के रुदल
बड़ मंगन होय जाय
देखल अखाड़ा इन्दरमन के रुदल बड़
मंगन होय जाय
कैंड़ा लागल है देहन माँ दुइ डण्ड खेलौं
बनाय
बावन गज के धोती बाँधे उलटी चरना
लेल लगाय
बावन कोठी के कोठवार देहन में
लेल लगाय
पलहथ रोपल अखड़ा में रुदल डण्ड कैल नौ
लाख
मूँदल भाँजे मन बाइस के साढ़े
सत्तर मन के डील
तीस मन के नेजम है रुदल तूर कैल
मैदान
ताल जे मारे फुलवारी में महराजा
सुनीं मोर बात
फुलवा झरि गेल फुलवारी के बन
में गाछ गिरल भहराय
जल के मछरी बरही होय गैल डाँटें कान बहिर होय जाय
बसहा चढि सिब जी भगले देबी रोए
मोती के लोर
कहाँ के राजा एत बरिया है मोर फुलवारी कैल
उजार
सुने पैहें रजा इन्दरमन हमरो चमड़ी लिहें खिंचाय
सतौ बहिनियाँ देबी इन्द्रासन सें चलली
बनाय
घड़ी अढ़ाइ का अन्तर में पहुँचली जाय
रुदल सूरत फुलवारी में जहवाँ देबी जुमली
बनाय
देखल सूरत रुदल के देबी मन मन करे गुनान
बड़ा सूरत के ई लरिका है जिन्ह के नैनन
बरै इँजोर
पड़िहें समना इन्दरमन का इन्ह के काट करी
मैदान
नींद टूट गैल बघ रुदल के रुदल चितवै चारों ओर
हाथ जोड़ के रुदल बोलल देबी सुनीं
बात हमार
बावन छागर के भोग देइ भैंसा पूर पचास
भोग चढ़ाइब अदमी के देबी अरजी
मानव् हमार
एतनी बोली देबी सुन गैली देबी जरि के
भैली अँगार
तब मुँह देबी बोलली बबुआ सुनीं
रुदल महराज
बेर बेर बरजों बघ रुदल के लरिका कहल नव्
मनलव् मोर
मरिया राजा नैना गढ़ के नैंनाँ पड़े इन्दरमन
बीर
बावन गुरगुज के किल्ला है जिन्ह के तिरपन
लाख बजार
बावन थाना नैना गढ़ में जिन्ह के रकबा
सरग पताल
बावन दुलहा के सिर मौरी दहवौलक गुरैया घाट
मारल जैबव् बाबू रुदल नाहक जैहें प्रान तोहार
पिण्डा पानी के ना बचबव् हो जैबव्
बन्स उजार
एतनी बोली रुदल सुन गैल तरवा
से लहरल आग
पकड़ल झोंटा है देबी के धरतो पर देल गिराय
आँखि सनीचर है रुदल के बाबू देखत काल
समान
दूचर थप्पर दूचर
मुक्का देबी के देल लगाय
लै के दाबल ठेहुना तर देबी राम
राम चिचियाय
रोए देबी फुलवारी मैं रुदल जियरा छोड़व् हमार
भेंट कराइब हम सोनवा सें
एतनी बोली रुदल सुन के रुदल बड़
मंगन होय जाय
प्रान छोड़ि देल जब देबी के देबी जीव
ले चलल पराय
भागल भागल देबी चल गैल इन्द्रासन
में पहुँचल जाय
पाँचों पण्डु इन्द्रासन में जहवाँ देबी गैल
बनाय
पड़ल नजरिया है पण्डो के देबी पर पड़ गैलि दिष्ट
रोए पण्डो इन्द्रासन में देबी सुनीं
बात हमार
तीन मुलुक के तूँ मालिक देबी काहे
रोवव् जार बेजार
तब ललकारे देबी बोली पण्डो सुनीं
बात हमार
आइल बेटा जासर के बघ रुदल नाम धराय
सादी माँगे सानवा के वरिअरिया
माँगे बियाह
जिब ना बाँचल मोर देबी के पण्डो जान
बचाई मोर
एतनी बोली पण्डो सुन गैल पण्डो
रोए मोती के लोर
थर- थर काँपें कुल्हि पण्डो देबी सुनीं
बात हमार
