रबारी
कढ़ाइ
एक अभिव्यंजक कला - रबारी कढ़ाई हमें केवल उनकी संस्कृति के संबंध में ही बहुत
कुछ नहीं बताती बल्कि वह एक ऐसी भाषा के रुप में भी है | जिसमें महिलाएं आपस
में बात करती हैं।
एक छायाचित्रकार की नज़र में -
रबारी - कच्छ का एक
पशुचारी समुदाय
उदय
शंकर (नर्तक) एवं उनके परिवारिक
चित्र- डा०
सुनील कोठारी