छोटी टेकम – मध्य प्रदेश के गोंड कलाकार

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छोटी टेकम केवल दो वर्षों से चित्रकारी कर रही हैं किंतु अपनी सजीव कल्‍पना-शक्ति तथा कला के प्रति अपने समर्पण से उन्‍होंने समकालीन गोंड शैली के प्रसिद्ध कलाकारों में अपना स्‍थान पहले ही बना लिया है।

जब संतोष टेकम से अपने विवाह के बाद वह भोपाल आईं तो शहर में इतने सारे कलाकारों को देखकर चकित रह गईं। उन्‍होंने उन लोगों के चित्रों को देखा और महसूस किया कि वह भी ऐसा कर सकती हैं। जब राम सिंह उरवेटी ने उन्‍हें कागज तथा रंग दिया तो उन्हें क्षणभर के लिए भी हिचकिचाहट नहीं हुई और उस कागज़ को उन्होंने अपने पसंदीदा जानवर हिरन की आकृति से भर दिया। हिरण ने अपने काले नयनों और शानदार चाल से उनकी कल्‍पना-शक्ति को हमेशा अपनी तरफ आकर्षित किया था। वह छोटे एक्रिलिक रंगों से रोमांचित हो गईं जिससे उन्‍हें अन्‍ततोगत्‍वा रंगों के समस्‍त वर्णपटल का इस्‍तेमाल करने की आजादी मिली। उनका पसंदीदा रंग नीला था-‘‘नीला रंग जो मोर के शरीर पर होता हैा’’ वह बीते वक्‍त को उसके प्रति लगाव के साथ याद करती हैं कि किस तरह वह बचपन में अपने घर की दीवारों पर घर में बने ब्रश से अपने द्वारा चित्रित पुष्‍पों तथा पत्तियों के लिए अपने पसंद के रंगों को बनाने का प्रयास करती थीं। जब उनकी माता दीवार पर डिगना बनाने के लिए कहती थी तो वह  विभिन्‍न तरह के फूलों के चित्र बनाया करती थीं, ना कि प्रथागत डिगना जो वह बार बार बनाकर ऊब चुकी थीं। छोटी टेकम में कलाकार अब पूर्णतया जाग चुका है क्‍योंकि वह कागज तथा कैनवास पर चित्र बना‍ती हैं। म्‍युजियम ऑफ मैनकाइंड की गैलरी में काम करते हुए वह उन चित्रों के बारे में परिकल्‍पना करती हैं जिन्‍हें वह रात्रि में अपने एक वर्षीय बच्‍चे को सुलाने के बाद कैनवास पर चित्रित करेंगी।