गोंड कलाकार
- आनंद सिंह श्याम
- भज्जू श्याम
- बीरबल सिंह उइकी
- छोटी टेकम
- धनइया बाई
- धावत सिंह उइकी
- दिलीप श्याम
- दुर्गा बाई
- गरीबा सिंह टेकम
- हरगोविंद सिंह उरवेटी
- हरिलाल ध्रूवे
- इंदुबाई मरावी
- जापानी
- ज्योति बाई उइकी
- कला बाई
- कमलेश कुमार उइकी
- लखनलाल भर्वे
- मन्ना सिंह व्याम
- मानसिंह व्याम
- मयंक कुमार श्याम
- मोहन सिंह श्याम
- ननकुसिया श्याम
- नर्मदा प्रसाद टेकम
- निक्की सिंह उरवेटी
- प्रदीप मरावी
शांति बाई – मध्य प्रदेश की गोंड कलाकार
लालपुर की शांतिबाई दस वर्ष की आयु से गुदना या टैटू बनाने की कला का अभ्यास कर रही हैं । कई वर्षों तक वह अपने पति, मारावी के साथ कार्य करती रही हैं और अब उनकी पुत्रियों, मंगली मारावी, मीना बाई और जामनी मारावी, सभी ने टैटू बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। गोंड परधानों की परंपरा है कि वे गोंड समुदाय के बाइगाज, ओझाओं के शरीरों पर टैटू बनाते हैं। तीन से चार माह तक बारिश के बाद वे बाइगा गांव जाते हैं और महिलाओं के बांह, पैर तथा हाथ पर टैटू बनाते हैं। शांति बाई ने अनेक टैटू डिजाइनों को कागज तथा कैनवास के अनुरूप ढाला है।
मंगली बाई न केवल गुदनाकार हैं वरन वह युवा संगीतकारों तथा नर्तकों जो कर्मनृत्य प्रस्तुत करते हैं, के पेशेवर टोली का नेतृत्व भी करती हैं। उन्होंने अपने नृत्यों तथा गीतों के साथ देश के भिन्न-भिन्न भागों में यात्रा करनी शुरू कर दी है।
गोंड कलाकार
- प्रसाद कुसराम
- प्रेमी बाई
- प्यारेलाल व्याम
- राधा टेकम
- राज कुमार श्याम
- राजन सिंह उइकी
- राजन प्रसाद कुसराम
- रजनी व्याम
- राजेंद्र सिंह श्याम
- रामबाई टेकम
- राम नारायण भरावी
- राम सिंह उरवेटी
- रमेश टेकम
- रवि टेकम
- रोशनी व्याम
- संतोष कुमार व्याम
- संतोषी टेकम
- सरोज वेंकट श्याम
- शांति बाई
- सुभाष व्याम
- सुखनंदी व्याम
- सुरेश ध्रुवे
- वेंकट श्याम
- विनोद कुमार टेकम