आदि दृश्य विभाग प्रलेखन, शोध, वितरण और संरक्षण

इंदिरा गॉंधी राष्‍ट्रीय कला केन्‍द्र ने एक विस्‍तृत शैक्षिक कार्यक्रम की संकल्‍पना की है जिसका संबंध मानव के मूल भाव-बोधों से नि:सृत कलात्‍मक अभिव्‍यक्‍तियों की गवेषणा से है। सौंदर्य की अनुभूति कराने वाली इंद्रियों में दो इंद्रियां मुख्‍य हैं- दृश्‍य और श्रृव्‍य। आदि-दृश्य-रूप, हमारे ‘आदि दृश्‍य’ कार्यक्रम का महत्‍वपूर्ण घटक हैं। इस कार्यक्रम की संकल्‍पनात्‍मक योजना का उद्देश्‍य इस प्रतीति का मार्ग प्रशस्‍त करने का है कि आदि-दृश्य अपने आप में विशुद्ध एवं संपूर्ण कला है और इसीलिए वह कला अपनी मूल संस्‍कृति और काल से परे परमानुभूति कराने में सक्षम है।

प्रागैतिहासिक आदि-दृश्य के प्रति इंदिरा गॉंधी राष्‍ट्रीय कला केन्‍द्र की दिलचस्‍पी न तो पुरातत्‍वविदों की, और न ही प्राक्‍-इतिहासकारों की इस दिलचस्‍पी तक सीमित है कि प्रागैतिहासिक आदि-दृश्य का रैखिक कालक्रम स्‍थापित किया जाए और न ही यह दिलचस्‍पी, कालक्रम की स्‍थापना के मानदंड के रूप में आदि-दृश्य की शैली एवं शाखा की पहचान तक ही सीमित है। इसके स्‍थान पर हमारी दिलचस्‍पी इस बात में है कि हम इसे समय और काल तथा सभ्‍यताओं और संस्‍कृतियों के पार, दृष्‍टि की संकल्‍पना के माध्‍यम से मानवमात्र की सृजनात्‍मकता के रूप में देखें।

अभी तक भारत में प्रागैतिहासिक कला के व्‍याख्‍यात्‍मक विवेचन के बारे में ज्‍यादा काम नहीं हुआ है। आदि-दृश्य के रहस्‍य का पता लगाने में मुख्‍य तौर पर तीन विधियां अपनाई जाती हैं; ये विधियां हैं- पुरातात्‍विक, मनो-विश्‍लेषणात्‍मक और मानव-जाति वर्णन विधियां। उन देशों जिनमें औद्योगिकीकरण आदि के कारण ऐसी परंपराओं का सातत्‍य नहीं रह गया है, में मनो-विश्‍लेषणात्‍मक और पुरातात्‍विक कार्य-विधि अपनाई जा रही है। आदि-दृश्य संबंधी शोध और आदि-दृश्य के रहस्‍य खोलने के नए तौर-तरीकों का पता लगाने के प्रति निकट अतीत में प्रकट की गई दिलचस्‍पी से प्रागैतिहासिक और आदिवासी कला के शोध के इतिहास में एक नए अध्‍याय का सूत्रपात हुआ है।

इस परियोजना-संकल्‍पना की विशेषता यह है कि इसमें एक नए प्रकार के अंतर-विषयी शोध पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है जिसमें मानव-जाति विज्ञान, भू-विज्ञान, कला-इतिहास आदि जैसे संबद्ध विषयों का सहारा लिया जा रहा है। ऐसा होने से आदि-दृश्य के अध्‍ययन में नए आयाम जुड़ सकते हैं। संक्षेप में कहें तो इस कार्यक्रम में हमें जो लक्ष्‍य तय करने हैं वे केवल इसका डेटाबेस और मल्‍टीमीडिया गैलरी विकसित करने मात्र तक सीमित नहीं हैं बल्‍कि ‘आदि-दृश्‍य’ को चिंतन एवं शोध की एक ऐसी विधा के रूप में स्‍थापित करने का है जिससे प्रागैतिहासिक कला के बोध का वैकल्‍पिक मार्ग खुल सके।

Dr. Richa Negi
Head of Department, Adi Drishya Division 
Indira Gandhi National Centre for the Arts Janpath Building, Janpath, (near Western Court), New Delhi – 110001. 
Tel : 91+011+23446413 
Email :  rockart@ignca.nic.in, adidrishya.ignca@gmail.com

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  • Dr. Richa  Negi
    Head of Department,
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