रुहेलखण्ड |
Rohilkhand |
|
जैन धार्मिक स्थल |
पार्श्व नाथ अतिशय तीर्थ - दिगम्बर जैन मन्दिर, रामनगर (बरेली) बरेली जिले के आँवला तहसील के निकट स्थित नामक स्थान पर भगवान पार्श्वनाथ का प्रसिद्ध मन्दिर है। इसी स्थान पर भगवान पार्श्वनाथ ने अखण्ड तप किया था। इस पुण्य स्थली पर पार्श्वनाथ ने कैवल्य ज्ञान पाकर अरहन्त प्राप्त किया था। इस पुण्य स्थली पर प्राचीन काल से ही लाखों भर्तों ने पुण्य लाभ लेकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण की है। यहाँ अनेक श्रद्धालुओं ने पश्चाताप करके अपने को सुमार्ग पर लगाया है। इस पुण्य स्थली के बारे में लोकमान्यता है कि यहाँ के मुख्य मन्दिर में एक विशाल सपं प्रतिदिन अदृश्य रुप से आता है और भगवान पार्श्वनाथ की प्रदक्षिणा लगाकर बिना किसी को हानि पहुँचाए वापस चला जाता है।
यहाँ भगवान पार्श्वनाथ की पाषाण निर्मित एक पदमासन प्रतिमा है, जिसके शीर्ष पर पंचमपखी फण है। इस प्रतिमा के बारे में लोक धारणा है कि सन् 1857 के गदर के समय कुछ आक्रमणकारियों ने यहाँ हमले किया। मन्दिर का माली इस प्रतिमा को लेकर निकट स्थित एक कुँए में लगातार तीन दिन बैठा रहा। जब खतरा टल गया , जब प्रतिमा लेकर वह माली कुँए से बाहर निकला। प्रतिमा के प्रभाव के कारण इस कुँए का जल पवित्र हो गया। आज सैकड़ों श्रद्धालु इस कुँए के पवित्र जल से स्नान करते हैं। लोगों का मानना है कि इस जल से स्नान करने से कैन्सर जैसी घातक बीमारियों का सफलतापूर्वक अन्त हो जाता है। रामनगर में स्थित वर्तमान अपनी अनूठी वास्तुकला के कारण किसा का भी मन मोह सकने में समर्थ है। इस मन्दिर का मुख्य द्वार अत्यन्त सुन्दर तथा विशाल है। मन्दिर प्रांगण में स्थित मुख्य हाल में पार्श्वनाथ की अनेक सुन्दर प्रतिमाएं हैं । इस कक्ष में छ: फुट ऊँची भगवान महावीर की प्रतिमा भी स्थित है, जो शिल्प कला की दृष्टि से उच्च कोटि की है। |
||
| विषय सूची | |
Content Prepared by Dr. Rajeev Pandey
Copyright IGNCA© 2004
सभी स्वत्व सुरक्षित । इस प्रकाशन का कोई भी अंश प्रकाशक की लिखित अनुमति के बिना पुनर्मुद्रित करना वर्जनीय है ।