ब्रज-वैभव

ब्रज कला एवं संस्कृति


भारतीय संगीत को ब्रज की देन


भारत के सांस्कृतिक जीवन में काव्य और संगीत का विशेष स्थान है। यदि उपासना भारतीय जीवन का अभिन्न अंग है, तो काव्य और संगीत उपासना के अभिन्न अंग हैं। इसके अर्थ यह नहीं कि उपासना से इतर जीवन में भारतीय कलाकार ने कला को ग्रहण ही नहीं किया, किंतु यह भी सत्य है कि इन दोनों का उपयोग उसने जब भी किया है, जीवन के प्रापंचिक स्तर से ऊपर, चिंता- उद्विग्नता से परि "स्वांगः सुखाय मनोरंजनाय चित्तवृत्ति निरोधायच'।क्योंकि जब तक चित्तवृत्ति का निरोध न होगा "रंगन' हो ही नहीं सकता। अब यह बात भिन्न है कि यह निरोध किस दिशा और भावना में होता है, परंतु यहाँ तक तो राजदरबारों का संगीत भी इस तथ्य का अपवाद नहीं। हाँ, उपासना के साथ जहाँ काव्य और संगीत को उन्मुक्तम और उदात्त रुप से भावपक्ष में विकास मिला, वहीं राजदरबार में प्रच्छन्न संरक्षण के साथ कलापक्ष में नित नया रुप। इस प्रकार भारत में काव्य- संगीत के विकास की गौरवगाथा, उपासना और राजदरबार दोनों के ही सहारे आगे बढ़ी है। इसी तथ्य को दृष्टि में रख अपने इस लेख में हमने सुविधा के लिए काव्य- संगीत को उपासना के साथ महत्रयी एवं राजदरबार के साथ लघुत्रयी की संज्ञा दी है।

महत्रयी और लघुत्रयी की इन दोनों त्रिपुरियों का उदगम- विकास कब और कैसे हुआ ? इस संबंध में विद्वान नाना प्रकार की ऊहा करते हैं, परंतु वह निश्चित तथ्य अभी तक "देख्यौ सुन्यौ कबहूँ कितै' न रुप से अज्ञातवास में ही है। तथापि यह कहा जा सकता है कि जहाँ वेदमंत्रों में उदात्त- अनुदात्त स्वरित रुप से भारत के प्राचीनतम साहित्य में संगीत के स्वर जगते हैं। यही नहीं श्रीकृष्ण- कथित "वेदानां सामवेदोsस्मि' के उदघोष में भी सामवेद का सांगीतिक महत्व प्रखर हुआ है तथा बाद में भी आदिकाव्य रामायण से पुराण, संस्कृत और पालि साहित्य तक काव्य- संगीत उपासना का ही अंचल पकड़ कर सामने आए हैं, वहीं वैदिक देवराज इंद्र के राजदरबार से महाभारतकालीन राजाओं के राज्याश्रय ने भी निज के न सही, पड़ोसी के बालकों की तरह काव्य- संगीत को प्रश्रय अवश्य दिया है। महत्रयी और लघुत्रयी के इस इतिहास से एक बात और प्रत्यक्ष होती है कि भारत की किसी भी भाषा का साहित्य जब भी दमका, संगीत की क्रांति के साथ। जब- तब ये दोनों न्यारे- न्यारे पथ पर भी भूले- भटके, परंतु इस अवस्था में दोनों की प्रगति रुक गई फिर.....जब ये बढ़े तो फिर दोनों एक ही साथ।

 

 

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