Janapada Sampada
धान उगाने वाली संस्कृतियाँ
धान उगाने वाली संस्कृति परियोजना 2011 में शुरू की गई थी। परियोजना का मुख्य उद्देश्य धान का एक उत्पाद और सांस्कृतिक संसाधन के रूप में अध्ययन करना है। यह निम्नलिखित घटकों के साथ एक चल रही अनुसंधान परियोजना है:
- धान और संसाधन प्रबंधन
- धान और सामाजिक संबंधों का वार्षिक नेटवर्क
- धान और कैलेंडर (कृषि, अनुष्ठान, त्योहार आदि)
- धान: अनुष्ठान, देवता और भोजन
- धान और सौंदर्य अभिव्यक्ति: मौखिक, कर्ण, दृश्य और गतिज।
- धान की खेती का इतिहास राजनीतिक और अर्थशास्त्र
देशभर के यूनिवर्सिटी के सहयोग से धान की संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर 10 परियोजनाएं पहले ही पूरी की जा चुकी हैं, वे इस प्रकार हैं:-
दक्षिणी क्षेत्र
- मद्रास प्रेसीडेंसी (1902 से 1956) में भूमि राजस्व मूल्यांकन और अंतर्देशीय जल संसाधन प्रबंधन का एक प्रमुख निर्धारक
- धान पर केरल की मौखिक कहानियों का प्रलेखन, लिप्यंतरण और अनुवाद
- संगम साहित्य में धान के व्यावहारिक और संकेत विज्ञानी चित्रण का पुनर्निर्माण
- तमिलनाडु के धान उगाने वाली संस्कृतियों के साथ पारंपरिक लिफ्ट सिंचाई प्रौद्योगिकी, औजारों और उपकरणों के विशेष संदर्भ में सामग्री संस्कृति का प्रलेखन
- पश्चिमी घाटों के विशेष संदर्भ में दक्षिणी भारत में चावल की जैव-विविधता में वृद्धि और पतन की जातीय-सांस्कृतिक और पारिस्थितिकी जांच
- कर्नाटक के तुलुनाड क्षेत्र में धान उगाने की संस्कृति; धान और धान की खेती से जुड़े अनुष्ठाननों पर विशेष बल देते हुए मानवजाति विज्ञानी अध्य यन
पूर्वी क्षेत्र
- झारखंड में मुंडा, संथाल, उरांव और सदनों के बीच धान की संस्कृति: सांस्कृतिक मानव के आयाम
- झारखंड के मुंडा, संथाल, उरांव और सदनों की धान/चावल की संस्कृति के पारंपरिक ज्ञान और कृषि संबंधी पद्धति
उत्तर पूर्वी क्षेत्र
- असम के बहु समुदाय क्षेत्र में धान उगाने की परंपरा
- चावल और आबा’ चा: गारो हिल्स की परिपाटियां और कहानियां
नीचे उल्लिखित नई परियोजनाएं 2018 में शुरू हुईं और ये चल रही हैं:-
- ओडिशा में अविभाजित कोरापुट और कालाहांडी की मौखिक कथा में धान की संस्कृति का प्रलेखन
- अरुणाचल प्रदेश के गैलो के धान और कृषि संबंधी अनुष्ठान समारोह
- धान संस्कृरति के रूप में: असम के हिल तिवा में धान उगाने वाली संस्कृकति का अध्यकयन
- आओ-नागा जनजाति और जलवायु परिवर्तन की धान उगाने की संस्कृति
- ‘एग्रो-कल्चरल कॉम्प्लेक्स’: मणिपुर (उत्तर पूर्व भारत) में ज़ू समुदाय की धान की खेती और सखुआ धर्म को समझना
- गारो हिल्स, मेघालय में जलवायु परिवर्तन और चावल का उत्पादन
- तांगखुलस जीवन में धान का महत्व (मणिपुर में जातीय समूह)
- मणिपुरी (मेइती) मणिपुर के कृषि अनुष्ठान और रीति-रिवाज
- संस्कृति और खेती के इंटरफेस में धान (बांकुरा और पुरुलिया में)
- बस्तर में धान्य संस्कृति का अध्ययन