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पंचाल की स्थलीय संरचना |
पंचाल प्रदेश की स्थलीय संरचना प्रायः नदियों द्वारा बहाकर लाई गई जलोढ़ मिट्टी से बना है। मैदानी भू- भाग का निर्धारण भू- वैज्ञानिकों ने उच्चावन एवं ढ़ाल के अनुपात में किया है। हिमालय पर्वत ( उत्तरगिरि ) से चर्मण्वती नदी तक का अधिकांश भू- भाग राम गंगा, भागीरथी गंगा, इक्षुमती ( काली ), आकिंरद ( किंरद ), ईशन, सेंगुर, यमुना, चंबल आदि नदियों द्वारा बहाकर लाई गई कंकरीली- पथरीली मिट्टी के अतिरिक्त चिकनी रेतीली जलोढ़ मिट्टी से निर्मित है। उत्तरी पंचाल ऊँचे टीलों को छोड़कर समुद्र तल से १५०- ३०० मी. की ऊँचाई पर बसा है। इसका अधिकांश भाग वनाच्छादित है। दक्षिणी पंचाल यमुना- चंबल नदी की गहरी घाटी के उत्तर की तरफ फैला है। संपूर्ण भूखण्ड का ढ़ाल पूर्व तथा दक्षिण- पूर्व की ओर नदियों के बहाव की दिशा में है।
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