मलिक मुहम्मद जायसी का व्यक्तित्व |
जैसा कि नाम से मालूम पड़ता है कि मलिक जायसी के रहने वाले थे। जायसी में रहते- रहते वह कुछ दिनों के लिए इधर- उधर भी गए। कुछ दिनों के बाद वह जायस दोबारा वापस आए थे। इस बात का संकेत उन्होंने स्वयं किया है :-
जायस के लोगों के अनुसार वह जायस के ही रहने वाले थे। वहाँ के लोग इनका घर का स्थान अब भी दिखाते हैं। अपनी प्रसिद्ध ग्रंथ पद्मावत में जायसी ने अपने चार मित्रों का जिक्र किया है, वह हैं - युसूफ मलिक, सालार खादिम, सलोनों मियां और बड़े शेख। ये चारों जायस के ही रहने वाले थे। सलोनों मियां के संबंध में आज तक जायस में यह जनश्रुति चली आ रही है कि वे बहुत बलवान थे।
उपर्युक्त पंक्तियों से अनुमान होता है कि बाएं कान से भी उन्हें कम सुनाई पड़ता था। एक बार जायसी शेरशाह के दरबार में गए, तो बादशाह ने इसका मुँह देखकर हँस दिया। जायसी ने शांत भाव से पूछा -
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| कवि एवं लेखक | |
Content Prepared by Mehmood Ul Rehman
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