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कव्वाली (Video )
वडाली बंधु
01 (06:29)
02 (10.28)
कव्वाली - नज़रे अमीर खुसरु ( Download MP3)
कलाम हज़रत अमीर खुसरु गायक - गुलाम हुसैन नियाजी एवं साथी ज़िहाली मिस्की मकुन तगाफिल बहुत कठिन है डगर काहे को बिहाई बिदेस रे आज रंग है ऐ मा बहुत कठिन है डगर छाप तिलक सबछी नी रे अन्य गायक ं बहुत कठिन है डगर पनधट की, कैसे मैं भर ला भदवा से मटकी ऐ री सखी मोरे ख्वाजा घर आए भाग लगे इस आँगन को तोरी सूरत के बलहारी निजाम, सब सखियन में चूँदर मोरी मैली अम्मा मेरे बाबुल को भेजो री खुसरो रैन सोहाग की जागी पी के संग, आज रंग है... चल खुसरो घर आपने निजामुद्दीन पीर औलिया जो पिया आवन कह गए अम्मा मेरे बाबा को भेजो री
कलाम हज़रत अमीर खुसरु
गायक - गुलाम हुसैन नियाजी एवं साथी
ज़िहाली मिस्की मकुन तगाफिल
बहुत कठिन है डगर
काहे को बिहाई बिदेस रे
आज रंग है ऐ मा
छाप तिलक सबछी नी रे
अन्य गायक
कव्वाली - Sufiyana Kalam by Qadar Niazi Qawal
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अमीर खुसरो द्वारा लिखित फारसी ग्रंथ | कव्वाली
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