मालवा के इतिहास के स्रोत विदेशी भ्रमणकारियों के लेख अमितेश कुमार |
विविध पुरातात्विक व साहित्यिक प्रमाणों के साथ- साथ कुछ विदेशी यात्रियों के लेख भी प्राचीन मालवा की जानकारी देने में सहायक हुए हैं। पेरिप्लस आॅफ इरीथ्रियन "सी' के अज्ञात लेखक ने सन् ८० ई. में भारत की समुद्री यात्रा के आधार पर यहाँ के बंदरगाहों व व्यवसायों की चर्चा की है। २री सदी में टोलेभी ने भारत के भौगोलिक स्थिति की चर्चा करते हुए, पश्चिमी मालवा की राजधानी उज्जयिनी बतलाया। ह्मवेनसांग ने अपने यात्रा के दौरान मालवा के विभिन्न स्थलों का भ्रमण किया तथा वहाँ की राजनीतिक स्थिति तथा बौद्ध धर्म के प्रभाव के बारे में लिखा। उस समय उज्जयिनी में बौद्ध धर्म अपने पतन की ओर था। उसने कुछ ही बौद्ध स्तुपों की चर्चा की तथा कई मंदिरों का उल्लेख किया।
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