रुहेलखण्ड |
Rohilkhand |
|
नवरात्र के गीत |
नवरात्र के अवसर पर गाये जानेवाले गीत विभिन्न धार्मिक अवसरों का गीतों से गहन सम्बन्ध है। नवरात्र के अवसर पर गाये जाने वाले गीत , भारत के अनेक प्रान्तों में देखे जा सकते हैं। रुहेलखण्ड के गाँवों में ऐसे अनेक गीत प्रचलित हैं , जिन्हें नवरात्र में गाया जाता है। इनमें से कुछ गीत इस प्रकार हैं --
पलका पीतल को बनवा लो, पटापट बोले लांगुरिया,
पलका पीतल को बनवा लो, पटापट बोले लांगुरिया,
पलका पीतल को बनवा लो, पटापट बोले लांगुरिया,
दो- दो जोगिनी के बीच अकेला लांगुरिया।
पहली जोगिनी यो उठ बोली नथनी ला दे मोय,
पहली जोगिनी यो उठ बोली तगड़ी ला दे मोय,
पहली जोगिनी यो उठ बोली बिन्दा ला दे मोय,
मेरो जीय लहरिया लेय भवानी जी के दर्शन कौ।
मेरो जेठ जान नाय देय भवानी जी के दर्शन कौ,
नवरात्र के समय रुहेलखण्ड को गाँवों और नगरों में छोटी -छोटी बच्चियों द्वारा गाए जाने वाले झुझिया गीत भी अत्यन्त लोकप्रिय हैं। नवरात्र के दिनों में छोटी बच्चियाँ टोलियाँ बनाकर घर-घर जाती हैं और इन गीतों को सामूहिक रुप से गाती हैं। इन गीतों को गाते समय यह बालिकाएं अपने साथ मिट्टी से बने जालीदार कंडील भी रखती हैं। छोटे- छोटे इन कंडीलों के भीतर दिया जलाया जाता है, जिससे कंडील सुन्दर प्रतीत होते हैं। |
| विषय सूची | |
Content Prepared by Dr. Rajeev Pandey
Copyright IGNCA© 2004
सभी स्वत्व सुरक्षित । इस प्रकाशन का कोई भी अंश प्रकाशक की लिखित अनुमति के बिना पुनर्मुद्रित करना वर्जनीय है ।