उत्तरांचल
घासें
ये घासें तराई - भावर से देश को जाती है -
कांस - टोकरी बनाने को। सींक - झाडू व कागज बनाने को। तुली - गाड़ी ठाँपने की सिरकी। बेंदू, नल, ताँता - चटाई बनाने को। मूँग - रस्सी बनाने को। भावर - कागज बनाने को। बाँस - तराई भावर से बहुत बाहर को भेजा जाता है। शहद भी कुमाऊँ से बहुत जाता है।
कांस - टोकरी बनाने को। सींक - झाडू व कागज बनाने को। तुली - गाड़ी ठाँपने की सिरकी। बेंदू, नल, ताँता - चटाई बनाने को। मूँग - रस्सी बनाने को। भावर - कागज बनाने को। बाँस - तराई भावर से बहुत बाहर को भेजा जाता है।
शहद भी कुमाऊँ से बहुत जाता है।
विषय सूची
Copyright IGNCA© 2003