गोंड कलाकार
- आनंद सिंह श्याम
- भज्जू श्याम
- बीरबल सिंह उइकी
- छोटी टेकम
- धनइया बाई
- धावत सिंह उइकी
- दिलीप श्याम
- दुर्गा बाई
- गरीबा सिंह टेकम
- हरगोविंद सिंह उरवेटी
- हरिलाल ध्रूवे
- इंदुबाई मरावी
- जापानी
- ज्योति बाई उइकी
- कला बाई
- कमलेश कुमार उइकी
- लखनलाल भर्वे
- मन्ना सिंह व्याम
- मानसिंह व्याम
- मयंक कुमार श्याम
- मोहन सिंह श्याम
- ननकुसिया श्याम
- नर्मदा प्रसाद टेकम
- निक्की सिंह उरवेटी
- प्रदीप मरावी
रवि टेकम – मध्य प्रदेश के गोंड कलाकार
रवि टेकम का जन्म एवं पालन-पोषण भोपाल में हुआ था। किंतु उन्हें पतनगढ़ तथा सोनपुरी गांवों से प्रेरणा मिली है। उनकी विषय-वस्तुएं हमेशा से ग्रामीण हैं। उनकी रचना में बारंबार आने वाली एक विषय-वस्तु काम करता हुआ एक किसान है। जब उनके पिता नर्मदा प्रसाद टेकम उनके ग्रामीण पालन-पोषण के बारे में बात करते हैं तो वह मंत्रमुग्ध होकर सुनते हैं जैसे वह अपनी माता रामबाई की एक सामान्य लोककथा को मंत्रमुग्ध हो कर सुनते थे। ये उनकी प्रेरणा के स्रोत हैं।
कागज पर एक्रिलिक – 11” X 14”, विषय: कृषक दंपत्ति काम पर जाते हुए
रवि टेकम की कल्पनाशक्ति सुस्पष्ट है और उनकी चित्रकारी उनकी कल्पना की उड़ान को मुक्त प्रबलता प्रदान करती है-जैसे कि सर्प के रूप में बढ़ती हुई-हाथी की सूंड़ नेत्र को उद्दीप्त करते हुए तथा मस्तिष्क को सबल बनाते हुए। वह दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में बच्चों के लिए कार्यशालाएं आयोजित करते रहे हैं, उन्होंने बच्चों तथा शिक्षकों को गोंड चित्रकारी सिखाई है।
कागज पर एक्रिलिक – 11” X 14”,विषय: परधान बान बजाते हुए जब वह गा रहे हैं
कागज पर स्याही – 11” X 14”,विषय: हाथी की सूंड एक सर्प में परिणत हो गई है
गोंड कलाकार
- प्रसाद कुसराम
- प्रेमी बाई
- प्यारेलाल व्याम
- राधा टेकम
- राज कुमार श्याम
- राजन सिंह उइकी
- राजन प्रसाद कुसराम
- रजनी व्याम
- राजेंद्र सिंह श्याम
- रामबाई टेकम
- राम नारायण भरावी
- राम सिंह उरवेटी
- रमेश टेकम
- रवि टेकम
- रोशनी व्याम
- संतोष कुमार व्याम
- संतोषी टेकम
- सरोज वेंकट श्याम
- शांति बाई
- सुभाष व्याम
- सुखनंदी व्याम
- सुरेश ध्रुवे
- वेंकट श्याम
- विनोद कुमार टेकम