टेसू और साँझी

Part - 5

- मुश्ताक खान


१.
सांझी तेरे फूल
पचासी तेरे डोढ़ा
मोरे भैया गोरे
बुन्देल भैया गोरे
भइयाजी की पीढरी
बेलना अनबेली
भाभी जी के नैन
क झकझोरे 
भाभी की गोद भतीजो सोके

२.
नरवर गढ से गाड़ी आई
इन गाड़िन में काह काह आओ
इन गाड़िन में डिब्बा आए
जे डिब्बन में जीरों आओ
जे जीरों मैने सूखन डारो
जे जीरो मैने फट फट फटको
जे जीरों मै कूटन बैठी
जे जीरे के लडडू बनाए
जे लडडू मैने ससुर चखाए
ससुर निगोड़े ने चख नहीं जाने
जे लडडू मैने जेठ चखाए
जेठ निगोड़े ने चख नहीं जाने
सहेली जे लडडू मैने देवर चखाए
देवर निगोड़े ने चख नहीं जाने
जे लडडू मैने सास चखाए
जे लडडू मैने सहेबा (पति) चखाए
सहेबा निगोडाने चख नहीं जाने

३.
मेरी सांझी रानी
कुम्हार की मौड़ी कानी
भर लेआ बेटा पानी

४.
मेरी सांझी सोवे पलंग पे
ओर की सांझी लोटे घूरे पै

५.
एक हल्दी गांठ गठीली
शीला बाई बहुत हठीली

६.
जेवर कांटा जेवर कांटा
जै महुआ जिन काटो
जै महुआ मेरे बाबुल लगा गए
इन तन खेलन जाती
जे महुआ जिन कांटा लागें
घरे जा तो अम्मा लड़ेगी

७.
सांझी मेरे फूल पचासी तेरे डोरा
जतन निकालो सांझी बाई को डोला
इनमें और इनमें कोन से भइया गोरे
इनमें में और जिनमें हेमलता बाई को डोला
सांझी तेरे ................................
गोरे भाइया, गोरे गुलेल कन्ठी जोड़े
सांझी ...................................
जतन निकला मना
भाई को डोला, बबली बाई का डोला

८.
अहा सेहेली जे गाडियन में का का आये
अहा सहेली इन गाडियन में बोरा आये
अहा सहेली इन बोरन में का का आये
अहा सहेली इन बोरन में डिबिया आयीं
अहा सहेली इन डिबियन में पुडिया आयीं
आहा सहेली इन पुडियन में का का आये
अहा सहेली इन पुडियन में जीरो आयो
अहा सहेली मैने जीरा फटकन डारो
अहा सहेली फटक फटक मैने पीसन डारो 
अहा सहेली पीस पीस लडडू बनाये
अहा सहेली ये लडडू मैने ससुर चखाये
ससुर निगोडा चख नही जाने
अहा सहेली ससुर के जूठे मैने सास चखाए
सास निगोडी चख नही जाने
सास के जूठे मैने जेठ चखाये
जेठ निगोडा चख नही जाने
जेठ के जूठे मैने जैठनी चखाये 
जिठनी निगोडी चख नही जाने
जिठनी के जूठे मैने देवर चखाये
देवर निगोडा चख नहीं जाने
देवर के जूठे मैने देवरानी चखाये
देवरानी निगोडी चख नही जाने
देवरानी के जूठे मैने राजा चखाये
राजा निगोडा चख नही जाने 
राजा के जूठे मैने सौत चखाये
सौत निगोडी चख नहीं जाने

९.
खेलत खलत फरीया फट गईं
अब घरें कैसे जा लालं
घरे जा तो अम्मा मारे, गैल में कुत्ता काटे लाल
खेलत ...........................ं
घरें जा तो मौसी मारे
गैल में कुत्ता काटे लाल
खेलत ..........................ं
घरें जा तो चाची मारे
गैल में कुत्ता काटे लाल

१०.
चंदा के आस पास चौराई की रात
बिटिया खेले सब सब रात चांद
राम राम घरे चलो जा।

११.
मेरी सांझी भोग ले भोग ले
और की सांझी लोय ले लोग ले
मेरी सांझी पलका लोटे लोटे
और की सांझी घूरो लेटे लेटे
मेरी सांझी पान खाये पान खाये
और की सांझी कुत्ता को कान खाये
मेरी सांझी पलका लोटे
और की सांझी टाट ओढ़े।

१२.
टिपुरिया पे टिपुरिया गणेश जी भमोरिया
जातन निकलो सांजी बाई का डोला
डोला के ऊपर बैठो सोने की हिंडोला
चमके जाके हुंदना फुंदना
चमको जाको जाको डोला
ढिमर कहे ये कौन की बेटी
चल ढिमरा तेरी मूंछे मारो
हम बड़ें की बेटी
टिपुरिया ......................
जातन निकलो मोना बाई को डोलो
डोला के ऊपर बैठो सोने को हिंडोला
चमके जाके हुंदना फुंदना
मटके जाको डोला
जातन निकलो सुमन बाई को डोला
अर्चना बाई किरण बाई गीता,
हेमलता बाई रेखा बाई को डोला
डोला के ऊपर बैठो सोने को हिंडोला।

१३.
मै संझा लोई
मै जई बिरियातन खेलती
मेरे बाबुल लए पहचान
में संझा लोई खेलाति
मेरे चाचा गए पहचान
मै संझ लोई खेलती

