Janapada Sampada
भारत में संग्रहालयों की सूची (बांस तथा बेंत शिल्प)
- नागालैंड राजकीय संग्रहालय, कोहिमा
वर्ष 1964 में स्थापित तथा कला और संस्कृति विभाग के अधीन यह राजकीय संग्रहालय की प्रकृति पूर्णतया नृवंशीय है। इस राजकीय संग्रहालय में 4 दीर्घाएं हैं और उनमें से एक मानव विज्ञानी दीर्घा है। करंडशिल्प यहां प्रदर्शित नमूनों का एक भाग है।
- मानवविज्ञानीय संग्रहालय, मानवविज्ञानी विभाग, गुवाहाटी
वर्तमान मानवविज्ञानी संग्रहालय मानव विज्ञानी विभाग में शुरू किया गया और इसकी प्रदर्शनी में हैं:-मत्स्य टोकरियां और करंडशिल्प (बेंत तथा बांस से निर्मित), बांस शिल्प, कंघी (बांस से बनी हुई), चकमक पत्थर बॉक्स, धूम्रपान पाइप, हेडगियर, कृषि के उपकरण, शिकार के उपकरण तथा वाद्य यंत्र।
- अरूणाचल प्रदेश के संग्रहालय
ये 1956 में स्थापित हुए थें और नृवंशीज संग्रहालय हैं। नृवंशीय संग्रहालयों में, कुल मिलाकर 7000 से थोड़े अधिक नमूने हैं जिनमें करंडशिल्प (बांस तथा बेंत शिल्प) भी शामिल हैं:-
- बोम्डिला जिला संग्रहालय (बोम्डिला)
- जाइरो जिला संग्रहालय (जाइरो)
- अलोंग जिला संग्रहालय (अलोंग)
- पासीघाट जिला संग्रहालय (पासीघाट)
- तेजू जिला संग्रहालय(तेजु)
- खोंसा जिला संग्रहालय (खोंसा)
- मिजोरम राजकीय संग्रहालय, आइजॉल
ऑइजाल में 1977 में स्थापित किया गया था, इसमें करीब 2500 का कुल संग्रह है। इस संग्रह में जनजातीय बर्तन, वाद्य-यंत्र, हथियार (बांस और बेंत से निर्मित) इत्यादि हैं।
- पूर्वभारती संग्रहालय, असम
यह नलबारी, असम जिले में अवस्थित है। इसे ‘सांस्कृतिक संग्रहालय’ के नाम से 1972 में नलबारी साहित्य द्वारा स्थापित किया गया था। इसमें करीब 2000 प्रदर्शनीयोग्य वस्तुएं हैं और इसके प्रधान खंडों में से एक खंड बांस तथा बेंत उत्पादों का है।
- वाणिज्यिक संग्रहालय, गुवाहाटी विश्वविद्यालय
यह अपनी तरह का प्रथम संग्रहालय है। इसे 1956 में एक शैक्षणिक परिसर में स्थापित किया गया था। संग्रहालय की प्रदर्शनियों का एक वर्ग हस्तशिल्प तथा कुटीर उद्योग है जिसमें बांस तथा बेंत के उत्पादों को दिखाया जाता है।
- कुटीर उद्योग संग्रहालय, असम
इसे 1955 में असम में स्थापित किया गया था, मणिपुर, अरूणाचल प्रदेश तथा नागालैंड की वस्तुएं भी पाई जा सकती हैं। संग्रहालय के दो मुख्य खंड हैं: वस्त्र और हस्तशिल्प। हस्तशिल्प वर्ग में बेंत तथा बांस की कलाकारी भी शामिल है।
- मुतुआ संग्रहालय, इम्फाल
इस संग्रहालय में परंपरागत मणिपुरी शिल्प (बांस तथा बेंत सहित) को प्रदर्शित किया जाता है।
- असम राजकीय संग्रहालय, गुवाहाटी
असम राजकीय संग्रहालय प्राचीन वस्तुओं का एक विपुल भंडार है जो राज्य की सांस्कृतिक परंपरा की विविधता को उजागर करता है। प्रदर्शनी हेतु पाषाण की अन्य मूर्तियां, धातु, लकड़ी तथा टेराकोटा की वस्तुएं, वस्त्र, सिक्के, पांडुलिपियां तथा जनजातीय कला और शिल्प कला हैं।
- राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली
राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली के मानव विज्ञानी दीर्घा में पूर्वोत्तर की शिल्पकलाओं से संबंधित महत्वपूर्ण संग्रह है।
- शिल्प संग्रहालय, नई दिल्ली
इस संग्रहालय के भीतर ही परंपरागत भारतीय शिल्पकलाओं (जिनमें भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र भी शामिल है) लकड़ी की नक्काशियों तथा चित्र और धातु की वस्तुओं के उदाहरण हैं। काम करते हुए शिल्पकार कुछ ऐसे मूल घटक हैं जो इस स्थान के ग्रामीण परिवेश की खूबसूरती बढ़ाते हैं।
- मणिपुर राजकीय संग्रहालय, इम्फाल
1969 में स्थापित मणिपुर राजकीय संग्रहालय में इस क्षेत्र की कला, शिल्प तथा पुरातत्व से संबंधित वस्तुएं प्रदर्शित की जाती हैं।
- जनजातीय अनुसंधान संस्थान, शिलांग
प्रदर्शित वस्तुओं में रंगीन वस्त्र, लकड़ी तथा हडडी से बनी मूर्तियां, कुलदेवताएं तथा मुखौटे, हथियार और उपयोग वाले उपकरण, बेंत और बांस की टोकरियां और आभूषण शामिल हैं।