देवनारायण फड़ परम्परा Devnarayan Phad Tradition देवनारायण का जन्म एवं मालवा की यात्रा देवनारायण जन्म इधर
सभी बगड़ावतों का नाश हो जाने पर
साडू माता हीरा दासी सहित मालासेरी
की डूंगरी पर रह रही होती है।
एक दिन अचानक वहाँ पर नापा ग्वाल आता
है और सा माता को ७ बीसी राजकुमारों
के भी मारे जाने का समाचार देता
है और कहता है कि सा माता
यहां से मालवा अपने पीहर वापस
चलो। कहीं राजा रावजी यहां पर चढ़ाई
ना कर दे। लेकिन सा माता जाने से
मना कर देती है। जब
एक दिन सा माता की काली घोड़ी के
बछेरा पैदा होता हैं, तब सा माता
को भगवान की कही बात याद आती
है कि काली घोड़ी के एक बछेरा होगा
वो नीलागर घोड़ा होगा उसके बाद
मैं आ
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