बाल जगत

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इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अधिदेश में ‘बाल जगत’ को केन्द्र के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में से एक माना गया है। कठपुतली नाटक, कला कार्यशालाएं, संगीत कार्यशालाएं, फिल्मोत्सव, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और कहानियां सुनाने के कार्यक्रमों के आयोजन जैसे क्रियाकलाप इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र में या विद्यालयों में और अन्य स्थानों पर नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र युवा प्रशिक्षुओं के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार की कार्यशालाओं/ कार्यक्रमों का आयोजन करता रहा है। वर्ष 2014 में संगीत, लोक चित्रकला, फोटोग्राफी, कथक नृत्य, पुत्तल छाया नाच विषय पर कार्यशालाएं आयोजित की गईं थीं। नागालैंड से कठपुतली बनाने एवं मंचीय प्रदर्शन के विषय पर एक शिविर का आयोजन किया गया था; इसी प्रकार मधुबनी चित्रकला विषय पर स्कूली बच्चों के लिए एक लोक कला कार्यशाला आयोजित की गई थी। युवा पीढ़ी में दुनियाभर की प्राचीन कहानियों के प्रति लगाव उत्पन्न करने के लिए 2015 में “कथाकार अंतर्राष्ट्रीय कहानीकार समारोह’’ नामक एक विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पिछले वर्ष से युवाओं को साफ-सफाई के महत्व और ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से स्वच्छ राष्ट्र निर्माण का महत्व समझाने के लिए “स्वच्छ भारत अभियानमिशन पर भी बल दिया जा रहा है।

“स्वामी विवेकानन्द के जीवन’’ पर आधारित कठपुतली नाटक, हाल के वर्षों में बाल जगत का एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्यक्रम रहा है। रामकृष्ण मिशन और उदयपुर स्थित भारतीय लोक कला मंडल के सहयोग से आयोजित यह नाटक दिल्ली में और उसके आस-पास तथा विदेशों में भी प्रस्तुत किया गया। इसमें युवाओं के लिए स्वामी विवेकानन्द के संदेश का प्रचार किया गया।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, ग्रामीण/शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के छात्रों को इन शैक्षिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है। यह संस्थान एक अच्छे मेजबान की भूमिका निभाता है और अपने प्रतिभागियों को परिवहन, सहायक सामग्री और जलपान की सुविधा प्रदान करता है ताकि उन्हें सीखने के लिए अनुकूल माहौल मिल सके। वस्तुत: ऐसे कार्यक्रमों से केवल उनकी शिक्षा में ही चार-चांद नहीं लगते बल्कि भारतीय कला एवं संस्कृति की लुप्त हो रही अनेक विधाओं के संरक्षण के प्रति प्रेरणा भी उन्हें ऐसे कार्यक्रमों से मिलती है।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र का उद्देश्य, ऐसे प्रयासों के जरिए समृद्ध भारतीय सांस्कृतिक विरासत की परिरक्षा करने और भावी पीढ़ियों के लिए उसे जीवित रखना है।