बरिया राजा बघ रुदल लोहन में
बड़ चण्डाल
भार्गल देबी इंद्रासन सें अब ना छूटल प्रान हमार
भागल देबी इन्द्रासन सें नैना गढ़
में गैल बनाय
बावन केवाड़ा का अण्डल में जेह में
सोनवा सूति बनाय
लग चरपाइ चानिन के सोनन के पटरी
लाग
चारों लौंड़ी चारों बगल में बीचे
सानवा सूति बनाय
पान खवसिया पान लगावे केऊ हाथ जोड़
भैल ठाढ़
केऊ तो लौंड़ी जुड़वा खोले केऊ पानी
लेहले बाय
ओहि समन्तर देबी पहुँचल सोनवा कन पहुँचल
बाय
लै सपनावे रानी के सोनवा सुनीं
बात हमार
आइल राजा बघ रुदल फुलवारी में डेरा गिरौले
बाय
माँगै बिअहवा जब सोनवा के बरिअरिया
माँगैं बियाह
जिब ना बाँचल मोर देवी के सोनवा जान
बचाई मोर
नाम रुदल के सुन के सोनवा बड़
मगन होय जाय
लौंड़ी लोंड़ी के ललकारे मुँगिया
लौंड़ी बात मनाव
रात सपनवाँ में सिब बाबा के
सिब पूजन चलि बनाय
जौन झँपोला मोर गहना के कपड़ा के
लावव् उठाय
जौन झँपोला है गहना के कपड़ा के
ले आवव् उठाय
खुलल पेठारा कपड़ा के जिन्ह के रास देल
लगवाय
पेनहल घँघरा पच्छिम के मखमल के गोट चढ़ाय
चोलिया पेन्हे मुसरुफ के जेह में
बावन बंद लगाय
पोरे पोरे अँगुठी पड़ गैल सारे चुरियन के झंझकार
सोभे नगीना कनगुरिया में जिन्ह के हीरा चमके दाँत
सात लाख के मँगटीका है लिलार
में लेली लगाय
जूड़ा खुल गैल पीठन पर जैसे लोटे करियवा नाग
काढ़ दरपनी मुँह देखे सोनवा मने
मने करे गुनान
मन जा भैया रजा इन्दरमन घरे बहिनी
रखे कुँआर
वैस हमार बित गैले नैनागढ़ में
रहलीं बार कुँआर
आग लगाइब एह सूरत में नेना सैव
लीं नार कुँआर
निकलल डोलवा है सोनवा के
सिब का पूजन चलली बनाय
पड़लि नजरिया इंदरमन के से दिन
सुनों तिलंगी बात
कहवाँ के राजा एत बरिया है बाबू डोला
फँदौले जाय
सिर काट दे ओह राजा के कूर खेत
माँ देओ गिराय
लड्गे तेगा लेल इंदरमन बाबू कूदल
बवन्तर हाथ
पड़लि नजरिया है सोनवा के जिन्ह के अंत कोह जरि जाय
नाता नव् राखब एह भैया के
जेतना जे गहना बा देहन के डोला
में देल धराय
बावन बज के धोती बाँधे सोनवा कूद गैल
ब्यालिस हाथ
पड़लं लड़ाइ बहिनी भैया बाबू पड़ल कचौंधी
मार
तड़तड़ तड़तड़ तेगा बोले जिन्ह के खटर खटर तरवार
सनसन सनसन गोली उड़ गैल जिन्ह जिमी नव् डाले पाँव
सात दिन जब लड़ते बीतल बीत गैल
सतासी रात
सात हाथ जब धरती गहिरा पड़ गैल जबहुँ नव्
सोनवा हटे बनाय
घैंचल तेगा रजा इंदरमन जे दिन
लेल अली के नाम
जौं तक मारे ओह सोनवा के जूड़ा पर
लेल बचाय
दोसर तेगा हन मारे कँगना पर
लेल बचार
तेसर तेगा के मारत में सोनवा आँचर पर
लेल बचाय
कूदल बहुरिया ओजनी से कूदल
बवन्तर हाथ
पकड़ल पहुँचा इंदरमन के धरती
में देल गिराय
लै के दाबल ठेहुना तर राजा राम
राम चिचियाय
पड़ल नजरिया समदेवा के समदेव
रोवे जाय बेजार
हाय हाय के समदेव धर बेटी सोनवा
बात मनाव