१४.
हां सहेली नरवरगढ़ से माड़ो आओ
हां सहेली का का आऔ

१५.
बोगोरे की बाग चिरइया बागोरे में
बोली बोलो री मेरी सोन
चिरइयां बाबुल जी के देश में
बाबुल देंगे लाल पटोरो
मइया देगी साड़ी
पहनोगी साड़ी
परक चले मेरो लाल पटोरो
झमक चले मेरी साड़ी
ऐसे पहनो लाल पटोरो
पर पहनोगी साड़ी
बागोरे की बाग चिरईया
भईया देंगे लाल पटोरे
भाभी देगी साड़ी
झमक चले मेरी साड़ी
झमक चले मेरी साड़ी
ऐ सौ पहिनो लाल पटोरो
पर पहनोगी साड़ी
चन्दा के आसपास
जोनई की रात
बिटिया खेले सब सब रात
चन्दा राम राम छरेई चले

१६.
खेले ला बेरी खेले ला
भइया बाबुल के राज
जब डर लागी भूकांरी
सास खिलन नही देई
गिन गिन फकलका दे
जब डर लागो भुंकारी
जब डर लागी प्यासारी
सास फूटी डबुलियादे मोरेला

१७.
उंचो रि मेरी डग बग
नीचे डडोहर खेत
उतरो सास मेरी हम चढ़े
देखे चारो देस
बितते आये दो जने
सासु के आए पाउन
ननई के चालनहार
रुपट बुझाई आग
सास को अंगना चीकनो
चन्दन रपटो पैर
चन्दन रपटी गिरपड़ी
ढकनी में नौ नौ टंक

१८.
कौने भराइदई गागर
कोने मिलए दऐ झुंड
चुरला झालर की कुम्हरा मिलाए दई गागर
बाबुल मीलाए दये झुंड
फूटन लांगी गगर
संझा लडुकी बिछडन लागे कुंडं
फिर भरा बेटी गागरं
फिर मिला द झुण्ड
चुरला झालर के
पांच भैयन को बैन्दौनी
अलकिन पलकिन जाय
चुलरा झालर की
उन भैया की बैन्दौनी
गैल बिसूरत जाय
चुरला झालर की

१९.
बगौरी की बाग चिरैया
बागौरे में बोल
उड़जा री मेरी श्याम चिरैया
बाबुल जी के देश
बाबुल देंगे लाल पठोरा
भैया देगी साड़ी ऐसों पहरो लाल पठोरा
पर पैरो साड़ी
झमक चलै मेरौ लाल पठोरा
चमक चले साड़ी
झमक चलै मैरो लाल पठोरा
चमक चले साड़ी
फट फटके मेरे लाल पठोरा
नई धरी है मेरी साड़ी

२०.
छोटी सी हथनी
छोटी मोटी जढत है अरारे करारे
धन्ते लला तेरी मैयाको
भैया बजाये नन्दलाल
धन्ने लल्ला त्यारी फुफूअन को
बिन्ने पिवाए कच्चे दूध
धन्ने लला त्यारी बहनन को
बहनने खिलाए भर गोद। धन्ने लला त्यारी बैठन को
बैठन आसन मोर
धन्ने लला त्यारी चितवन को
चितवत नैन झकोर
धन्ने लला त्यारी जैवन को
जैवत नहो नन्हें कोर

२१.
मेरी मैया जिन बोले बोल
हम परदेसी कोयलिया
आज बसेंगे उन आए
उड़ जायेगें दोऊ पंख लगाए
हम परदेसी कोयलीया
मेरी भाभी जिन बोले बोल
उड़ जोयेंगे अंधियारी रैन
अधपर छाई झोपड़ी
उड़ जायेंगे दोऊ पंख लगाए
हम परदेसी कोयलिया

२२.
सेंझी के आस पास रहे चमली को झूला
मेरी मां जशोधा पटिया पारे
भाभज मांग संवारे
पैरोतुम पेरो मोमबत्ती बाई जीना
तेरे बाप बडेन ने बैठे गढाए
भैयन ने पेहराए
बार बार में मोती गाए लए
सिन्दूर भर लई मांग
से घाला के आसे पासे रहे चमेली कोझूला

२३.
माटी को मटेलना पिरोजना
गेडतिया तेरा खेत
खेलन बेटी खेलत भययो बबुला के राजंगी
जब डिर जा सासरे पिरोजन
सूखे कुरकुटा गिर गये पिरोजन
सूखे कुरकुटा देय
नौन चबैना देय
नौन चबैना बगर गयो
गिन गिन टोला देय पिरोजना

२४.
बाबुल दूर जीड़री
जिन करो कौन रखावन जाय
बेटी तुम्ही हमारे लाडली
तुम्ही रखावन जाय
बाबुल इतते जातिउ घाम लगत है
बितते लगत है प्यासं
बैठ वहीं खुदा द कुआ बावड़ीं
वहीं लगवा द बाग

२५.
मेरे अंगना री
मछरी की झुण्डोरी
माचा डोलनिया
मैने पकरी री
मैने पकरी मछरी दो पारी री
माचा डोलनिया
मैने पकरी री मैने पकरी
मैने धोई री मैने छोली री
मैने छोली मछरी दो चार री
माचा डोलनिया
मैने चौरी री
मैने चीरी मछरी दो चार री
माचा डोलनिया
मैने छोंकी री
करहैयन मांझ री
माचा डोलनिया
मैने ढूढे री
बासे कूचे कौरा री
मैने चाखी री
मैने चाखी मछरी दो चार री
मेरी आई मेरी आई
बजा बजीया सासरी
मेरे दीनी री
मेरी सासुरी
तुमने फूल बधिइयां कांसुरी
माचा डोलनिया

 

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Content prepared by Mushtak Khan

© इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र

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