Media Centre
श्रृव्य-दृश्य शोध प्रलेखन
इंदिरा गॉंधी राष्ट्रीय कला केन्द्र की शुरुआत से ही यह कल्पना की गई थी कि यह केन्द्र भविष्य में एक विशाल डिजिटल भंडार के रूप में विकसित होकर रहेगा।
लगभग 25 वर्ष पहले मीडिया सेंटर का प्रारंभ एक छोटी सी इकाई के रूप में हुआ था जिसके पास एक वीएचएस कैमरा और कुछ रिकॉर्डिंग यंत्रों की पूँजी थी। फिर भी समय गुज़रने के साथ मीडिया सेंटर अब श्रृव्य/दृश्य प्रलेखन का विशाल आगार बन गया है जिसमें अखिल भारत स्तर पर सभी कला-रूपों, रचनात्मकता और संस्कृति के बारे में सामग्री जुटाई गई है।
मीडिया सेंटर में प्रलेखन का कार्य विभिन्न प्रारूपों जैसे कि वीएचएस, यू-मेटिक, लो-बैण्ड, हाई-बैण्ड, बीटा में और वर्तमान डिजिटल प्रारूप में किया गया है। विस्तृत पुरातन सामग्री को सहेजने के लिए मीडिया सेंटर ने इस प्रारूप को डीवीकैम प्रारूप में उन्नत किया है और यह डिजिटल प्रारूप जनता के लिए सुलभ कराया गया है भले ही मूल प्रारूप माध्यम अब प्रचलन से लगभग बाहर हो गए हों। इस प्रकार मीडिया सेंटर ने बदलते समय के साथ श्रृव्य/दृश्य प्रलेखन की संस्कृति को परिरक्षित करने का काम भी किया है।
मीडिया सेंटर का उत्कट प्रयास यह रहा है कि शोध प्रलेखन का काम श्रृव्य/दृश्य प्रारूप में किया जाए और भावी पीढ़ियों के लिए उसका अभिलेखीकरण करते हुए उसका विश्वव्यापी प्रसार भी किया जाए। मीडिया सेंटर के प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं-
- स्थलों पर और मीडिया सेंटर स्टूडियो में श्रृव्य/दृश्य प्रलेखन;
- मीडिया सेंटर के आगार में लगभग 10000 घंटे की श्रृव्य/दृश्य सामग्री है जो आज की स्थिति के अनुसार अधिकतर डिजिटल प्रारूप में है। मीडिया सेंटर पुस्तकालय का मुख्य काम यह है कि इस श्रृव्य/दृश्य सामग्री का परिरक्षण किया जाए और नए वृत्त-चित्र तैयार करने के लिए परवर्ती निर्माण की सुविधा दी जाए; वृत्त–चित्रों का निर्माण लगातार हो रहा है।
मीडिया सेंटर आगार में शोधार्थियों द्वारा शोध के प्रयोजन से श्रवण और प्रेक्षण काउंटर की सीमित सुविधा भी है। मीडिया सेंटर आगार में अभी तक प्रकाशित सभी वृत्त-चित्र डीवीडी प्रारूप में सुरक्षित हैं और वहां नई डीवीडी तैयार करने की सुविधा भी है। - परवर्ती निर्माण: मीडिया सेंटर का काम केवल प्रलेखन और अभिलेखन तक ही सीमित नहीं है बल्कि सेंटर ने अपने लिए एक नई भूमिका भी तय की है जिसमें व्यापक प्रसार के नए माध्यमों के लिए वृत्त-चित्र और लघु-फिल्में तैयार करने के लिए फुटेज और दीर्घ प्रलेखनों के संपादन का काम किया जाता है।
- मीडिया सेंटर संपर्क-विस्तार: मीडिया सेंटर में फिल्म शो भी आयोजित किए जाते हैं; सेंटर के प्रेक्षागृह में ये शो महीने में दो बार किए जाते हैं और डीडी-भारती पर प्रसारण के लिए लगातार कार्यक्रम तैयार किए जाते हैं।
इंदिरा गॉंधी राष्ट्रीय कला केन्द्र की पहुँच-विस्तार गतिविधियों में से एक प्रमुख गतिविधि है-डीवीडी का प्रकाशन करना। अभी तक लगभग 110 वृत्त–चित्र, दुनियां भर के शोधार्थियों के डीवीडी प्रारूप में उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
नियमित फिल्म प्रदर्शनों के अलावा मीडिया सेंटर विभिन्न संस्थाओं में फिल्मों के संयुक्त प्रदर्शन के लिए शैक्षिक सहयोग का काम और इंदिरा गॉंधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के संग्रहों में से फिल्म समारोहों के सहकारी मार्गदर्शक का काम भी हाथ में लेता है - संग्रह: इंदिरा गॉंधी राष्ट्रीय कला केन्द्र ने भारतीय सिनेमा के इतिहास के क्षेत्र में बी.डी. गर्ग का संग्रह प्राप्त कर लिया है जिसमें फिल्मों के आरंभिक काल के फोटोग्राफ, पोस्टर, पुस्तकें, लॉबी कार्ड, नेगेटिव आदि शामिल हैं।
अन्य लिंक
- दृश्य-श्रव्य सुविधा
- फिल्म और वीडियो प्रलेखन
- फिल्म और वीडियो संगृहीत
- यूनेस्को की मान्यता: मीडिया सेंटर ने विश्व की अमूर्त विरासत की यूनेस्को मान्यता को तीन बार हासिल किया है। वीडियो क्लिप्स देखें
- वेदों की मौखिक परंपरा
- रामलीला परंपरा
- राममन
- भारतीय शास्त्रीय संगीत श्रृंखला
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- Detail of Video Clips played during the Exhibition of Audio Visual Archives
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- View Inauguration of Exhibition
Audio-visual exhibition on the occasion of 25 years of IGNCA
- Book “Poster Boltey Hain”