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A-2126
DR.HAZARI
PRASAD DWIVEDI, D. LITT.
Tagore Professor of Indian LIterature :
Head of Hindi Department,
Punjab University
Chandigarh
10.7.65
आदरणीय
पंडित जी,
प्रणाम!
आपका
कृपापत्र यहाँ
से लौटकर
बनारस गया
और वहाँ
से फिर यहाँ
आया। मुझे बनारस
में ही पता
लग गया था
कि आप नैनीताल
गए हुए हैं। मेरी
इच्छा थी कि फीरोजाबाद
उतरकर कर दर्शन
कर लूँ पर
आप थे हि नहीं
तो उतरने का
कोई मतलब
नहीं था। सो,
मैं ३० जून को
यहाँ पहुँच
गया। देखें, अब
कब अवसर
मिलता है।
आशा करता
हूँ कि अब आप
फीरोजाबाद
लौट आए होंगे।
लिखिए कि जुलाई
में क्या प्रोग्राम
है ताकि मौका
मिलने पर
फीरोजाबाद
पहुँच सकूँ।
हो सकता
है कि २४ जुलाई
को मुझे आगरा
जाना पड़े।
शेष कुशल
है।
आपको
"मृत्युंजय
रवीन्द्र" अच्छा
लगा यह जानकर
प्रसन्नता हुई।
वस्तुतः यह
पुस्तक पुराने
लेखों का संग्रह
ही है। बहुत-से
लेख विशाल
भारत में छप
चुके थे। कुछ
कविताओं को
पद्यात्मक रुप मैंने
स्वयं दे दिया
है। प्रयत्न किया
है कि गुरुदेव
के शब्द यथासंभव
हिंदी में भी
आ जायँ।
आज
बाबा पृथ्वीसिंह
जी आज़ाद१ मिले
थे। आपने उन्हें
उनकी पुस्तक के
बारे में लिखा
है इससे बहुत
प्रसन्न थे।
आशा
है, सानंद
हैं।
आपका
हजारी प्रसाद
द्विवेदी
१. प्रसिद्ध
स्वतंत्रता-सेनानी