Panchtantra |
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पंचतंत्र संस्कृत नीतिकथाओं
में पंचतंत्र का पहला स्थान माना जाता है।
यद्यपि यह पुस्तक अपने मूल रुप में नहीं रह गया है, फिर
भी उपलब्ध अनुवादों के आधार पर इसकी
रचना तीसरी शताब्दी के आस- पास निर्धारित की गई है।
इस ग्रंथ के रचयिता पं. विष्णु शर्मा है। उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर कहा जा
सकता है कि जब इस ग्रंथ की रचना पूरी हुई, तब
उनकी उम्र ८० वर्ष के करीब थी। पंचतंत्र को पाँच तंत्रों (भागों)
में बाँटा गया है :-
संदर्भ सूची :-
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