पहले काट पिता का पाछे काट भैया के सिर
एतनी बोली सोनवा सुन गैल रानी
बड़ मोहित हाय जाय
जान छोड़ देल इंदरमन के जब सोनवा देल जवाब
केतना मनौलीं ए भैया के भैया कहा नव्
मनलव् मोर
रात सपनवाँ सिब वाबा के
एतनी बोली सुनल इंदरमन राजा के के
भैल अँगार
सोत खनाबों गंगा जी के सिब के चकर देब
मँगवाय
फूल मँगाइब फुलवारी से घरहीं पूजा करु
बनाय
तिरिया चरित्तर केऊ ना जाने बात देल दोहराय
करे हिनाइ बघ रुदल के
ऊ तो निकसुआ है सोंढ़ही के राजा झगरु देल निकाल
सेरहा चाकर पर मालिक के से सोनवा
से कैसे करै बियाह
पाँचो भौजी है सोनवा के संगन
में देल लगाय
मुँगिया लौंड़ी के ललकारे लौंड़ी कहना
मान हमार
जैसन देखिहव् सिब मंदिर में तुरिते खबर दिहव्
भेजवाय
मूरत देखे सिब बाबा के सोनवा
मन मन करे गुनान
लौंड़ी लौंड़ी के ललकारे मुँगिया
लौंड़ी के बलि जाओं
फूल ओराइल मोर डाली के फुलवारी
में फूल ले आ वह जाय
एतनी बोली लौंड़ी सुन के लौंड़ी
बड़ मंगन होय जाय
सोनक चंपा ले हाथन माँ फुलवारी
में जेमल बनाय
बैठल राजा डेबा ब्राहमन जहवाँ
लौंड़ी गेल बनाय
कड़खा बोली लौंड़ी बोलल बाबू
सुनीं रजा मोर बात
कहाँ के राजा चलि आइल फुलवारी
में डेरा देल गिराय
कौड़ी लागे फुलवारी के मोर कोड़ी दे चुकाय
तब ललकारे डेबा बोलल मुँगिया
लौंड़ी के बलि जाओं
हम तो राजा लोहगाँ के दुनियाँ सिंघ नाम हमार
नेंवता ऐली समदेवा के उन्ह के नेंतवा पुरावन आय
एतनी
बोली जब सुन गैले लौंड़ी के
भैल अँगार
करे हिनाइ बघ रुदल के
सेरहा चाकर पर मालिक के रुदल
रोटी बिरानी खाय
कत बड़ सोखी बघ रुदल के जे सोनवा
से करे खाय बियाह
जरल करेजा है बघ रुदल के तरवा
से बरे अँगार
लौंड़ी हो के अतर दे अब का सोखी रहा हमार
छड़पल राजा है बघ रुदल लौंड़ी कन पहुँचल जाय
पकड़ल पहुँचा लौंड़ी के धरती में देल गिराय
अँचरा फाड़े जब लौंड़ी के जिन्ह के
बंद तोड़े अनमोल
हुरमत लूटे ओहि लौंड़ी के लौंड़ी
रामराम चिचियाय
भागल लौंड़ी हैं सोनवा के फुलवारी
से गैल पराय
बठली सोनवा सिब मंदिर में जहवाँ
लौंड़ी गैल बनाय
बोले सोनवा लौंड़ी से लौंड़ी के
बलि जाओं
केह से मिलल अब तूँ रहलू एतना देरी कैलू
बनाय
तब ललकारे लौंड़ी बोलल रानी
सोनवा के बलि जाओ
देवर आइल तोर बघ रुदल फुलवारी
में जुमल बनाय
जिव ना बाँचल लौंड़ी के सोनवा,जान
बचावव् हमार
नाम रुदल के सुन गैले सोनवा बड़
मंड्गन होय जाय
जे बर हिछलीं सिब मंदिर में से
बर माँगन भेल हमार
एतो बारता है सोनवा के रुदल के
सुनीं हवाल
घोड़ा बेनुलिया पर बघ रुदल घोड़ा हन्सा पर डेबा
बीर
घोड़ा उड़ावल बघ रुदल सिब मंदिर
में पहुँचल जाय
घोड़ा बाँध दे सिब फाटक में रुदल
सिब मंदिर में गैल समाय
पड़लि नजरिया है सोनवा के रुदल पड़ गैल दीठ
भागल सोनवा अण्डल खिरकी पर पहुँचल जाय
