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१ |
देवी-देवताओं
का आह्वाहन |
१.१ |
गणेश
वन्दना |
१.२ |
सरस्वती
वन्दना |
१.३ |
विष्णु
वन्दना
|
१.४ |
लोक
अवतार
बाबा रामदेव जी |
१.५ |
जगत
देवता - शनि देव, सूर्य देव, चन्द्रमा |
(देवनारायण कथा
आरम्भ) |
२ |
हरीराम
और बाघ सिंह की कथा |
२.१ |
राजा
बिसलदेव
की कचहरी एवं अजमेर शहर |
२.२ |
राजा
माण्डल का मण्दारा/मंदारा |
२.३ |
हरीराम
और लीला सेवरी
|
२.४ |
बाघ सिंह का
बाग और उनके विवाह
|
३ |
चौबीस
बगड़ावतों की कथा |
३.१ |
बाघ सिंह की कचहरी |
३.२ |
बाबा
रुपनाथ और सवाई भोज |
३.३ |
नौलखा
बाग में बगड़ावत |
३.४ |
बगड़ावत
और रावजी नौलखा बाग में दारु
पीते-पिलाते |
३.५ |
दारु का रिसकर
पाताल में जाना और राजा बासक
का नाराज होना |
४ |
रानी
जयमती का अवतार और विवाह |
४.१ |
भगवान विष्णु
ब्राह्मण
के वेश में |
४.२ |
दुर्गा
रानी जयमती
के रुप में |
४.३ |
रानी जयमती के
विवाह |
४.४ |
रानी जयमती
रावजी
के महल में |
५ |
रानी
जयमती का सवाई भोज के साथ
भाग
जाना |
५.१ |
बगड़ावत
रानी जयमती
की तलाश में |
५.२ |
सवाई
भोज का रानी जयमती को
भगाकर ले जाना |
६ |
बगड़ावतों
और रावजी का युद्ध |
६.१ |
रावजी का
बगड़ावतों
के साथ युद्ध छेड़ना |
६.२ |
बाबा
रुनपाथ और रावजी का युद्ध |
६.३ |
जोधा
और जगरुप
का युद्ध में काम आना |
६.४ |
अटाल्या
जी और अन्य भाइयों की युद्ध में मृत्यु |
६.५ |
दीपकंवर का
युद्ध में काम आना |
६.६ |
युद्ध क्षेत्र
में नीयाजी |
६.७ |
रण
क्षेत्र में तेजाजी |
६.८ |
सिर कटने के
बाद भी नियाजी का युद्ध क्षेत्र में डटे
रहना |
६.९ |
खारी नदी का
युद्ध |
६.१० |
भांगीजी का जन्म |
६.११ |
सवाई
भोज और रानी जयमती |
६.१२ |
रानी जयमती का
विराट रुप |
६.१३ |
रावजी द्वारा
भूणाजी
को मरवाने की कोशिश |
७ |
देवनारायण का
जन्म एवं मालवा की यात्रा |
७.१ |
देवनारायण
जन्म |
७.२ |
ब्राह्मणों
और
डायन द्वारा बालक
देवनारायण को मरवाने की
कोशिश
|
७.३ |
साडू
माता को बालक देवनारायण को
साथ लेकर मालवा जाना |
७.४ |
भेरुजी
और जोगनियाँ |
७.५ |
साडू
माता द्वारा
छोछु भाट को जहर का भोजन
खिलाने
की कोशिश |
७.६ |
देवनारायण की
मालवा से वापसी |
७.७ |
देवनारायण का
एवं नाग
कन्या से विवाह |
७.८ |
देवनारायण एवं
पीपलादे का विवाह |
७.९ |
देवनारायण एवं
सोखिया पीर |
७.१० |
देवनारायण का
अपने भाई भांगी जी से मिलाप |
७.११ |
देवनारायण
की मालवा से खेड़ा चौसला में वापसी |
८ |
महेन्दू
जी एवं भूणाजी का मिलाप |
८.१ |
बजौरी
कांजरी और ढाई करोड़ का ज़ेवर |
८.२ |
महेन्दूजी
और भूणाजी मिलाप
|
८.३ |
महेन्दूजी
और देवनारायण
का मिलाप |
८.४ |
भूणाजी के कारनामें |
९ |
देवनारायण
के कारनामें |
९.१ |
देवनारायण के
हाथों राजा बिसलदेव द्वारा
भेजे
गए भैंसा सुरों का अन्त |
९.२ |
पार्वती का छोछु
भाट और देवनारायण पर अपने
शेर
द्वारा प्रहार करना |
९.३ |
देवनारायण द्वारा
पार्वती के शेर का वध
|
९.४ |
छोछु
भाट का दीयाजी
जोधका को लालच देकर देवनारायण
से भिड़वाना |
९.५ |
देवनारायण का
दीयाजी के मुँह के दांत तोड़ना |
९.६ |
देवनारायण
एवं उत्तम कंवर का युद्ध |
९.७ |
बुंली घोड़ी
वापस
खैड़ा चौसला में |
९.८ |
देवनारायण
और रायमल पटेल |
१० |
खैड़ा
चौसला में भूणाजी की वापसी |
१०.१ |
छोछु भाट
भूणाजी की तलाश में राण शहर
में |
१०.२ |
भूणाजी पुष्कर
में |
१०.३ |
खैड़ा
चौसला में
जय मंगला हाथी की वापसी |
१०.४ |
देवनारायण
और पिलोदा ठाकुर का युद्ध |
१०.५ |
भूणाजी
और सातल-पातल
के कटे हुए शीश |
१०.६ |
भूणाजी
को मरवाने के लिए रावजी के
षडयन्त्र |
१०.७ |
भूणाजी
और देवनारायण
का मिलाप |
११ |
पाँचों
भाईयों की फौज और रावजी से
बदला |
११.१ |
पाँचों
भाई देवनारायण की कचहरी में
|
११.२ |
देवनारायण की
गायें रावजी के खेतों में
|
११.३ |
कपूरी
धोबन और
देवनारायण के ग्वाले
|
११.४ |
रानी
सांखली और
देवनारायण
की गायें
|
११.५ |
रावजी
और देवनारायण
की गायें
|
११.६ |
देवनारायण
और अन्य भाई राताकोट की राड़
में
|
११.७ |
गायों की
वापसी और रावजी की मौत
|
११.८ |
देवनारायण
के पुत्र एवं पुत्री बिला-बिली का जन्म |
११.९ |
देवनारायण
की बैकुण्ठ की ओर वापसी |