रुहेलखण्ड |
Rohilkhand |
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प्रमुख धार्मिक स्थल और उनसे जुङ्ी लोक मान्यताएँ |
मानव सभ्यता के विकास के आरम्भिक चरण में विभिन्न धार्मिक परम्पराओं और रीतियों का जन्म हुआ ।आरम्भिक मनुष्य के लिए जो कि प्रकृति की समस्त शक्तियों के समक्ष असहाय सा था , तरह -तरह की अलौकिक और दिव्य शक्तियों की परिकल्पना करना एक सहज सी बात थी। इन अलौकिक और दिव्य शक्तियों ने उस समय मनुष्य को सदैव मनौवैज्ञानिक दृढता प्रदान की । सभ्यता के विकास के क्रम में जीवन के अन्य क्षेत्रों की ही तरह मनुष्य की धार्मिक परम्पराओं में भी नवीन परिवर्तनों ने जन्म लिया । देवताओं या दिव्य पुरुषों की पूजा के लिए बनाये जाने वाले धार्मिक स्थल इन्ही परिवर्तनों के परिणाम थे। प्रत्येक धार्मिक स्थल के साथ कोई न कोई लोक मान्यता अवश्य ही सम्बद्ध थी जो मनुष्य की श्रद्धा के फलस्वरुप जन्मी थी। वर्तमान में भारतवर्ष में अनेक ऐसे धार्मिक
स्थल हैं जिसका प्राचीन महत्व हैं । इनमें से लगभग प्रत्येक स्थल के साथ कोई न कोई मान्यता जुङ्ी हुई है। रुहेलखण्ड क्षेत्र में स्थित धार्मिक स्थलों को निम्नलिखित वर्गों में विभक्त किया जा सकता है -- |
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Content Prepared by Dr. Rajeev Pandey
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