Kalakosa
पूर्व एशियाई कार्यक्रम
पूर्व एशियाई अध्ययन, वैज्ञानिक तहक़ीक़ात का एक विशिष्ट बहु-विषयक क्षेत्र है। यह चीनी, जापानी और कोरियाई संस्कृतियों पर केन्द्रित है। पूर्व एशिया को परा-सांस्कृतिक संबंधों के एक सक्रिय गतिशील स्थल के रूप में देखा जाना चाहिए। यह उच्च अंतर्विषयक अध्ययन समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, धर्म से लेकर वैश्विक मानविकी विषयों तक की विविध क्षेत्र श्रृंखला के छात्रों एवं विद्वानों को एक साथ लाकर विद्वत् समुदाय को ज्ञान-समृद्ध करता है। पूर्व एशियाई कार्यक्रम 24 वर्ष पुराना है और हमारे प्रगाढ़ ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंधों की स्मृति में भारत एवं विश्व के बीच सन् 1998 से सहयोग करता आ रहा है।
लक्ष्य एवं उद्देश्य:
1. सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम लागू करने के लिए चीनी संस्थाओं और समकक्ष कोरियाई एवं जापानी संस्थाओं के साथ पारस्परिक संपर्क एवं सहयोग;
2. उत्तरी अमेरिका एवं यूरोप की शैक्षिक संस्थाओं के साथ पारस्परिक संपर्क एवं सहयोग;
3. संगोष्ठियों, व्याख्यानों एवं प्रदर्शनियों का आयोजन;
4. शोध जिसके फलस्वरूप ‘भारत और विश्व’ का प्रकाशन हो;
5. पूर्व एशिया के विशेष संदर्भ में एशियाई कला संसाधन केन्द्र की स्थापना एवं क्षमता निर्माण;
6. चीनी, कोरियाई एवं जापानी पुस्तकों के लिए एक विशेष पुस्तकालय की स्थापना।
पूर्व एशियाई कार्यक्रम इकाई अब तक दुन्हुआंग अकादमी, चीन; बीजिंग यूनीवर्सिटी, चीन; कुशा रिसर्च इंस्टीट्यूट, शिन्जियांग; इंस्टीट्यूट ऑफ लोंगमेन केव्स, तईयुआन नॉर्मल यूनीवर्सिटी, चायनीज अकादमी ऑफ आर्ट्स, चीन सहित चीन की अनेक शैक्षिक संस्थाओं और कोरियन फाउंडेशन, कोरिया और इंटरनेशनल दुन्हुआंग प्रोजेक्ट, तथा ब्रिटिश लाइब्रेरी, लंदन के साथ कला, वास्तुशिल्प एवं संस्कृति के क्षेत्र में सांस्कृतिक आदान-प्रदान का कार्य सफलतापूर्वक कार्यान्वित करती आ रही है।
इसका ध्यान विशेष रूप से चीन, जापान, कोरिया और विश्व के अन्य भागों में मुख्यत: बौद्ध धर्म, बौद्ध कला, वास्तुशिल्प और संस्कृति पर केन्द्रित है।
पूर्व एशियाई कार्यक्रम इकाई ने भारत और चीन के बीच के संबंधों पर अनेक संगोष्ठियों एवं प्रदर्शनियों का आयोजन किया है। इनमें भारत और चीन की गुफा कला (1991), इंडिया एंड चाइनाः लुकिंग एट ईच अदर (1995), शिन्जियांग में हाल की पुरातात्विक खोजें (2001), मध्य एशियाई प्राचीन कला-कृतियों वस्तुओं का प्रलेखन (2000), अफगानिस्तान के कलावशेष (2001), शुआनझांग एवं सिल्क रूट (2003), मुद्रा: रहस्यात्मकता एवं रूपकालंकार और विश्वभर की संस्थाओं में मध्य एशियाई संग्रहों का इतिहास (2008), अंतर-सांस्कृतिक अध्ययनों के नवीन संदर्शों के बारे में अंतर-राष्ट्रीय सम्मेलन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, 2008; संगोष्ठी एवं प्रदर्शनी: भारत, पश्चिम और मध्य एशिया में नगर, सड़क एवं कारवां सराय – युगों से संपर्क के प्रतीक, 2009; ‘कुमारजीव: दार्शनिक एवं भविष्यद्रष्टा’ पर अंतर-राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं प्रदर्शनी, 2010; ‘तिब्बती साहित्य एवं कला में बौद्ध धर्म परासृजन’ विषय पर सातवीं अंतर-राष्ट्रीय अलेग्जेंडर सोमा डी कोरोज विचार-गोष्ठी (2014), दक्षिण एवं मध्य एशियाई विरासत: ताजा आविष्कार एवं अनुसंधान के विशेष संदर्भ में मार्क ऑरेल स्टेन के बारे में अंतर-राष्ट्रीय सम्मेलन (2015), हंगरी की कला एवं संस्कृति पर प्रदर्शनी (2014) तथा पूर्व से मंत्रमुग्ध: सर मार्क ऑरेल स्टेन (1862-1943), 2015 शामिल हैं।
प्रकाशन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम
पूर्व एशियाई कार्यक्रम इकाई ने दुन्हुआंग कला: दुआन वेन्जी की नज़र से, शुआन्झांग के पदचिह्नों पर: तान यून-शान और भारत, शुआन्झांग और सिल्क रूट आदि जैसी अनेक पुस्तकें ( भारत और विश्व श्रंखला) प्रकाशित की हैं। इस इकाई ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र की शोध पत्रिका “कलाकल्प’’ भी प्रकाशित की है। इस इकाई ने 10 हजार शब्दों का एक संस्कृत-चीनी शब्दकोश तैयार किया है। इकाई ने दुन्हुआंग अकादमी, शिन्झिआंग कुशा गुफा शोध संस्थान, किजिल केव्स, शिन्झिआंग, चीन आदि के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की पहल की है। इस इकाई ने अंत-राष्ट्रीय दुन्हुआंग अकादमी, ब्रिटिश लाइब्रेरी, लंदन, बीजिंग यूनीवर्सिटी, बीजिंग, चीन, तिब्बत भवन आदि के साथ भी संपर्क स्थापित किया है।
Publications – View e-Books
Publications – Seminars
- Seventh International Alexander Csoma de Kőrös Symposium on Buddhist Transcreations in Tibetan Literature and Art “Jointly organized by IGNCA & Hungarian Information and Cultural Centre
- International Seminar and Exhibition on “ Kumarajiva: Philosopher and Seer”
- New Perspectives on Intercultural Studies An International Conference in honour of Prof. Tan Chung
- Seminar and Exhibition: Cities, Road and Caravan Sarais in India West & Central Asia – An Emblem of Linkages Through Ages (India, West & Central Asia)
- Seminar on History of Central Asian Collections in Institutions Worldwide – in collaboration with International Dunhuang Project (IDP), British Library, London funded by Ford Foundation