१.
सिंगि लेक सिरिमरे जुलेतन्
प्रभु
ओते सिरिहोम मरेसल् तद्
ओतेरे हुड़िङ् सोबेन् को
अमग: नुतुमेको हिअतिङ्तन्
कजि मेने गेहो मेन: मेअ
मेन्दों हो कम् लेले दड़ि
दिसुम् होड़ो को अस्अर
अमठ: मणडगे को जरे तन
बरु दिरि हट हुटु
अञ् दो होञ् द्नदगिड़िजन्
बुरु जनर् सुड़ सङ्गेन्
अं जी रडे: जन्
अएअर रेदो अस्अरिय् मे
ग परोम् दिसुम् टुण्डु ते
तोलरे दो दोलञ् मे
इच: बा रसि चेपे: ते।
हे सूरज के समान आकाश में
चमकनेवाले प्रभो।
तुमने पृथ्वी ओरे आकाश को
प्रकाशित कर दिया है।
धरती के सभी छोटे-बड़े (जीव)
तुमको याद करते हैं।
तुम केवल कहने भर के लिए हो
(लेकिन)
आँख से दिखाई नहीं देते।
दुनिया के सभी आदमी कतार
बाँधकर
तुम्हारे ही पदचिन्हों पर चल रहे
हैं।
पहाड़ के ऊबड़-खाबड़ पत्थरों को
(देखकर)
(हमको) आश्चर्य होता है।
घाटी के पेड़ों की कोमल पत्तियों
को (देखकर)
मेरा मन सन्तुष्ट होता है।
अगर हमें ले चलना है
(तो) नदी के उस पार देश के सीमान्त
तक, ले चलो।
अगर हमें ले चलना है
(तो) ईचा फूल का रस चूसने के
लिए ले चलो।
२.
होर-होरते सोना हुन्दि बा
दइगोरेञ् सेन्देर नमन
डरे-डरते रुपा जम्बिर
दइगोरेञ् करेङ्ग नमन
दइगोरे मोद् सुतम बर सुतम
दइगोरे मुतु लेकम्
दइगोरे मोद् चरि: बर्
चरि:
दइगोरे गलङ्-लेकामे
कइञ हो गतिडो बङ्गइञ
कइञ हो कञ् गुतुअ
कइञ हो सङ्गञो बङ्गइय
कइञ हो कञ् गल
रास्ते में सोने के समान हुन्दी
फूल
हे बहन, गूँथ लो।
हे बहन, एक-दो गुच्छा,
हे बहन, गुच्छा बना लो
हे बहन, एक दो हार
हे बहन, गूँथ लो।
हे बहन, एक दो गुच्छा
हे बहन, गुच्छा बना लो।
नहीं मैं नहीं गूँथूँगी,
नहीं, (क्योंकि) मेरा प्रेमी नही है।
नहीं, मैं गुच्छा नहीं बनाऊँगी।
नहीं, (क्योंकि) मेरा साथी नहीं है।
३.
जेटे सिङ्गि ओते लोलोरे
ओको दरु कगे उरुडु:
जरगिद: जुरुकुण्डु रे
ओको चेणो कगे ओटङोछ
जेटे सिङ्गि ओतो लोलोरे
कित दरु कगे उरुडु:
जरगिद: होस्यो गमरे
लिटिअ चेणे कगे ओटङ्गे:
कित दरु सिले सिले
कित दरु कगे उरुडु:
लिटिअ चेणे टिउल् टिऊल्
लिटिअ चेणे कगे ओटङो:
जेठ की गरमी में (जब) धरती तप
जाती है,
(तब) कौन पेड़ नही झरता।
बरसात की मूसलाधार वर्षा में
कौन पक्षी (हवा के झोकें में) उड़ नहीं
जाता।
जेठ की गरमी में (जब) धरती तप
जाती है
(तब) खजूर का कौन पेड़ (है, जो)
नहीं झरता।
बरसात के तेज आँधी-पानी में,
लिटिया पक्षी नहीं उड़ता।
मरमर करता हुआ खजूर का पेड़,
नहीं झरता।
फुरफुर करता हुआ लिटिया पक्षी
नहीं उड़ता।
४.
हेन्दे गुले गुले दो
नोकोए सेनो: तन्
चँउरिअ सदोभ्ते
चिमए बिरिद् तन्
हेन्दे गुले गुले दो
गतिम् सेनो: तन्
चँउरिअ सदोम्ते
सङ्गम् बिरद् तन
मोयोद् कजिते
गतिम् हरतिङ् जन्
बरिअ बकण ते
सङ्गम् हरतिङ् जन्
यह काला-काला
कौन जा रहा है।
यह चौरिया घोड़े पर
कौन जा रहा है।
यह काला-काल
तुम्हारा प्रियतम जा रहा है
यह चौंरिया घोड़े पर
तुम्हारा प्रियतम जा रहा है
एक ही बात से
तुम्हारा प्रिय हार गया
दो ही बातों से
तुम्हारे प्रियतम की हार हो गई
(उसने अपने को समर्पित कर दिया)
५.
अलङ् दिसुमरेलङ् जोनोम् जन
पुतम् लेक होल जुड़ि जन
अलङ् गमएरेलङ् मत जन
परए लेक होलङ् मत जन
पुतम लेक होलङ् जुड़ि जन
मोदरे गतिञ् रेलड़ सुसन करम
परए लेक होलङ् जोत जन
अलङ् जी सोबेन् मेदे जन
मोदे रे मतिञ रेलङ् सुसुन
करम
करे गतिञ् रेल बपगेअ
अलङ् जी सोबेन् मोदे जन
जीदन सुमुङ्ेलङ् अप सुल
हम दोनो ने अपन देश में जन्म
पाया
हम दोनों को पणडुक के समान
जोड़ी हुई
हम दोनों अपने देश में बढ़े
(और) हम दोनों कबूतर के समान
साथी हुए।
हम दोनो की (जो) पाण्डुक के
समान जोड़ी हुई
तो हम एक साथ नाचे-गायेंगे।
हम दोनो जो कबूतर के समान
साथी बने
(तो) हम दोनों का हृदय एक हो
गया।
हम दोनों के साथ नाचे-गायेंगे
(और) कबी अलग नहीं होंगे
हम दोनों का मन एक हो गया है।
(और) जीवन-पर्यन्त एक दूसरो का
पालन-पोषण करेगा।
६.
कोदोम् दरु बङ्क दड़ रे
किष्टो जी रुतुइ ओरोङ्े
ओ गतिङ् ओ सङ्गञ् रे
जेत रेओ कमे ले लोग
ओङ् अतेञ उडु लेन
बोओ रे तोञ् अगु केद
ओ गतिञ ओ सङ्गञ् रे
जेत रेओ कमे लेलोग
तर तीते मण्डिञ् जोमेअ
तर तीते मेदद:ञ् गोसो: न
ओ गतिञ ओ सङ्गञ् रे
जेत रेओ कमे लेलोग
कदम्ब वृक्ष की टेढ़ी डाल पर
कष्ण वंशी बजा रहे हैं।
हे प्रिय, हे रागी।
तुम (कहीं) नहीं दीखते हो
मैं घर से निकली
और सिर पर हाथ रखा
हे प्रिय हे मित्र
तुम कीहं नहीं दीखते हो।
मैं एक हाथ से खाना खाती हूँ
और दूसरे हाथ से आँसू पोंछती
हूँ
हे प्रिय। हे मित्र
तुम कहीं नहीं दिखाई देते हो।
७.
नेते दुड़ नेते जिलि मिलिअ
दिसुमेदो लेसे लेसे अ
नेते दु नेते जिलि मिलिअ
गमए दो जिरिपि जल
दिसुमेदो लेसे लेसेअ
दिसुमेदोम् बगे जद
गमए दो जिरिपि जल
गमए दोम् रड़ जद
मोद् किअ सिन्दुरहि ते
दिसुमेदोम् बगे जद
बरे भड़ि ससङ्ते
गमए दोम् रड़ जद
दिसुमे दो बिउर तन्
अम, जीओ बिउर तन्
गमए दो केकोर् तन्।
अण, जीओ सेकोर् तन्
यहाँ की धूल जमकीली है
यह देश बड़ा सुन्दर है।
यहाँ की मिट्टी चमकीली है
यह इलाका बड़ मनोहर है।
ऐसा सुन्दर देश।
ऐसे सुन्दर देश को तुम छोड़ रही
हो।
ऐसा मनोहर इलाका
ऐसे मनोहर इलाके से तुम अलग
हो रही हो।
तुम 'कीय' (सिन्धोरा) भर सिन्दूर
से
यह देश छोड़ रही हो
तुम केवल दो थाली हल्दी से
इस इलाके से अलग हो रही हो।
देश धूम (बदल) रहा है
(और) तुम्हारा हृदय (भी) घूम रहा
है।
इलाका घूम (बदल) रहा है
(और) तुम्हारा दिल (भी) घूम रहा
है।
८.
गोङ् मे दिने मुण्डि तेब: लेन
डड़ि द: रेगेम् इअम् तक
चले मे बोचोर् न्ण्ड पुर लेन
सुदे दगे रेगेम् सयद् तन
हगम् बरेमे कोम् सयद् तन
एङ्ग अपुमे कोम् उडु: तन
उरि: लेक गेको अकिरिङ् मे#्अ
होनेम् बरेम् कोम् सयद् तन
अड़: लेकगे को केज मेअ।
उरि: लेक गेको अकिरिङ् मेअ
बरोटक तेको अकिरिङ् मेअ
अड़: लेक गेको केज मेअ
कण पोएस तेको केज मेअ
तुम्हे देने (शादी करने) का दिन
पहुँच गया,
तुम डाड़ी के पानी से रोती रहती
हो।
तुम्हें भेजने का वर्ष पूरा हो
गया,
तुम झरने के पानी से आह भरती
रहती हो।
तुम जो डाड़ी के पानी मे रोती
रहती हो
(सो) माँ-बाप को सोचती रहती
हो।
तुम जो झरने के किनारे आह
भरती रहती हो
(सो) अपने भाई-बन्धुओं के लिए
कलपती रहती हो।
(तुम जिन) माँ-बाप की सोच रही
हो
(वही) गाय-बैल की तरह तुम्हें
बेच देंगे।
(तुम जिन) भाई-बन्धुओं के लिए कलप
रही हो
(वही) साग-पात के समान तुम्हें
बेच देंगे।
गाय-बैल की तरह तुम्हे बेच
देंगे
तुम्हे बारह रुपये पर बेच देंगे।
तुम्हे साग-पात की तरह बेच देंगे
तुम्हे एक अधेली के लिए बेच देंगें।
९.
गंगा तल चिरे समुन्दर् तल
गेलेबर् गोसाई को दुबकन
गंगा तल चिरे समुन्दर् तल
हिसि बट् बमणे को जारुअकन
चिरे गतिञ् को चिकतन
गेलेबट् गोसाई को दुबकन
मेरे रे सङ्गञ् को रिकतन
हिसि बर् बमणे को जारुअकन
कचि गतिञरे को उदुबद्मेउ
सिद रेन गातिये को हरि बोलतन
कचि सङ्गञ् रे को चुण्डुलद् मेअ
तयोमरेन् सङ्गमेको रामे
राम तन
गंगा के बीच या समुद्र के बीच
बारह गोसाई बैठे हुए हैं।
गंगा के बीच या समुद्र के बीच
बाईस ब्राह्मण पहुँचे हुए हैं।
क्या तुमको नहीं बताया गया है
(कि) वे तुम्हारे पहले के साथी की
अन्त्येष्टि-क्रिया कर रहे हैं।
क्या तुमको नहीं बताया गया है
(कि) वे तुम्हारे पीछे के संगी का
अन्तिम संस्कार कर रहे हैं?
१०.
बुरुअते हङ्गुन् कोहो सोन्दरि
नराते नोसोरेन को
सेके ह गुन् कोहो सोन्दरि
रोलो रोलो नोसोरेन को
निकु चिको तुल बुलु हो
सोन्दरि
निकु चिको गंण्ड रसुणि
तुलते को तुल बुलु हो
सोन्दरि
गण्डते को गण्डा रसुणि
जोजो सुब डेरा तेकोअ हो
सोन्दरि
उलि सुब बसते को अ
पुण्डि रम्बड़ रुतु तेको अ हो
सोन्दरि
डिञ्ज डिम्बु डोले तेकोअ
हो सोन्दरि, पहाड़ से
उतरनेवाले,
(और) तराई से आनेवाले (ये
राही)।
हे सोन्दरि, यो सेके-सेके
उतरनेवाले,
(और) रोलो-रोलो आनेवाले
(राही)।
हो सोन्दारी, क्या यही लोग
नमक तौलने वाले हैं?
क्या यही लोग लहसुन बेचने
वाले हैं?
हाँ, यही लोग नमक तौलने वाले
हैं।
हाँ, यही लोग लहसुन बेचने
वाले हैं।
हाँ सोन्दारी, ये इमली के पेड़
के नीचे डेरा डालनेवाले हैं।
ये आम के पेड़ के नीचे बास
करनेवाले हैं।
बोदी की तरह इनका बाँसरी है।
जाल में ये डिम्बफल लिये हुए है।
११.
बा चण्डु: मुलु: लेन मइ
सिम् होन् दोए: चिअब्-चिअब
लोगोन् दोको तोल केद मइ
कुड़ि होन् दोए: चुलु दुब कन्
सिम् होन् दोए: चिअब् चिअब
मइ
खलोम् केन खलोम् केन्
कुड़ि होन् दोए: चुलु दुब कन
मइ
सतोम् केन सतोम् केन्
अइञ् जुड़ि मेनइअन मइ
तएअर् नणि दिले दोङ्गोब्
अञ् जुड़ि मेनइअन मइ
सुकुबारे सेपेड़ेद्
चैत का चाँद उग आया
मुरगी का बच्चा चीं-चीं बोल रहा
है।
लगन (निश्चित) हो गया
लड़की सिकुड़ी बैठी है।
मुरगी का बच्चा चीं-चीं बोल रहा
है।
कि हमारा बलिदान अगले वर्ष हो।
छोटी लड़की बैठी हुई सोच रही
है
कि हमारी शादी तीसरे वर्ष हो।
हमारो जोड़ ककड़ी की लता के
समान
खिला हुआ एक जवान है।
हमारा जोड़ा कद्दुू के फूल के
समान
प्रफुल्लित एक युवक है।
१२.
बा तइञ् मेग नेअङ् बा तञ् मे
डलि तञ् मेग नपङ् डलि तञ् में
बा दोरेइञ् बा मेअ चिकन बा
उलि दोरेञ् डलि मेअ मेरेकन्
डलि
बा तइञ् मेग नेअङ् सराजोम्
बा
डलि तञ् मेग नपङ् सुड़ सङ्गेन्
हे माँ, मुझे फूल पहना दो।
हे पिता, मुझे कोमल पल्लवों से
सजा दो।
फूल तो पहनाऊँगी, किन्तु
कौन-सा फूल?
कोंपलो से तो सजा दूँगा, किन्तुकि
कोंपलो से?
हे माँ, मुझे साखू का फूल पहना
दो
हे पिता, मुझे साखू की नई
कोंपलो से सजा दो।
१३.
हाय रबङ् जू रबङ्
हाय रबङ् सेनो: मे
हाय रेअड़ मेरे रेअड्
मरे रेअड़ बिरिद् मे
जू रबङ् सेनो मे
बस्परिको जुड़ि कमड,
मरे रेअड़ बिरिद् मे
लदेना को जुड़ि चँवर
सेनो: दोञ सोनो: अ
बामण्डि जोम् लेअते
बिरिदे दोञ् बिरिद
टेण्ड: इलि नू केअते
हाय जाड़ा।
तुम चले जाओ।
हाय ठण्ड।
तुम उठ जाओ।
हे जाड़ा, तुम उन व्यापारियो के
पास जाओ
जिनके पास जोड़ी कम्बल हे।
हे ठण्ड, तुम उन सौदागरों के पास
जाओ
जिनके पास मोटे कपड़े हं।
जाने को तो जायोंगे,
पर सरहुल का भात खा लेने के
बाद।
उठने को को उठेंगे
पर सरहुल का हँडिया पी लेने के
बाद।
१४.
एल हो कुम्पाट मुण्डा को
एल हो दुबन् पे
एल हो नाम बंसी राजा को
एल हो जरुअन्पे
एल हो ने कित पटि रे
एल हो दूबन पे
एल होने पपड़ गण्डुरे
एल हो जरुअन्पे
एल हो ने चुन नमक
एल हो जोमन्पे
एल हो ने इलि सब
एल हो नुअन्पे
हे कुमपारट (शुद्ध) मुण्डा लोगो,
आओ, बैठो
हे नागवंशी राजाओं,
आओ, बैठो।
आओ, खजूर की चटाई पर,
आओ, बैठो!
आओ, पपड़े के पीढ़े पर,
आओ, बैठो।
ाओ, चूना तम्बाकू,
आओ, खोलो
आओ, हँडिया इत्यादि,
आओ, पीलो।
१५.
हरे राजा नाग वंशी को
कजि होपे बइ लेद
दिसुम रेन भुइयरी को
बकण पे ठनओ लेद
कजि होपे बइ लेद
दिसुमे पे चेच: केद्
बकण पे ठनओ लेद्
गमए होपे तम्बुर केद्
निदते नुब:ते
कजि होपे बइ लेद्
सिङ्गि ते मरेसल्ते
बकण पे ठनओ लेद्
हे नागवंशी राजाओ,
तुम लोगो ने बात बनाई थी।
ऐ-भुइयारी राजाओ,
तुम लोगो ने ठान लिया था।
तुम लोगो ने जो बात बनाई थी
(उससे) दुनिया को नष्ट-भ्रष्टकर
दिया।
तुम लोगो ने जो ठान लिया था।
(उससे) सारी दुनिया में उथल पुथल
मच गई।
रात के अँधियारे में
तुमने बात बनाई थी।
दिन के उजियाले मे
तुमने ठान लिया था।