सोने पलंगिया बिछवौली सोने के
मढ़वा देल बिछवाय
सात गलैचा के उपर रुदल के देल बैठाय
हाथ जोड़ के सोनवा बोलल बबुआ
रुदल के बलि जाओ
कहवाँ बेटी ऐसन जामल जेकरा पर
बँधलव् फाँड़
बोले राजा बघ रुदल भौजी सोनवा के
बलि जाओं
बारह वरिसवा बित गैल भैया रह गैल
बार कुँआर
किला तूड़ दों नैना गढ़ के सोनवा के करों बियाह
एतनी बोली रानी सोनवा सुन गैल
सोनवा बड़ मंड्गन होय जाय
भुखल सिपाही मोर देवर है इन्ह के
भोजन देब बनाय
दूध मँगौली गैया के खोआ खाँड़ देल
बनवाय
जेंइ लव् जेंइ लव् बाबू रुदल एहि जीबन के आस
कड़खा बोली रुदल बोलल भौजी
सोनवा अरजी मान हमार
किरिया खैलीं मोहबा गढ़ में अब ना
अन गराहों पान
पानी पीयो मद पीयों भौजी अन गौ के
माँस
तब ललकार सोनवा बोलल मुँगिया
लौंड़ी के बलि जाओं
फगुआ खेलावह मोर देवर के इन्ह के
फगुआ देह खेलाय
घौरै अबिरवा सिब मंदिर में
केऊ तो मारे हुतका से केऊ रुदल के
मैसे गाल
भरल घैलवा है काँदो के देहन पर देल गिराय
धोती भीं जल लरमी के पटुका भींजल
बदामी वाल
मोंती चूर के डुपटा है कीचर में गैल
लोटाय
बोले राजा बघ रुदल बाबू डेबा
सुनी बात हमार
रण्डी के चाकर हम ना लागीं तिरिया
में रहों लुभाय
भैं तो चाकर लोहा के सीता राम करे
सो होय
बीड़ा मँगावल पनवाँ के भर भर
सीसा देल पिलाय
पढि पढि मारे लौंड़ी के टिकुली टूक टूक उड़ जाय
भागल लौंड़ी है सोनवा के लौंड़ी जीव
ले गैल पराय
लागल कचहरी इंदरमन के बँगला
बड़े- बड़े बबुआन
ओहि समन्तर लौंड़ी पहुँचल इंदरमन अरजी
मान हमार
आइल रजा है बघ रुदल के डोला घिरावल
बाय
माँग बिअहवा सोनवा के बरियारी
से माँगै बियाह
है किछू बूता जाँघन में सोनवा के
लावव् छोड़ाव
मन मन झड़खे रजा इंदरमन बाबू
मन मन करे गुनान
बेर बेर बरजों सोनवा के बहिनी कहल नव्
मानल मोर
पड़ गैल बीड़ा जाजिम पर बीड़ा पड़ल नौ
लाख
हे केऊ रजा लड़वैया रुदल पर बीड़ा खाय
चौहड़ काँपे लड़वेया के जिन्ह के
हिले बतीसो दाँत
केकर जियरा है भारी रुदल से जान दियावे जाय
बीड़ा उठावल जब लहरा सिंड्घ कल्ला तर देल दबाय
मारु डंका बजवावे लकड़ी बोले जुझाम जुझाम
एको एका दल बटुरल जिन्ह के दल बावन नवे हजार
बूढ़ बियाउर के गनती नाहिं जब हाथ के गनती नाहिं
बावन मकुना के खोलवाइन रजा सोरह सै दन्तार
नब्वे सै हाथी के दल में ड़ड़ उपरे नाग डम्बर उपरे
मेंड़राय
चलल परवतिया परबत के लाकट
बाँध चले तरवार
चलल बँगाली बंगाला के लोहन
में बड़ चण्डाल
चलल मरहट्टा दखिन के पक्का नौ नौ
मन के गोला खाय
नौ सौ तोप चलल सरकारी मँगनी जोते तेरह हजार
बावन गाड़ी पथरी लादल तिरपन गाड़ी
बरुद
बत्तिस गाड़ी सीसा जद गैल जिन्ह के
लंगे लदल तरवार
एक रुदेला एक डेबा पर नब्बे लाख असवार
बावन कोस के गिरदा में सगरे डिगरी देल पिवाय
सौ सौ रुपया के दरमाहा हम से अबहीं लव् चुकाय
