विदिशा एवं आस- पास के क्षेत्र : दर्शाण क्षेत्र अमितेश कुमार |
प्राचीन नगर विदिशा तथा उसके आस- पास के क्षेत्र को अपनी भौगोलिक विशिष्टता के कारण एक साथ दशान या दशार्ण (दस किलो वाला ) क्षेत्र की संज्ञा दी गई है। यह नाम छठी शताब्दी ई. पू. से ही चला आ रहा है। इस नाम की स्मृति अब भी बेतवा की सहायक नदी धसान नदी के नाम में अवशिष्ट है। कुछ विद्वान इसका नामाकरण दशार्ण (धसान ) नदी के कारण मानते हैं, जो दस छोटी- बड़ी नदियों के समवाय- रुप में बहती थी। विदिशा इसकी सुसंस्कृत राजधानी हुआ करती थी। यह स्थान कर्क रेखा पर २३#ं३१' अक्षांश तथा ७७"५१' देशान्तर पर देश के मध्य भाग में स्थित है। समुद्रतल से इसकी ऊँचाई १५४६ फीट है। विदिशा मालवा के उपजाऊ पठारी क्षेत्र के उत्तर- पुरब हिस्से में अवस्थित है तथा पश्चिम में मुख्य पठार से जुड़ा हुआ है। ऐतिहासिक व पुरातात्विक दृष्टिकोण से यह क्षेत्र मध्यभारत का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जा सकता है। नगर से दो मील उत्तर में जहाँ इस समय बेसनगर नामक एक छोटा- सा गाँव है, प्राचीन विदिशा बसी हुई है। यह नगर पहले दो नदियों के संगम पर बसा हुआ था, जो कालांतर में दक्षिण की ओर बढ़ता जा रहा है। इन प्राचीन नदियों में एक छोटी- सी नदी का नाम वैस है। इसे विदिशा नदी के रुप में भी
जाना जाता है। |
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