छायापट (फोटोग्राफ)

राजा लाला दीन दयाल संग्रह

इस दुर्लभ संग्रह में 19वीं शताब्दी के सिद्धहस्ता फोटोग्राफर, राजा लाला दीन दयाल के फोटोग्राफ, ग्लास-प्लेट निगेटिव तथा स्टूडियो साज-सज्जा की वस्तुएं सम्मिलित हैं। राजा दीन दयाल एक महान कलाविद् तथा तकनीशियन थे। फोटोग्राफी की दुनियां में उनकी निगेटिव प्लेटों तथा मूल चित्रों की विरासत का भारी महत्व है। इस संग्रह के अंतर्गत भारत में ब्रिटिश राज, शाही परिवारों के साथ-साथ जन-साधारण के छायाचित्र, प्राकृतिक सौंदर्य और स्मारकों के चित्र शामिल हैं।

Detail of Exhibition

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हेनरी कार्टियर ब्रैसन का संग्रह

इस संग्रह में विख्यात फ्रांसीसी फोटोग्राफर हेनरी कार्टियर ब्रैसन द्वारा स्वाधीनता से पहले और स्वांधीनता के बाद के भारतीय सामाजिक-राजनीतिक जीवन के चित्रण और तत्कालीन महत्वपूर्ण नेताओं जैसे- गाँधी जी, नेहरू एवं उनके समकालीन नेताओं के फोटोग्राफ शामिल हैं।

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सुनील जाना संग्रह

सुनील जाना एक लब्ध-प्रतिष्ठ‍ फोटोग्राफर थे। 20वीं शताब्दी के प्रारंभिक वर्षों में आदिवासी समाज और भारत के सामाजिक-आर्थिक जीवन का चित्रण करने के कारण उन्हें प्रसिद्धि मिली है। चित्रकलाओं के अलावा उनके संग्रह में उनके समय की मशहूर नृत्यांगनाओं जैसे कि- बालासरस्वती और इन्द्रांणी रहमान के फोटोग्राफ और प्राकृतिक सौंदर्य के फोटोग्राफ भी शामिल हैं।

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शम्भू साहा संग्रह

इस संग्रह में स्वर्गीय शम्भू साहा द्वारा खींचे गए उस समय के फोटोग्राफ शामिल हैं जब वे शांतिनिकेतन में सेवारत थे। उस दौरान उन्होंने गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर और शांतिनिकेतन में उनकी गतिविधियों को सहेजकर हमारे सामने रखा है। यह संग्रह विशेष रूप से इस कारण मूल्यवान है कि श्री साहा ने गुरुदेव और उनके सहयोगियों के कुछ दुर्लभ और मार्मिक क्षणों को अपने कैमरे में कैद करने में सफलता प्राप्त की है।

 

डिजिटल छायाचित्र

 

डॉ. आर.डी.वाडिया संग्रह

यह संग्रह स्वाधीनता से पहले और स्वाधीनता के बाद के भारत में घटी राष्ट्रीय एवं अंतर-राष्ट्रीय घटनाओं के और जानी-मानी हस्तियों के फोटोग्राफ संजोए हुए है। इस संग्रह में कुछ महान हस्तियों के चित्र और महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाओं के फोटोग्राफ भी शामिल हैं।

 

डेविड अलरिक संग्रह

जाने माने अमेरिकी फोटोग्राफर डेविड अलरिक के कैमरे ने प्रकृति को तथा शैलचित्रों को अपना विषय बनाया है। ज्वालामुखी फट पड़ने जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी प्राकृतिक सौंदर्य को उभारकर सामने लाने में कोई फोटोग्राफर कहाँ तक सफल हो सकता है, इसका जीता-जागता प्रमाण डेविड के फोटोग्राफों में मिल सकता है।

ज्योति भट्ट और राघव कनेड़िया संग्रह

इन दोनों फोटोग्राफरों ने सौराष्ट्र के लोगों के जीवन के सजीव चित्र, अपने श्वेत-श्याम फोटोग्राफों के माध्यम से हमेशा के लिए सहेजकर हमारे सामने प्रस्तुत किए हैं।

 

अश्विन मेहता संग्रह

मुंबई के इस समकालीन फोटोग्राफर ने प्रकृति के असीम सौंदर्य को अपने फोटोग्राफों की दो श्रृंखलाओं में प्रस्तुत किया है। पहली श्रंखला का शीर्षक है- ‘द थर्ड आइ’। यह श्रंखला रंगीन छायाचित्रों की है और दूसरी श्रंखला है- ‘गिफ्ट्स ऑफ सॉलिट्यूड’। इसमें श्वेत-श्याम फोटोग्राफ हैं। इनमें से अधिकांश छायाचित्र प्रकृति-सुन्दिरी और उसकी सुषमा के हैं जो फोटोग्राफर की विशेष दृष्टि से बच न सके।

 

“सेलिब्रेटिंग द टाइमलैस” नामक संकलन में इस जाने माने फोटोग्राफर द्वारा खींचे गए फोटोग्राफ हैं जो उनके द्वारा भेंट की गई सी डी और डी वी डी के रूप में हैं। इस संग्रह में उनके कुछ अप्रकाशित लेख, पत्राचार और प्रदर्शनियों की समीक्षाएं शामिल हैं।

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