नदी की संस्कृति

सरस्वती नदी – पुरातात्विक, साहित्यिक, भू-आकृति विज्ञान और पर्यटन विकास पर सरस्वती नदी का प्रभाग में व्यापक अध्ययन चल रहा है।

यह परियोजना संपूर्ण नदी प्रणाली की एक बहु-विषयक जांच करती है जिसमें घग्गर नदी, सरस्वती, दृष्तावती, मारकंडा, पटियालीवली चोई और संपूर्ण नदी प्रणाली की समग्र जानकारी प्राप्‍त करने के लिए अन्य धाराएं शामिल हैं। इस अध्ययन का प्रस्‍ताव एक बहु-विषयक अध्ययन के माध्यम से, मानव संस्कृतियों के विकास में सरस्वती नदी के महत्व को समझना है।

जांच से निकलने वाले परिणामों पर चर्चा करने के लिए और विचारों और मतों के आदान-प्रदान के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विद्वानों को आमंत्रित करने के लिए सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित करना।कला, संस्कृति और सभ्यता अध्ययन के प्रलेखन सहित नदी के बहुआयामी अध्ययन के लिए बलराम के तीर्थ मार्ग पर (महाभारत काल) पर फिर से जाने के लिए ‘आदित्यमध्यरूप’ परियोजना के तहत सरस्वती नदी का क्षेत्र सर्वेक्षण किया जाएगा।

आईजीएनसीए में इंडो-सरस्वती हेरिटेज गैलरी स्थापित की जाएगी। विभिन्न एजेंसियों और सरकारी निकायों से सामग्री/वस्तुओं को एकत्र किया जा रहा है।.

विभिन्न नगरों में नदियों का गुणगान करते हुए उत्‍सव-भारत के समकालीन संदर्भ में नदियों अर्थात् गंगा, यमुना, व्यास, कावेरी, गोदावरी और कृष्ण पर एक अध्ययन। नदी की संस्कृतियों पर एक प्रमुख अध्ययन विकसित करने के लिए पर्यावरणविदों, सांस्कृतिक इतिहासकारों, मानवविज्ञानियों, लोककथाओं आदि को शामिल करते हुए इन नदियों के किनारे कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।

मानवजाति विज्ञान संबंधी

क) नर्मदा नदी पर फिल्म की तैयारी चल रही है

ख) कावेरी नदी पर फिल्म की तैयारी चल रही है

ग) ब्रह्मपुत्र नदी पर फिल्म पूरी हो चुकी है।