देवनारायण फड़ परम्परा Devnarayan Phad Tradition देवनारायण के कारनामें देवनारायण के हाथों राजा बिसलदेव द्वारा भेजे गए भैंसा सुरों का अन्त
देवनारायण बिसलदःेव जी का संदेश पढ़कर छोछू भाट को लेकर अजमेर की ओर रवाना होते हैं। जैसे ही देवनारायण के घोड़े नीलागर के पांव की टांपे अजमेर शहर में पड़ती हैं वैसे ही बिसलदेव जी का राज धूजने (हिलने) लग जाता है। देवनारायण बाहर ही रुक जाते हैं और छोछू भाट अजमेर की कचहरी में जाकर बिसलदेव को बताता है कि देवनारायण पधारे हैं। |