बुंदेलखंड संस्कृति |
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खजुराहो :- एक परिचय |
कवि श्री शहाब अशरफ ने इस प्रकार खजुराहो को बड़ी सुक्ष्मता से परखा है। मध्यप्रदेश के छत्तरपुर जिले स्थित, खजुराहो मध्यकालीन मध्य भारतीय चंदेलों की राजधानी थी। यह क्षेत्र छत्तरपुर राज्य के नाम से भी जाना जाता था। खजुराहो के नामांकरण के संबंध में अनेक मत प्रचलित हैं। कनिन्घम एक शिलालेख से पढ़कर मूल नाम खर्जुर वाटिका या खजुवाटिका और फिर खजुराहा या खजुपुरा मानते हैं। अलबरुनी ( सन् १०३५ ) ने खजुराहा का उल्लेख किया है। ६४१ ई. में चीनी यात्री ह्मवेनसांग ने खजुराहो का उल्लेख किया है। वह इसे जाहुति राज्य (जुझौती या बुंदेलखण्ड ) की राजधानी कहता है। यह ज्यादा प्रचलित है कि खजुराहो की नगर के द्वार पर दो स्वर्ण वर्ण के खजुर के वृक्ष थे, जो द्वार को अलंकृत करते थे। उन्हीं खजूर के पेड़ों के कारण इसका नाम खजुराहो पड़ा। राजधानी होने के कारण चंदेलों के समय इसका विकास चरर्मोत्कर्ष पर था। बाद में विभिन्न कारणों से इसका पतन होने लगा। वर्तमान में यह एक जाने- माने पर्यटक स्थल के रुप में जाना जाता है। |
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