ग्वालियर के मृणशिल्प

सामाजिक संरचना

- मुश्ताक खान


चक्रधारी कुम्हारों के अनेक गेत्र होते है जैसे बघेलिया, अगरैया आदि। विवाह के समय इन में चार नाते छेके जाते हैं जैसे बाप, मां, पति और पत्नी के गोत्रों मे विवाह नहीं होता। अन्य गोत्र है, एलिया, निमधरिया, करेटिया, गोहदुआ, धोलपुरिया, पलैया अधिकांश गोत्रो के नाम उनके पुरखों के मूल गांवो के नाम पर हैं। 

कुम्हारों की मुख्य शाखाएं है हथरेटीया, चकरेटीया, कमाठीया, बद्धिया, गोले आदि।

कमाठिया अधिकांशत: खिलौने बनाते हैं तथा चकरेटिया कुम्हारों से बर्तन खरीदकर उन्हें बाजार में बेचते है। चकिया, चौपड़, घोड़ा, हाथी, गुजरिया आदी प्रमुख खिलौने हैं।

 

 

  

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