लड़े के बोरिया भागे नौ नौ मन के
बेड़ी देओं भरवाय
बोगुल फूँकल पलटन में बीगुल
बाजा देल बजाय
निकलल पलटन लहरा के बाबू मेघ झरा झर
लाग
झाड़ बरुदन के लड़वैया साढ़े साठ
लाख असवार
चलल जे पलटन है लहरा के सिब
मंदिर के लेल तकाय
बावन दुआरी के सिब मंदिर बावनों पर तोप देल धरवाय
रुदल रुदल घिराइल सिव मंदिर
माँ
जरल करेजा है रुदल के घोड़ा पर
फाँद भेल असवार
ताल जो मारे सिब मंदिर में बावनों
मंदिर बिरल भहराय
बोलल राजा लहरा सिंह रुदल कहना
मानव् हमार
डेरा फेर दव् अब एजनी से तोहर महाकाल कट जाय
नाहिं मानल बघ रुदल बाबू सूनीं धरम के
बात
बातन बातन में झगड़ा भैल बातन
बढ़ल राड़
बातक झगड़ा अब के मेटे झड़ चले लागत तरवार
तड़तड़ तड़तड़ लेगा बोले जिन्ह के खटर खटर तरवार
सनसन सनसन गोली उड़ गैल दुइ दल कान दिलह नाहिं जाय
झाड़ बरुदन के लड़वैया सै साठ गिरल असवार
जैसे बढ़इ बन के कतरे तैसे कूदि काटत
बाय
आधा गंगा जल बहि गैल आधा बहल
रकत के धार
ऐदल ऊपर पैदल गिर गैल असवार ऊपर असवार
ढलिया बहि बहि कछुआ होय गैल तरुअरिया
भैल धरियार
छूरि कटारी सिंधरी होय गैल धै धै तिलंगा खाय
नब्बे हजारन के पलटन में दसे तिलंगा
बाँचल बाय
किरिया धरावल जब लहरा सिंह
रुदल जियरा छाड़व् हमार
नैंयाँ लेब बघ रुदल के
एतनी बोली बघ रुदल सुन गैल रुदल
बड़ मंड्गन होय जाय
फिर के चलि भेल बघ रुदल लहरा दोसर कैल
सरेख
खैंचल तेगा जब लहरा सिंह बाबू लिहल अली के नाम
जौं तक मारल बघ रुदल के देबी झट के लिहल
बचाय
बरल करेजा बघ रुदल के रुदल कूदल
बवन्तर हाथ
जौं तक मारल लहरा के भुँइयाँ
लोथ फहराय
भागल फौदिया जब लहरा के जब नैना गढ़ गैल पराय
लागल कचहरी इंदरमन के जहाँ तिलंगा पहुँचल जाय
बोलै तिलंगा लहरा वाला राजा इंदरमन जान
बचाई मोर
एतनी बोली सुनल इंदरमन बाबू
मन में करे गुनान
पड़ गलै बीड़ा इंदरमन के राजा इंदरमन
बीड़ा लेल उठाय
हाथी मँगावल भौंरानंद जिन्ह के नौं
मन भाँग पिलाय
दसे तिलंगा ले साथन में सिब मंदिर पहुँचल जाय
घड़ी पलकवा का चलला में सिब मंदिर पहुँचल जाय
बाँधल घोड़ा रुदल के पलटन पर पड़ गैल दीठ
घीचै दोहाइ जब देबी के देबी प्रान
बचावव् मोर
आइल देबी जंगल के बनस्पती देबी पहुँचल आय
घोड़ा खोल देल बघ रुदल के घोड़ा उड़ के
लागल अकास
रुदल सूतल सिब मंदिर में जहवाँ घोड़ा पहुँचल
बाय
मारे टापन के रोनन से रुदल के देल उठाय
बोलल घोड़ा रुदल के बाबू पलटन इंदरमन के पहुँचल आय
फाँद बछेड़ा पर चढि गैल पलअन में पहुँचल
बाय
बलो कुबेला अब ना चीन्हे जाते जोड़ देल तरवार
पड़ल लड़ाइ इंदरमन में रुदल से पड़ गैल
मार
ऐसी लड़ाई सिब मंदिर में अब ना चीन्हे आपन पराय
गनगन गनगन चकर बान बोले जिन्हके बलबल बोले ऊँट
सनसन सनसन गोली बरसे दुइ दल कान दिहल नाहिं जाय
