अन्य संग्रह

एलिजाबेथ ब्रूनर की चित्रकला

हंगरी की विख्याचत चित्रकार एलिजाबेथ ब्रूनर, जो अपना देश छोड़ने के बाद अपनी माँ एलिजाबेथ जॅस ब्रूनर के साथ भारत में बस गयी थीं, की चित्रकला का प्रलेखन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र द्वारा 1988 में किया गया। इन चित्रों में से अधिकतर चित्र हिमालयी क्षेत्र, शांतिनिकेतन के प्राकृतिक सौंदर्य के चित्र हैं। कुछ चित्र उन महापुरुषों के भी हैं जिन्हों ने ब्रूनर को प्रभावित किया था- जैसे बुद्ध, टैगोर तथा गाँधीजी। सांस्कृतिक अभिलेखागार में ब्रूनर परिवार के 843 चित्र हैं जिसमें माँ-बेटी की जोड़ी द्वारा बनाये गए तैलचित्र, वाटरकलर-चित्र तथा लकड़ी के कोयले से बनाये गए चित्र भी शामिल हैं। इस संकलन में एलिजाबेथ ब्रूनर के पिता फेरेंक जॅस ब्रूनर की कुछ कृतियाँ भी शामिल हैं। इन कृतियों में से अधिकतर कृतियां चित्रकार के इटली के रास्ते हंगरी से भारत पहुँचने तक की यात्रा के समय की और परिवार के, भारत में विशेषकर शांतिनिकेतन, कुमाऊं, ग्वालियर तथा राजस्थान में बिताए गए दिनों की हैं।

 

कुर्ग वेश-भूषा और आभूषण

मुख्य विवाह समारोह में वर तथा वधू द्वारा धारण किए जाने वाले पारंपरिक वैवाहिक वस्त्रों तथा आभूषणों का संकलन इस संग्रह में है।

 

अब्दुल मज़ीद अंसारी संग्रह

इस संग्रह में इस कुशल कारीगर द्वारा बहुत बारीक मृत्ति।का के हजारों छोटे-छोटे टुकड़ों को जोड़कर बनाई गई नाजुक तथा उत्कृष्ट कच्ची सुराहियों का संकलन है।

 

प्रोफेसर आर पी मिश्रा संग्रह

प्रोफेसर आर पी मिश्रा द्वारा भेंट किए गए इस संग्रह में 15वीं शताब्दी से आगे के यूरोप, अफ्रीका तथा एशिया के भौगोलिक मानचित्रों के रीप्रिन्ट शामिल हैं।

 

आनंद कुमारस्वामी संग्रह

इस संग्रह में महान कला-इतिहासज्ञ तथा विद्वान श्री आनंद कुमारस्वामी के निजी संग्रह में से भेंट की गई पुस्तकें, जर्नल, संगीत रिकॉर्ड, ग्लास स्लाइड, चित्र तथा फोटोग्राफ शामिल हैं। यह संग्रह उनके सुपुत्र श्री राम कुमारस्वामी ने केन्द्र को भेंट किया था।

 

मार्था स्ट्रॉन संग्रह

कोलम क्षेत्र में दीवारों तथा फर्श पर चावल के आटे तथा सूखे रंगों से बनाई जाने वाली विभिन्न अल्पानाओं के फोटोग्राफ इस संग्रह में शामिल हैं। इन फोटोग्राफों के साथ इनके बारे में विस्तृत जानकारी भी दी गई है; यह काम डॉ. मार्था स्ट्रॉन के शोध-कार्य का हिस्सा है।