संगठन

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (इ.गाँ.रा.क.के.) की स्थापना 1987 में संस्कृति मंत्रालय के अधीन कला के क्षेत्र में अनुसंधान, शैक्षिक उद्यम तथा प्रचार-प्रसार करने वाली एक स्वायत्त संस्था के रूप में की गई थी। कला में शामिल हैं पुरातत्व और नृविज्ञान से लेकर दृश्य और प्रदर्शन कला तक, उन्हें एक पूरक और सीमा-रेखा में न घेरने वाली दृष्टि सहित – विषयों की एक विस्तृत शृंखला। इ.गाँ.रा.क.के. ने अपनी कार्य-पद्धति द्वारा तत्संबंधी जनादेश को पूरा किया है और उसके द्वारा इस दिशा में कार्य जारी है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (इ.गाँ.रा.क.के.) की स्थापना 1987 में संस्कृति मंत्रालय के अधीन कला के क्षेत्र में अनुसंधान, शैक्षिक उद्यम तथा प्रचार-प्रसार करने वाली एक स्वायत्त संस्था के रूप में की गई थी। कला में शामिल हैं पुरातत्व और नृविज्ञान से लेकर दृश्य और प्रदर्शन कला तक, उन्हें एक पूरक और सीमा-रेखा में न घेरने वाली दृष्टि सहित – विषयों की एक विस्तृत शृंखला। इ.गाँ.रा.क.के. ने अपनी कार्य-पद्धति द्वारा तत्संबंधी जनादेश को पूरा किया है और उसके द्वारा इस दिशा में कार्य जारी है।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की छह कार्यात्मक इकाइयाँ हैं कलानिध , बहु-विध पुस्तकालय; कलाकोश , जो मुख्य रूप से भारतीय भाषाओं में अध्ययन और मौलिक ग्रंथों के प्रकाशन के लिए समर्पित है;जनपद-सम्पदा, जीवन-शैली अध्ययन में संलग्न; कलादर्शन , कार्यकारी इकाई जो इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र से व्युत्पन्न शोध और अध्ययनों को प्रदर्शनियों के माध्यम से दृश्य रूपों में परिवर्तित करती है; सांस्कृतिक सांयन्त्रिक संचार प्रयोगशाला, जो सांस्कृतिक संरक्षण और प्रचार के लिए प्रौद्योगिकी उपकरणों का उपयोग करती है, तथा सूत्रधार , प्रशासनिक खंड जो सभी गतिविधियों के समर्थन और समन्वयन के मामले में मेरुदंड की भाँति कार्य करता है। सदस्य सचिव, शैक्षणिक और प्रशासनिक, दोनों प्रभागों के कार्यकारी प्रमुख हैं। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र का एक न्यास है (न्यासी बोर्ड), जो केंद्र के कार्य को सामान्य दिशा देने के लिए नियमित रूप से बैठक संपन्न करता है। न्यासियों को लेकर बनी कार्यकारी समिति, अध्यक्ष के अधीन काम करती है। समिति, न्यास तथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करती है।

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