दसो तिरंगा इंदरमन के रुदल काट कैल
मैदान
गोस्सा जोर भैल इंदरमन खींच
लेल तरवार
जौं तक मारल बघ रुदल के अस्सी मन के ढालन पर
लेल बचाय
ढलिया कट के बघ रुदल के गद्दी रहल
मरद के पास
बाँह टूट गैल रुदल के बाबू टूटल पं के हाड़
नाल टूट गैल घोड़ा के गिरल बहादूर घोड़ा
से
धरती पर गिरल राम राम चिचियाय
पड़ल नजरिया है देवी रुदल पर पड़ गैल दीठ
आइल देवी इंद्रासन के रुदल कन पहुँचल
बाय
इमिरित फाहा दे रुदल के घट में गैल
समाय
तारु चाटे रुदल के रुदल उठे चिहाय चिहाय
प्रान बचावे देबी बघ रुदल के रुदल जीव
ले गैल पराय
भागल भागल चल गैले मोहबा में गैल पराय
एत्तो बारता बा रुदल के आल्हा के सुनीं हवाल
केत्ता मनौलीं बघ रुदल के लरिका कहल नव्
मानल मोर
बावन कोस के गिरदा में बघ रुदल डिगरी देल पिटवाय
लिखल पाँती बघ रुदल तिलरी में देल पठाय
तेली बनियाँ चलल तिलरी के लोहन
में आफत काल
पाँती भेजवो नरबर गढ़ राजा मेदनी सिंह के दरबार
चलल जे राजा बा मेदनी सिंह मोहबा में पहुँचल जाय
आइल राजा मकरन्ना गढ़ मोरंग के
राज पहुँचल वाय
चलल जे राजा बा सिलहट के भूँमन सिंह नाम धराय
आइ राजा डिल्ली के सुरजन सिंह
बुढ़वा सैयद बन्नारस के नौं नौ पूत अठारह नात
ओनेहल बादल के थमवैया लोहन
में बड़ चण्डाल
मियाँ मेहदी है काबुल के हाथ पर खाना खाय
उड़ उड़ लड़िहें सरगे में जिन्ह के लोथ परी जै खाय
चलल जे राजा बा लाखन सिंह लाखन
लाख घोड़े असवार
नौ मन लोहा नौमनिया के सवा
सौ मन के सान
उन्ह के मुरचा अब का बरनौ सौ बीरान
में सरदार
आइल राजा बा सिलहट के भूँमन सिंह नाम धराय
जेत्ता जे राजा बा लड़वैया रुदल तुरत
लेल बोलाय
जेत्ता जे बा लड़वैया जिन्ह के सवा
लाख असवार
एत्तो बारता बा राजा के रुदल के सुनीं हवाल
बीड़ा पड़ गैल बघ रुदल के रुदल बीड़ा
लेल उठाय
मारु डंका बजवावे लकड़ी बोले कड़ाम कड़ाम
जलदी आल्हा के बोलवावल भाइ चलव् हमरा
साथ
करों बिअहवा सोनवा के दिन रात चले तलवार
गड्गन धोबी दुरगौली के बावन गदहा ढुले दुआर
मुड्गर लाद देल गदहा पर लड़वयौ आफत काल
दानी कोइरी बबुरी बन के सिहिंन
लाख घोड़े असवार
चलल जे पलटन बघ रुदल के जिन्ह के तीन
लाख असवार
रातिक दिनवाँ का चलला में धावा पर पहुँचल
बाय
डेरा गिरावे दुरगौली में डेरा गिरौले
बाय
जोड़ गदोइ रुदल बोलल भैया सुनीं आल्हा के देल
बैठाय
नौ सौ सिपाही के पहरा बा आल्हा के देल
बैठाय
रुदल चल गैल इंद्रासन में अम्बर सेंदुर किन के गैल
बनाय
एत्तो बारता बा रुदल के नैना गढ़ के
सुनीं हवाल
भँटवा चुँगला बा नैना के राजा इंदरमन के गैल दरबार
रुदल के भाइ अल्हगं है दुरगौली
में डेरा गिरौले बाय
तीन लाख पलटन साथन में बा आल्हा के तैयारी
बाय
हाथ जोड़ के भँटना बोलल बाबू इंदरमन के
बलि जाओं
हुकुम जे पाऊँ इंदरमन के आल्हा के
लेतीं बोलाय
एतनी बोली सुनल इंदरमन राजा
बड़ मड्गन होय जाय
जेह दिन लैबव् आल्हा के तेह दिन आधा
राज नैना के देब बटवाय
चलल जे भँटवा बा नैना गढ़ से दुरगौली
में पहुँचल बाय
हाथ जोड़ के भँटवा बोलल बाबू आल्हा
सुनीं महराज
तेगा नव् चलिहें नैना गढ़ में धरम दुआरे होई बियाह
हाथ जोड़ के आल्हा बोलल भँअवा
सुनव् धरम के बान
हम नव् जाइब नैना गढ़ में बिदत होई हमार
किरिया धरावे भँटवा है बाबू
सुनीं आल्हा बबूआन
जे छल करिहें राजा से जिन्ह के खोज
मंगा जी खाय
चलल पलकिया जब आल्हा के नैनागढ़ चलल
बनाय
घड़ी अढ़ाई के अंतर में नैनागढ़ पहुँचल जाय
नौ से कहंरा साथे चल गैल नैना गढ़ पहुँचल जाय
जवना किल्ला में बैठल इंदरमन तहवां आल्हा गैल
बनाय
छरपल राजा इंदरमन आल्हा कन गैल
बनाय
पकड़ल पहुँचा आल्हा के धरती में देल गिराय
बावन पाँती मुसुक चढ़ावे आखा में देल कसाय
लै चढ़ावल बजड़ा पर बात भैया छोटक के
बलि जाओं
लै डुबावव् आल्हा के गंगा दव् डुबाय
सवा लाख पलटन तैयारी होय गेल छोटक के गंगा तीर पहुँचल
बाय
लै डुबावत बा गंगा में आल्हा के डुबावत
बाय
अम्बर बैटा जासर के आल्हा नव् डूबे
बनाय
रुदल आइल इंद्रासन से डेरा पर पहुँचल
बाय
रोय कहँरिया दुरगौली में बाबू
रुदल बात बनाव
लै डुबावत बा आल्हा के गंगा में डुबावत
बाय
फाँद बछेड़ा पर चढ़ गल गंगा तीर पहुँचल
बाय
पड़ल लड़ाई है छोटक से
तड़तड़ तड़तड़ तेगा बोला उन्ह के खटर खटर तरवार
जै से छेरियन में हुँड्डा पर वैसे पलटन
में पड़ल रुदल बबुआन
जिन्ह के टॅगरी- धै के बीगे से त. चूरचूर हाये जाय
मस्तक भरे हाथी के जिन्ह के डोंगा चलल बहाय
थापड़ भोर ऊँटन के चारु सुँग चित्त होय जाय
सवा लाख पलटन कर गल छोटक के
जौं तक मारे छोटक के सिरवा दुइ खण्ड होय जाय
भागल तिलंगा छोटक के राजा इंदरमन के दरबार
कठिन लड़ंका बा कघ रुदल सभ के काट केल
मैदान
एत्ता बारता इंदरमन के रुदल के सुनौं हवाल
लैं उतारल बजड़ा से धरती में देल धराय
आखा खोल के रुदल देखे छाती मारे
ब के हाथ
लै चढ़ावल पलकी पर दुरगौली में गैल
बनाय
एत्तो बारता बा आल्हा के इंदरमन के
सुनीं हवाल
बीड़ा पड़ गैल इंदरमन के राजा इंदरमन
बीड़ा लेल उठाय
मारु बाजा बजवावे बाजा बोले जुझाम जुझाम
एकी एका दल बटुरे दल बावन नब्बे हजार
बावन मकुना खोलवाइन एकदंता तीन हजार
नौ सौ तोप चले सरकारी मँगनी जोते तीन हजार
बरह फैर के तोप मँगाइन गोला
से देल भराय
आठ फैर के तोप मँगाइन छूरी से देल
भराय
किरिया पड़ि गैल रजवाड़न में बाबू जीअल के धिरकार
उन्ह के काट करों खरिहान
चलल जे पलटन इंदरमन के सिब
मंदिर पर पहुँचल जाय
तोप सलामी दगवावल मारु डंका देल
बजवाय
खबर पहुँचल बा रुदल कन भैया आल्हा
सुनीं मोर बात
करव् तैयार पलटन के सिब मंदिर पर चलीं बनाय
निकलल पलटन रुदल के सिब मंदिर पर पहुँचल बाय
