अग्निचयन – एक वैदिक यज्ञ

अग्निचयन संभवत: मानवता की प्रचीनतम जीवन्त अनुष्ठान(यज्ञ) है। यह  मौखिक परम्परा और उसकी निरन्तरता के अध्ययन की एक विशिष्ट अवसर प्रदान करती है। वैदिक काल की कई महत्त्वपुर्ण बिन्दुओं, जो आज की सामाजिक जीवन का एक अभिन्न अंग है, पर प्रकाश डालती है। सांस्कृतिक रुप से अग्निचयन, अग्नि का मूल और उत्पत्ति, उसके एक स्थान से दूसरे स्थान पर अंतरण और उसकी पूजा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को स्थापित करती है। यज्ञवेदी बनाने से सम्बन्धित प्राचीन भारतीय गणित एवं उसमें प्रयुक्त इष्टिका (ईंट) को पकाने की तकनीकी को सुदृढ रुप से प्रस्तुत करने में सहायक है।

इस परियोजना में,  विषयवस्तु की अत्यंत जटिल संरचना को देखते हुए एक शोधार्थी एवं सामान्य जनमानस के जरूरत के अनुसार कम्पूटर के माध्यम से प्रस्तुत करती है। यह अनुष्ठानों पर अंतर्दृष्टि के अलावा, उससे संबंधित विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करती है, जिसमें ज्यामिति और भाषाविज्ञान भी शामिल हैं।

 छवि संग्रह

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