हजारीप्रसाद द्विवेदी के पत्र

प्रथम खंड

संख्या - 120


IV/ A-2101

काशी
6.7.56

श्रध्देय पंडित जी,

प्रणाम! कृपापत्र मिला। विदिशा के बारे मे आपको कैसी सामग्री चाहिए। क्या मैं कुछ पुस्तकों के नाम बता दूँ या कुछ निश्चित विषयों पर आपको लिखकर भेज दूँ।

विदिशा और दशारर्ण देश का वर्णन आपको अच्छा लगा। इससे मुझे संतोष हुआ। आगे उज्जयिनी की चर्चा है। उसे भी देखें।

मैं आपकी आज्ञा के अनुसार प्रात:काल टहलने का नियम करने जा रहा हूँ। सायंकाल तो निकलता ही हूँ।

शेष कुशल है। आशा है प्रसन्न हैं।

आपका
हजारी प्रसाद

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© इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र १९९३, पहला संस्करण: १९९४

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प्रकाशक : इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली एव राजकमल प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली