राजस्थान |
मेवाड़ में दस्तकारी अमितेश कुमार |
मेवाड़ रियासत के कई स्थान अलग-अलग तरह के दस्तकारी के काम के लिए जाना जाता है। राजधानी उदयपुर कई तरह के हथियार, जैसे- तलवार, भाले, छुरी, कटार आदि शस्रों के निर्माण के लिए जाना जाता है। यहाँ तलवारों की मूठों, छरियों के दस्तों एवं कटारों पर तरह-तरह का सोने का काम किया जाता है। लहरिये, माठड़े तथा साड़ी आदि वस्रों पर रंगाई का काम होता है। रंगीन कपड़ों पर सोने और चाँदी के वरकों की छपाई का काम होता है। यहाँ कई प्रकार का लकड़ी के खिलौने भी बनाये जाते हैं। सोने, चाँदी के जेवर तथा ताँबे और पीतल के बर्तन उदयपुर के अलावा अन्य बड़े कस्बों में भी बनते हैं। भीलवाड़े में बर्तनों पर पक्की कलई का काम होता है। चित्तौड़ मोटे कपड़ों की रंगाई तथा छपाई के लिए जाना जाता है। हाथी दाँत, नारियल तथा लाख के चुड़े, उदयपुर तथा अन्य कई स्थानों पर तैयार किये जाते हैं। मीनाकारी का काम केवल नाथद्वारे में होता है।
|
|
Copyright IGNCA© 2003