हजारीप्रसाद
द्विवेदी के पत्र |
प्रथम खंड |
संख्या - 107
|
|
IV/
A-2104
12.9.1953
श्रध्देय
पंडित जी,
प्रणाम!
कल
आपका पत्र आया।
शान्तिनिकेतन
के श्री मोहनलाल
वाजपेयी
जी ने एजुकेशन-विभाग
के हिंदी-एडवाइज़र
के लिये प्रार्थना-पत्र
भेजा है। मेरा
अनुमान है
कि यही वह
पद है जिसकी
चर्चा आपने अपने
में की है। यदि
वाजपेयी
जी वहाँ जायँ
तो सब तरह
से अच्छा होगा।
वे अत्यन्त शान्त,
सुशील और
संस्कृत व्यक्ति
हैं। नाराज़
किसी को नहीं
करते और अपने
निश्चय से भी
नहीं हटते।
उन्हें उक्त पद के
लिये आप बुलवा
सकें तो अच्छा
होगा। मुझे
लगता है वहाँ
जैसा आदमी
चाहिए वैसे
ही मोहनलाल
वाजपेयी
हैं। उनका नाम
यद्यपि बहुत
अधिक नहीं हो
पाया है, क्योंकि
वे चुप बहुत
रहते हैं पर
हैं वे बहुत
योग्य। उनके
वहाँ पहुँच
सकने पर आपके
स्वप्न सफल
होंगे और
एक शान्त शिष्ट
हिन्दी प्रतिनिधि
सरकार को
मिल जाएगा।
शेष कुशल
है। आशा है
प्रसन्न हैं।
हजारी
प्रसाद
|
|
© इंदिरा
गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र १९९३, पहला
संस्करण: १९९४
सभी स्वत्व सुरक्षित । इस प्रकाशन
का कोई भी अंश प्रकाशक की लिखित अनुमति
के बिना पुनर्मुद्रित करना वर्जनीय
है ।
प्रकाशक
: इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला
केन्द्र, नई दिल्ली एव
राजकमल
प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली