मालवा क्षेत्र का प्राकृतिक विभाजन अमितेश कुमार |
प्राकृतिक बनावट के आधार पर संपूर्ण मालवा क्षेत्र को चार भागों में बाँटा जा सकता है --
उत्तर- पूर्वी पठार क्षेत्र (दशार्ण क्षेत्र) इस क्षेत्र के अंतर्गत विदिशा तथा उसके आस- पास का क्षेत्र आता है, जिसका प्राचीन नाम आकर व दशार्ण था। मध्य मालवा पठार का संकीर्ण विस्तार यह क्षेत्र पूरब, उत्तर तथा दक्षिण की ओर से विंध्याचल की पर्वतश्रेणियों से घिरा हुआ है। पूरब की तरफ स्थित गंगा के उपजाऊ समतल मैदान को छूता हुआ, यह क्षेत्र एक समय समृद्धशाली व संपन्न था। केन्द्रीय पठार क्षेत्र यह क्षेत्र दक्षिण में विंध्य श्रेणी, पूर्व में भोपाल से चंदेरी तक विस्तृत विंध्य श्रेणी की एक शाखा से, पश्चिम में अमक्षेरा से चित्तौड़ तक विस्तृत उसी पर्वत की शाखा से तथा उत्तर में चित्तौड़ से चंदेरी तक विस्तृत मुकुंदवाड़ा श्रेणी से घिरा हुआ है। इसमें आधुनिक मध्य प्रदेश के राजगढ़, शाजपुर, देवास, इंदौर, रतलाभ और धार जिले सम्मलित थे। उत्तर- पश्चिमी पठार क्षेत्र मेवाड़ को छूता हुआ यह क्षेत्र के अंतर्गत वर्तमान का संपूर्ण मंदसौर व रतलाम जिला का कुछ हिस्सा आता है। इस क्षेत्र के पहाड़ी व उबर - खाबर होने के कारण सैन्य- जीवन से जुड़े गतिविधियों का अत्यधिक विकास हुआ। मालव व औलिकर राजाओं ने, जिन्होंने इस क्षेत्र पर शासन किया, अपने वीरतापूर्ण कृत्यों के लिए जाने जाते हैं। पत्थरों की प्रचुर उपलब्धि के कारण यहाँ के ज्यादातर भवन पत्थरों के ही बने। दशपुर (मंदसौर) इस क्षेत्र का महत्वपूर्ण नगर था। नर्मदा की घाटी (निमाड़ की समतल भूमि) प्राचीन काल में यह क्षेत्र "अनुप' क्षेत्र के रुप से प्रसिद्ध यह क्षेत्र उत्तर में विंध्य व दक्षिण में सतपुरा से घिरी नर्मदा की निम्न संकीर्ण घाटी है। विंध्य की तरह यह चौड़ी होती गई है। पूरा क्षेत्र समतल व उपजाऊ है। नर्मदा के निकट होने के कारण संपूर्ण भाग में दूर तक सिंचाई की सुविधा है। लकड़ियों में सागौन बहुतायक में मिलता है। लेकिन यहाँ की जलवायु उत्तर के पठारी भागों की तरह सहज नहीं है। नर्मदा के किनारे स्थित नगर महिष्मती (महेश्वर) मध्यभारत का सबसे प्राचीन नगर माना जाता है। उपरोक्त भौगोलिक क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले मुख्य नगरों अन्य स्थानों का विवरण इस प्रकार है -- (क) उत्तर- पूर्वी मालवा पठारी क्षेत्र (दशार्ण क्षेत्र)
(ख) मध्य पठारी क्षेत्र
(ग) उत्तर- पश्चिमी मालवा पठारी क्षेत्र (मंदसौर जिला)
(घ) नर्मदा की घाटी (निमाड़ की समतल भूमि)
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