हजारीप्रसाद द्विवेदी के पत्र

प्रथम खंड

संख्या - 50


IV/ A-2049

विश्वभारती पत्रिका

साहित्य और संस्कृति सम्बन्धी

हिन्दी त्रैमासिक

हिन्दी भवन

शान्ति निकेतन,बंगाल

20.1.42

श्रध्देय चतुर्वेदी जी,

सादर प्रणाम!

       विश्वभारती पत्रिका का प्रथम अंक निकल गया। शीघ्र ही सेवा में पहुँचेगा। इस अंक में एक नोट मैंने प्रान्तीय साहित्यों के अध्ययन पर दिया है। आपने लिखा था कि बुंदेलखण्ड पर भी कृष्णानंद जी से आप लिखाएँगे। यदि वे इस अंक के लिए उक्त लेख दे सकें तो अच्छा हो। उनको हम अलग से भी पत्र दे रहे हैं। आपको भी थोड़ा कष्ट देना चहाता हूँ। प्रान्तीय साहित्यों का अध्ययन किस ढ़ग से होना चाहिए और उसका उद्देश्य क्या होना चाहिए, इस विषय पर आप अपनी राय हमें लिख कर भेजें। आशा करता हूँ, इस समय आपका स्वास्थ्य ठीक ही होगा और लिखने में आपको विशेष कष्ट नहीं होगा।

       स्टेट में पत्रिका के दो-चार ग्रहाक हो सकते हैं क्या आप समय पाकर ऐसे महानुभावों का नाम सुझायें, जिन्हें हम complimentary copies इस आशा से भेज सकें कि वे भविष्य में ग्राहक बन जायँ।

       और सब कुशल है। आशा है आप सानदं हैं।

आपका

हजारी प्रसाद

       पं. बनारसी दास जी चतुर्वेदी

पुनश्च:

       हमारे प्रथम अंक पर अपनी बहुमूल्य सम्मति भेज कर हमें अनुगृहित करें।  

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© इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र १९९३, पहला संस्करण: १९९४

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प्रकाशक : इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली एव राजकमल प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली