डिजिटल संगीत अभिलेखागार और लाइब्रेरी

टीएजी कंपनी समूह जिसने मद्रास संगीत अकादेमी में पुरातन संगीत का एक विशाल डिजिटल श्रवण अभिलेखागार स्थासपित किया है, के सहयोग से इंदिरा गॉंधी राष्ट्री य कला केन्द्रण के दक्षिणी क्षेत्रीय केन्द्रन ने एक श्रृव्‍य-दृश्य् अभिलेखागार केन्द्र स्था पित किया है। टीएजी निगम के प्रबंध निदेशक श्री आर.टी. चारी जिन्हों ने चैन्न्ई में टीएजी संगीत अकादेमी अभिलेखागार की स्थादपना की है, ने अपने निजी संग्रह में से 1930 के बाद के कर्नाटक संगीत की लगभग 1000 घंटे की रिकॉर्डिंग भेंट की है; इस रिकॉर्डिंग का कैटलॉग बड़ी मेहनत से तैयार करके इसे डिजिटाइज कर दिया गया है।

इस संग्रह में अनेक कलाकारों जिनमें चैम्बरई वैद्यनाथ भागवतार, एम.एस. सुब्बुहलक्ष्मीध, डी.के. पट्टम्मचल, के.वी. नारायणस्वाेमी, अलातुर बंधु, सेम्म नगुड़ी श्रीनिवास अय्यर, एम.डी. रामनाथन और अन्य कलाकारों के साथ-साथ कई नए कलाकारों का संगीत भी शामिल है। उन्हों ने अनेक बहुमूल्यअ कलाचित्रों और पूरी की पूरी दीवाल पर लगाए जाने वाले भित्तिन-चित्र भी भेंट किए हैं जिनमें भारतीय संगीत के पुरोधाओं के चित्र दिए गए हैं। इनमें से एक भित्तिन-चित्र श्री एस. राजम का बनाया हुआ है जो हमारे अभिलेखागार के केन्द्रीिय कक्ष की शोभा बढ़ा रहा है।

अभिलेखागार में श्री विक्रम संपत के ‘भारतीय संगीत अभिलेखागार’ से प्राप्तस ग्रामोफोन रिकॉर्डिंग भी शामिल है। इन रिकॉर्डिंग्सक में ग्रामोफोन डिस्कोंक पर 1902 के बाद के हिन्दुडस्तालनी और कर्नाटक संगीत, लोक-संगीत, चल-चित्रों और नाटकों की रिकॉर्डिंग शामिल हैं। गौहर जान, पियारा साहब, मौजुद्दीन, केसरबाई केरकर, अरियकुडी रामानुज आयंगर, सलेम गोदावरी, बिदरम कृष्णुप्पा , वीणे शेषन्ना , मैसूर महल ऑरकेस्ट्रां, बाल गंधर्व, इन्दु् बाला, के.एल. सहगल, कलिंग राव, अश्वटत्थािमा जैसे अनेक कलाकारों का गीत-संगीत और गांधीजी, टैगोर, सुभाष चंद्र बोस आदि जैसे नेताओं के भाषण भी इस संग्रह का हिस्साग हैं। टीएजी अभिलेखागार और ‘आर्काइव ऑफ इंडियन म्यू जिक’ में हमारे देश के संगीत इतिहास का 1902 से लेकर अब तक का एक बहुत बड़ा हिस्साज डिजिटल प्रारूप में संकलित है। श्री चारी ने इंदिरा गॉंधी राष्ट्री य कला केन्द्रा की सहायता एक ऐसे प्रयोक्ताक-अनुकूल सॉफ्टवेयर का विकास करने में की है जिसकी सहायता से प्रयोक्ताट अपनी इच्छाोनुसार अनेक मानदंडों जैसे राग, संगीतकार का नाम, विधा, कलाकार का नाम आदि के माध्यनम से गीत का चयन कर सकते हैं और फिर अपनी सुविधानुसार उन्हें सुन सकते हैं। दक्षिणी क्षेत्रीय केन्द्रा ने इंदिरा गॉंधी राष्ट्री य कला केन्द्रा के सांस्कृकतिक वृत्ते-चित्रों और पिछले कार्यक्रमों के समूचे दृश्यी-सामग्री भंडार को भी इस संग्रह के साथ जोड़ दिया है जिससे यह लोगों के लिए सुगम हो गया है। फिर भी इनमें से अनेक कृतियों पर कॉपीराइट कानून लागू है इसलिए यह संग्रह ऑनलाइन उपलब्ध नहीं कराया जा सकेगा लेकिन लोग इस केन्द्रद में आकर यहां स्थिलत श्रवण प्रकोष्ठों में लगे हैड-फोन के माध्य म से सुन सकते हैं। इसके लिए कोई शुल्का नहीं लिया जाता।