धावत सिंह उइकी – मध्य प्रदेश के गोंड कलाकार

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धावत सिंह उइकी ने एम. टेक किया और जब गोंड चित्रकारी में चित्र बनाने की उनकी इच्छा तीव्र हो गयी और वह खुद को रोक नहीं पाए तो उन्होंने नौकरी छोड़ दी और चित्रकारी करने लगे। अपने विवाह से पहले उन्‍होंने कभी भी चित्रकारी नहीं की थी। उन्‍होंने जंगढ सिंह श्‍याम के चित्रों को देखा था और उनसे प्रभावित हुए थे किंतु कभी भी नहीं सोचा था कि वे चित्रकारी करेंगे।

जब उनका विवाह जंगढ सिंह श्‍याम की पुत्री से हुआ तो उन्‍होंने अपने आस-पास के प्रत्‍येक व्‍यक्ति को दिनभर चित्र बनाते हुए पाया।

जल्‍दी ही उन्‍होंने चित्र बनाना शुरू किया और फिर उन्हें यह अनुभव हुआ कि यह कार्य कितना आह्लादकारी है। बहुत जल्‍दी, धावत ने अपने-आप के लिए स्‍थान बना लिया। उनकी मुख्‍य विषय-वस्‍तुएं जंतु-जगत और कथा-जगत हैं। अपना अधिकांश जीवन शहर में व्‍यतीत करते हुए धावत ने गोंड संस्‍कृति को कभी भी इतने अच्‍छे से नहीं जाना था। चित्रकारी की दुनिया से गोंड संस्‍कृति और कला में उनकी गहरी पैठ हो गई है।