मध्य प्रदेश के भील कलाकार
फूला पार्गी – राजस्थान की भील कलाकार
वीडियो क्लिप फूला पार्गी और कुबेर पार्गी द्वारा गीत | शिव और पार्वती पर | अपनी चित्रकारी प्रदर्शित करते हुए | फूला पार्गी की चित्रकारी के बारे में प्रो. भनोट
फूला पार्गी एक उत्कृष्ट कलाकार हैं और प्रत्येक चित्र में वह एक कहानी सुना रहे होते हैं, कभी-कभी देवी अंबा के बारे में जो जगत के लिए हरियाली लाने के लिए पाताल लोक गई थीं और इस कार्य में उन्हें शेषनाग का सामना करना पड़ा, कभी-कभी मोर और इंद्र जो भाई थे, के बारे में कहानी सुना रहे होते हैं। जब इंद्र ने अपनी शक्ति का घमंड करते हुए कहा था कि यदि इंद्र बारिश नहीं करवाएगा जो वह (मोर) मर जाएगा, मोर ने कहा था कि वह निश्चित रूप से जीवित बचेगा। तब इंद्र ने 12 वर्षों तक बारिश बंद कर दी थी किंतु अंत में उन्हें यह मानना पड़ा कि वे गलत थे। मोर न केवल जिंदा बच गया था वरन वह कहता रहा, ‘‘मैं हूं!’’ मैं हूं, मैं हूं, जैसा कि यह आज भी ऐसा ही कहता है।
फूला पार्गी ने पशु-पक्षियों का चित्रण किया है और उनकी एक विषयवस्तु भोजन की तलाश है। फूला पार्गी ने अंबा, कल्का, पार्वती जैसी देवियों के चित्र बनाए हैं और देवी पार्वती के सम्मान में वार्षिक धार्मिक उत्सव गावरी का व्यापक रूप से चित्रण किया है। उन्होंने भस्मासुर का चित्र बनाया है जो शिव से पार्वती को दूर करना तथा शिव को राख में बदलना चाहता था। फूला पार्गी के चित्रों से टीआरआई के संग्रहालय की दीवारों तथा शिल्प ग्राम में भील झोपड़ी को अलंकृत किया गया है।