मित्रलाभ
- सुवर्णकंकणधारी
बूढ़ा बाघ और मुसाफिर की कहानी
- कबुतर,
काक, कछुआ, मृग और चूहे की कहानी
- मृग, काक
और गीदड़ की कहानी
- भैरव नामक
शिकारी, मृग, शूकर, साँप और
गीदड़ की कहानी
- धूर्त
गीदड़ और हाथी की कहानी
सुहृद्भेद
- एक
बनिया, बैल, सिंह और गीदड़ों की कहानी
- धोबी,
धोबन, गधा और कुत्ते की कहानी
- सिंह, चूहा
और बिलाव की कहानी
- बंदर, घंटा
और कराला नामक कुटनी की कहानी
- सिंह
और बूढ़ शशक की कहानी
- कौए का
जोड़ा और काले साँप की कहानी
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हितोपदेश
सुहृद्भेद
२. धोबी, धोबन, गधा और कुत्ते की कहानी
बनारस में कर्पूरपटक नामक धोबी रहता था। वह नवजवान अपने स्री के साथ बहुत काल तक विलास करके, सो गया। इसके बाद उसके घर के द्रव्य को चुराने के लिए चोर अंदर घुसा। उसके आँगन में एक गधा बँधा था और एक कुत्ता भी बैठा था। इतने में गधे ने कुत्ते से कहा-- मित्र, यह तेरा काम है, इसलिए क्यों नहीं ऊँचे शब्द से भौंक कर स्वामी को जगाता है ? कुत्ता बोला-- भाई, मेरे काम की चर्चा तुझे नहीं करनी चाहिये और क्या तू सचमुच नहीं जानता कि जिस प्रकार मैं उनके घर की रखवाली दिन रात करता हूँ, पर वैसा वह बहुत काल से निर्जिंश्चत होकर मेरे उपयोग को नहीं मानता है, इसलिए आजकल वह मेरे आहार देने में भी आदन कम करता है। क्योंकि बिना आपत्ति के देखे स्वामी सेवकों पर थोड़ा आदर करते हैं।
गधा बोला -- सुन रे मूर्ख, जो काम के समय पर माँगे वह निन्दित सेवक और निन्दित मित्र है।
कुत्ता बोला-- जो काम अटकने पर सेवको से मीठी मीठी बातें करे वह तो निन्दित स्वामी है।
आश्रितानां
भृतौ स्वामिसेवायां
धर्मसेवने।
पुत्रस्योत्पादने चैव न सन्ति प्रतिहस्तका:।।
क्योंकि आश्रितों के पालन- पोषण में, स्वामी की सेवा में, धर्म की सेवा करने में और
पुत्र के उत्पन्न करने में, प्रतिनिधि नहीं होते हैं अर्थात ये काम अपने आप ही करने के हैं, दूसरे से करान के योग्य नहीं हैं।
गधा झुंझला कर बोला-- अरे दुष्टबुद्धि, तू बड़ा पापी है कि विपत्ति में स्वामी के काम की अवहेलना करता है। ठीक जिस किसी भी प्रकार से स्वामी जग जावे ऐसा मैं तो अवश्य कर्रूँगा।
क्योंकि पीठ के बल धूप खाय, पेट के बल अग्नि तापे, स्वामी की सब प्रकार से वफादारी और परलोक की बिना कपट से सेवा करनी चाहिए।
यह कह कर उसने अत्यंत रेंकने का शब्द किया। तब वह धोबी उसके चिल्लाने से जाग उठा और नींद टूटने के क्रोध के मारे उठ कर लकड़ी से गधे को मारा कि जिससे वह मर गया।
विषय
सूची
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विग्रह
- पक्षी
और बंदरो की कहानी
- बाघंबर
ओढ़ा हुआ धोबी का गधा और
खेतवाले की कहानी
- हाथियों का
झुंड और बूढ़े शशक की कहानी
- हंस, कौआ
और एक मुसाफिर की कहानी
- नील
से रंगे हुए एक गीदड़ की कहानी
- राजकुमार
और उसके पुत्र के बलिदान की कहानी
- एक
क्षत्रिय, नाई और भिखारी की कहानी
संधि
- सन्यासी
और एक चूहे की कहानी
- बूढ़े
बगुले, केंकड़े और मछलियों की कहानी
- सुन्द,
उपसुन्द नामक दो दैत्यों की कहानी
- एक
ब्राह्मण, बकरा और तीन धुताç की कहानी
- माधव
ब्राह्मण, उसका बालक, नेवला और
साँप की कहानी
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