बोलल राजा इंदरमन बाबू रुदल सुनीं मोर बात
डेरा फेर दव् एजनी से तोहर महा काल कट जाय
तब ललकारे रुदल बोलल रजा इंदरमन के बलि जाओं
कर दव् बिअहवा सोनवा के काहे बढ़ैबव् राड़
पड़ल लड़ाइ है पलटन में झर चले लागल तरवार
ऐदल ऊपर पैदल गिर गैल असवार ऊपर असवार
भुँइयाँ पैदल के नव् मारे नाहिं घोड़ा असवार
जेत्ती महावत हाथी पर सभ के सिर देल दुखराय
छवे महीना लड़ते बीतल अब ना हठे इंदरमन बीर
चलल ले राजा बघ रुदल सोनवा कन गैल बनाय
मुदई बहिनी मोर पहुँच वाय
घैचल तेगा राजा इंदरमन सोनवा पर देल चलाय
जौं तक मारल इंदरमन के सिरवा दुइ खण्ड होय जाय
लोधिन गिरे इंदरमन के सोनवा जीव जे गैल पराय
तब ललकारे रुदल बोलल भैया सुनीं हमार एक बात
पलटन चल गैल बघ रुदल के गंगा तीर पहुँचल बाय
डुबकी मारे गंगा में जेह दिन गंगा तीर पहुँचल बाय
डुबकी मारे गंगा में जेह दिन गंगा करे असनान
चलल जे पलटन फिर ओजनी से नेना गढ़ पहुँचल बाय
हाथ जोड़ के रुदल बोलल बाबू समदेवा के बलि जाओं
कर दव् बिअहवा सोनवा के काहे बड़ैबव् राड़
एतनी बोली समदेवा सुन के राजा बड़ मंगन होय जाय
तूँ सोनवा के कर जव् बिअहवा काहे बैढ़बव् राड़
एतनी बोली रुदल सुन के बड़ मंगन होय जाय
सुनीं बारता समदेवा के
काँचे महुअवा कटवावे छवे हरिअरी बाँस
तेगा के माँड़ो छ्ँवौले बा
नौ सै पण्डित के बोलावाल मँड़वा में देल बैठाय
सोना के कलसा बैठौले बा मँड़वा में
पीठ काठ के पीढ़ा बनावे मँडवा के बीच मझार
जाँघ काट के हरिस बनावे मँड़वा के बीच मझार
मूँड़ी काट के दिया बरावे मँड़वा के बीच मझार
पलटन चल गैल रुदल के मँडवा में गैल समाय
बैठल दादा है सोनवा के मँड़वा में बैठल बाय
बूढ़ा मदन सिंह नाम धराय
प्रक बेर गरजे मँडवा में जिन्ह के दलके दसो दुआर
बोलल राजा बूढ़ा मदन सिंह सारे रुदल सुनव् बात हमार
कत बड़ सेखी है बघ रुदल के मोर नतनी से करै बियाह
पड़ल लड़ाइ है मँड़वा में जहवाँ पड़ल कचौंधी मार
नौ मन बुकवा उड़ मँड़वा में जहवाँ पड़ल चैलिअन मार
ईटाँ बरसत बा मँड़वा में रुदल मन में करे गुनान
आधा पलटन कट गैल बघ रुदल के सोना के कलसा बूड़ल माँड़ों में
धींचे दोहाइ जब देबी के देबी माँता लागू सहाय
घैंचल तेगा है बघ रुदल बूढ़ा मदन सिंह के मारल बनाय
सिरवा कट गैल बूढ़ा मदन सिंह के
हाथ जोड़ के समदेवा बोलल बबुआ रुदल के बलि जाओं
कर लव् बिअहवा तूँ सोनवा के नौ सै पण्डित लेल बोलाय
अधी रात के अम्मल में दुलहा के लेल बोलाय
लै बैठावल जब सोनवा के आल्हा के करै बियाह
कैल बिअहवा ओह सोनवा के बरिअरिया सादी कैल बनाय
नौ सै कैदी बाँधल ओहि माँड़ों में सभ के बेड़ी देल कटवाय
जुग जुग जीअ बाबू रुदल तोहर अमर बजे तरवार
डोला निकालल जब सोनवा के मोहबा के लेल तकाय
रातिक दिनवाँ का चलला में मोहबा में पहुँचल जाथ