गोंड कलाकार
- आनंद सिंह श्याम
- भज्जू श्याम
- बीरबल सिंह उइकी
- छोटी टेकम
- धनइया बाई
- धावत सिंह उइकी
- दिलीप श्याम
- दुर्गा बाई
- गरीबा सिंह टेकम
- हरगोविंद सिंह उरवेटी
- हरिलाल ध्रूवे
- इंदुबाई मरावी
- जापानी
- ज्योति बाई उइकी
- कला बाई
- कमलेश कुमार उइकी
- लखनलाल भर्वे
- मन्ना सिंह व्याम
- मानसिंह व्याम
- मयंक कुमार श्याम
- मोहन सिंह श्याम
- ननकुसिया श्याम
- नर्मदा प्रसाद टेकम
- निक्की सिंह उरवेटी
- प्रदीप मरावी
निक्की/ सिंह उरवेटी – मध्य प्रदेश के गोंड कलाकार
जब भदिया बाई ने अपने घर की दीवारों पर आनुष्ठानिक डिगना बनाया, तो उनका पांच वर्षीय पुत्र निक्की उन्हें देखने में घंटों बिताता था तथा अपने स्लेट पर उनकी रेखाओं का अनुकरण करता था। उसके पिता भारत सिंह उरवेटी ने उसकी प्रतिभा को बढ़ाया तथा जब निक्की बड़ा हुआ तो उसके पिता ने उन्हें अपने नोटबुक में चित्र बनाने के लिए कहा। भारत सिंह अपने पुत्र को ठाकुरदेव, बूढ़ी माई, गली हारिन देवी जैसे देवों और देवियों के बारे में कहानियां सुनाते थें और फिर उन्हें चित्रों को चित्रांकित करने के लिए कहते थें । निक्की ने जंगढ सिंह श्याम की पेंटिंग्स देखी थी और वह बड़ा होकर एक कलाकार बनने के लिए कृत संकल्प था।
निक्की उरवेटी न केवल एक कलाकार बने बल्कि उन्हें सन् 2006 में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राज्य हस्तशिल्प पुरस्कार दिया गया था। उनके पिता गोंडी देवों और देवियों पर एक पुस्तक लिख रहे हैं और कई परधान कलाकार देवकुल विषयवस्तु से चित्र बनाने से पूर्व उनसे सलाह-मशविरा लेते हैं। यद्यपि देव और देवियां अब तक निराकार रहे हैं, तथापि समकालीन गोंड कलाकार अब उन्हें अपने द्वारा परिकल्पित और चित्रित किए गए तरीके से उन्हें आकार देने की कोशिश कर रहे हैं। निक्की उरवेटी की पेंटिंग्स अधिकांशत: ठाकुर देव की है-वह देवता जो घोड़े की सवारी करते हैं तथा रात भर गांव की सुरक्षा करते हैं।
गोंड कलाकार
- प्रसाद कुसराम
- प्रेमी बाई
- प्यारेलाल व्याम
- राधा टेकम
- राज कुमार श्याम
- राजन सिंह उइकी
- राजन प्रसाद कुसराम
- रजनी व्याम
- राजेंद्र सिंह श्याम
- रामबाई टेकम
- राम नारायण भरावी
- राम सिंह उरवेटी
- रमेश टेकम
- रवि टेकम
- रोशनी व्याम
- संतोष कुमार व्याम
- संतोषी टेकम
- सरोज वेंकट श्याम
- शांति बाई
- सुभाष व्याम
- सुखनंदी व्याम
- सुरेश ध्रुवे
- वेंकट श्याम
- विनोद कुमार टेकम