केशवदास की कृतियाँ
वर्गीकरण
केशव की रचनाओं का विषय और रुप की दृष्टि से वर्गीकरण निम्नलिखित है -
वीरभाव |
रतनबावनी |
मुक्तकप्रबन्ध |
प्रबंधकाव्य |
प्रशस्तिमूलक |
वीरसिंहदेवचरित |
चरितकाव्य |
(प्रबन्धकाल) |
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जहांगीरजस चन्द्रिका |
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रामभक्ति |
रामचन्द्रिका |
महाकाव्य |
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श्रृंगार रसराजत्व |
रसिकप्रिया |
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अलंकारशास्र |
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लक्षणग्रन्थ |
आचमित्व संबंधी |
कविशिक्षा |
कविप्रिया |
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छन्दशास्र |
छन्दमाला |
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ज्ञान वैराग्य |
विज्ञानगीता |
प्रबोधचन्द्रोदयशैली |
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विश्लेषण
"रतनबावनी' बावनी काव्यरुप में आती है। इसे छ छंद में लिखे गए हैं। इसकी मूल प्रेरणा वीर-पूजा की है। केशवदास ने राजकुमार रतनसेन की वीर-गति को जातीय राष्ट्रीयता का संदर्भ प्रदान करने का प्रयास किया है।
वीरसिंहदेवचरित को धर्म-प्रतीकों के माध्यम से एक उदात्त संदर्भ प्रदान किया गया है। यह प्रतीक योजना दान, लोभ और विंध्यवासिनी देवी में परिलक्षित है।
जहांगीरजस चन्द्रिका में उद्यम और भाग्य का संवाद दिया गया है। इसके आरंभ में शाही दरबार का विशद चित्र है।
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