हजारीप्रसाद द्विवेदी के पत्र

प्रथम खंड

संख्या - 36


IV/ A-2035

शान्तिनिकेतन

दिनांक 11.2 .40

पूज्य चतुर्वेदी जी,

              प्रणाम!

       कृपा-पत्र मिला। २०/- मनीआर्डर प्रेम जी के यहाँ से मिल गया है। अत्यन्त उपकृत ुआ हूँ। एण्ड्रूज साहब का कल मानस्थली में आपरेशन हुआ है। यद्यपि आपरेशन सफल हुआ है, पर अमित बाबू ने तार दिया है कि अवस्था बहुत ही चिन्ताजनक है। तार में केवल ये शब्द हैं-

Operation successful.

Condition serious.

       हम लोगों को इतनी ही खबर अभी तक मिली है। आश्रम में बड़ी चिन्ता छाई हुई है। कुछ लोग आज शाम को जाने का विचार कर रहे हैं।

       यहाँ और सब कुशल है।

       महात्मा जी १७ को आ रहे हैं।

       त्रिपाठी जी से कहें कि उनका पत्र मिला था। आज जल्दी में हूँ। उन्हें बाद में पत्र लिखूँगा। उनके लेख भी मिल गया था।

       क्षिति बाबू ने बड़े दादा के संबंध में लेख लिख लिया है। छप कर आ जाय तो अनुवाद कर दूँगा। क्या उसके पहले ही अनुवाद चाहिए?

आपका

हजारी प्रसाद द्विवेदी

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© इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र १९९३, पहला संस्करण: १९९४

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प्रकाशक : इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली एव राजकमल प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली