उत्तरांचल

घासें


 
ये घासें तराई - भावर से देश को जाती है -


कांस - टोकरी बनाने को।

सींक - झाडू व कागज बनाने को।

तुली - गाड़ी ठाँपने की सिरकी।

बेंदू, नल, ताँता - चटाई बनाने को। 

मूँग - रस्सी बनाने को।

भावर - कागज बनाने को।

बाँस - तराई भावर से बहुत बाहर को भेजा जाता है।

शहद भी कुमाऊँ से बहुत जाता है।

 

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