रुहेलखण्ड

Rohilkhand


पुरातत्व - पुरावशेष/पुरानिधियाँ

रुहेलखण्ड का पुरातत्व एवं प्राप्त पुरावशेष

रुहेलखण्ड में पुरातात्विक उत्खनन सर्वप्रथम अहिच्छत्रा में सन्
1833 ई० में अंग्रेज पुराविद् हेडग्रान द्वारा किया गया , यद्यपि यह वैज्ञानिक ढंग का उत्खनन नहीं था। तदुपरान्त सन् 1862-63 में कनिंघम महोदय ने यहाँ खुदाई द्वारा प्राचीन पुरावशेष प्राप्त किये। कनिंघम महोदय के पश्चात एक अन्य अंग्रेज विद्वान डॉ० ए० फ्यूरर ने अहिच्छत्रा में खुदाई की तथा रुहेलखण्ड के अन्य भागों का सर्वेेक्षण किया तथा अनेक पुरास्थलों की खोज की जिनमें अहिच्छत्रा के अतिरिक्त रुहेलखण्ड के पूर्वी भाग में स्थित शाहजहाँपुर जनपद के खेड़ा - बझेड़ा व माती पुरास्थलों से महत्वपूर्ण पुरानिधियाँ प्राप्त की।

रुहेलखण्ड क्षेत्र में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पुरातात्विक उत्खनन 1940 -44 के मध्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा रायबहादुर के० एन० दीक्षित द्वारा किया गया , जिसमें प्राचीन अहिच्छत्रा का गौरवपूर्ण अतीत प्रकाश में आया तथा अनेक अनछुये तथ्यों पर प्रकाश पड़ा।

इसके बाद भी समय - समय पर अनेक सर्वेक्षण हुए परन्तु इस क्षेत्र के पुरातत्व को सुदृढ़ पुरातात्विक परिपेक्ष्य 1960-62 के अहिच्छत्रा उत्खनन में प्राप्त हुआ जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा डा०ॅ एन० आर० बनर्जी द्वारा किया गया। उपरोक्त विद्वानों के अथक प्रयास से अनेक प्रकार के महत्वपूर्ण पुरावशेष प्रकाश में आए जिनके द्वारा इस क्षेत्र के प्राचीन इतिहास को जानने में मदद मिली। 

अहिच्छत्रा पुरास्थल

कालान्तर में रुहेलखण्ड के अनेक स्थानों से महत्वपूर्ण पुरानिधियाँ प्रकाश में आती रहीं जिनमें शुंग , कुषाण, गुप्त एवं उत्तरगुप्त कालीन प्रस्तर एवं मृण्मूर्तियाँ , सिक्के , स्थापत्य निर्माण के अवशेष व ईटें , मनके व मृण्पात्र व ताम्रनिधियाँ आदि महत्वपूर्ण हैं।

अहिच्छत्रा ( वर्तमान बरेली जनपद में स्थित ) के अतिरिक्त रुहेलखण्ड क्षेत्र में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पुरानिधियाँ शाहजहाँपुर जनपद से प्राप्त हुई जिनमें द्वितीय सहस्राब्दी ई० पू० की ताम्रनिधियाँ अथवा ताम्रास्र प्रमुख है; जो आकस्मिक रुप से शाहजहाँपुर जनपद के बहरिया, सारथौली, इन्दिलापुर, ढ़का नामक पुरास्थलों से प्रतिवेदित हुये। इनमें ताम्रनिधियों की प्राप्ति के पश्चात बहरिया नामक पुरास्थल पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास , संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के प्रो० जी० आर० शर्मा एवं प्रो० विद्याधर मिश्र द्वारा उत्खनन करने पर गैरिक मृदभाण्ड प्राप्त हुये जिन्हें अनेक विद्वान ताम्रनिधियों के समकालीन मानते हुये सैन्धव सभ्यता के आस - पास अनुमानित करते हैं।

इसके अतिरिक्त शाहजहाँपुर जनपद की महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोजों में जनपद की सदर तहसील में स्थित बाँसखेड़ा नामक पुरास्थल से 1894 ई० में प्राप्त हर्ष का बाँखेड़ा ताम्रपत्र अभिलेख अत्यन्त महत्वपूर्ण है। हर्ष सम्वत् 22 ( 628 ई०) के इस अभिलेख में हर्ष द्वारा अहिच्छत्रा मुक्ति के अंगदीय विषय के मर्कटसागर ग्राम को भारद्वाज गोत्रीय ब्राह्मणों को दान देने में का उल्लेख मिलता है । साथ ही हर्ष की वंशावली तथा हर्ष के काल से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारियाँ इस ताम्र अभिलेख द्वारा प्राप्त होती है।

शाहजहाँपुर से प्राप्त पुरावशेष

कालान्तर में इस क्षेत्र में प्रो० वी० डी० मिश्र, श्री बी० बी० मिश्र , प्रो० वी० एन० मिश्र तथा डॉ० राजीव पाण्डेय द्वारा इस क्षेत्र में समय समय पर किये गये पुरातात्विक सर्वेक्षणों में अनेक महत्वपूर्ण पुरावशेष ( गैरिक, चित्रित धूसर , धूसर, उत्तरी कृष्ण मार्जित लोहित मृदभाण्ड, शुंग, कुषाण, गुप्त , उत्तर गुप्त कालीन मृण्मूर्तियाँ व प्रस्तर मूर्तियाँ , स्थापत्य निर्माण के अवशेषों के रुप में ईटे, कुषाण व गुप्तकालीन सिक्के , मनके आदि ) प्रमुख हैं ।

अहिच्छत्रा व शाहजहाँपुर जनपद के अतिरिक्त विगत वर्षो में पीलीभीत जनपद में स्थित अभयपुर नामक पुरास्थल की खोज का उत्खनन म० ज्यो० फु० रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति विभाग के अध्यक्ष प्रो० उदय प्रकाश अरोड़ा के निर्देशन में किया गया । इस पुरास्थल के उत्खनन में विद्वान उत्खननकर्ता को चित्रित धूसर मृदभाण्ड संस्कृति के पुरावशेष प्राप्त हुये हैं।

इनके अतिरिक्त प्रो० प्रकाश अरोड़ा के निर्देशन में रुहेलखण्ड के अन्य जिलों का पुरातात्विक सर्वेक्षण व अन्वेषण जारी है।

रुहेलखण्ड से प्राप्त पुरावशेष

पुरावशेष सम्भावित काल पुरास्थल जनपद
गंगा की मृण्मूर्ति

गुप्तकाल

अहिच्छत्रा बरेली
यमुना की मृण्मूर्ति गुप्तकाल अहिच्छत्रा बरेली
शिव का शीर्ष गुप्तकाल अहिच्छत्रा बरेली
शिराच्छादन गुप्तकाल अहिच्छत्रा बरेली
विष्णु की मूर्ति गुप्तकाल अहिच्छत्रा बरेली
घुंघराले वालों की नारी गुप्तकाल अहिच्छत्रा बरेली
बालक मृण्मूर्ति गुप्तकाल अहिच्छत्रा बरेली
पुरुष मृण्मूर्ति गुप्तकाल अहिच्छत्रा बरेली
मेषवाहिनी स्री मृण्मूर्ति गुप्तकाल अहिच्छत्रा बरेली
धनुर्धारिणी स्री मृण्मूर्ति गुप्तकाल अहिच्छत्रा बरेली
गज-लक्ष्मी प्रस्तर मूर्ति गुप्तकाल अहिच्छत्रा बरेली
गैरिक मृण्पात्र 1200 ई०पू० अहिच्छत्रा बरेली
चित्रित धूसर मृण्पात्र 900 ई०पू० अहिच्छत्रा बरेली
उ० कृष्ण मार्जित मृण्पात्र 500 ई०पू० अहिच्छत्रा बरेली
लोहित मृण्पात्र सभी कालों के अहिच्छत्रा बरेली
चित्रित धूसर मृदभाण्ड 1000- 800 ई०पू० अभयपुर पीलीभीत
चित्रित धूसर मृदभाण्ड 1100 ई०पू० शाहबाजनगर शाहजहाँपुर
हर्ष का बाँसखेड़ा अभिलेख 628 ई० वाँसखेड़ा शाहजहाँपुर
नारी की स्वर्ण मूर्ति गुप्तकाल अज्ञात शाहजहाँपुर
कुषाणकालीन मुद्रायें कुषाण खेड़ावझेडा
गन्धरपुर
पोसेल
शाहजहाँपुर
ताम्रनिधियाँ 2000 ई०पू०

इन्दिलापुर
बहरिया
सरथौली

ढ़का

शाहजहाँपुर
नागिनी की मृण्मूर्ति कुषाण खेड़ा-वझेडा शाहजहाँपुर
त्रिनेत्र शिव की प्रस्तर मूर्ति उत्तर गुप्त कुतुवापुर शाहजहाँपुर
अन्य खण्डित मृण्मूर्तियाँ कुषाणकालीन गन्धरपुर
खेड़ा-वझेडा
शाहजहाँपुर
खण्डित मृण्मूर्तियाँ गुप्तकालीन शाहवाजनगर
पोसिल
शाहगंज
खेड़ा-वझेडा
शाहजहाँपुर

 

स्थापत्य निर्माण के अवशेष - ईटें गुप्तकालीन माती
सिमरा खेड़ा
शाहजहाँपुर

रुहेलखण्ड में हुए उपरोक्त पुरातात्विक कार्यों (उत्खनन/ अन्वेषण) से इस क्षेत्र का प्राचीन अलिखित इतिहास प्रकाश में आया तथा साथ ही क्षेत्र के पुरातत्व को उत्खननों के द्वारा वैज्ञानिक आधार भी मिला।

  | विषय सूची |


Content Prepared by Dr. Rajeev Pandey

Copyright IGNCA© 2004

सभी स्वत्व सुरक्षित । इस प्रकाशन का कोई भी अंश प्रकाशक की लिखित अनुमति के बिना पुनर्मुद्रित करना वर्जनीय है ।