गोंड कलाकार
- आनंद सिंह श्याम
- भज्जू श्याम
- बीरबल सिंह उइकी
- छोटी टेकम
- धनइया बाई
- धावत सिंह उइकी
- दिलीप श्याम
- दुर्गा बाई
- गरीबा सिंह टेकम
- हरगोविंद सिंह उरवेटी
- हरिलाल ध्रूवे
- इंदुबाई मरावी
- जापानी
- ज्योति बाई उइकी
- कला बाई
- कमलेश कुमार उइकी
- लखनलाल भर्वे
- मन्ना सिंह व्याम
- मानसिंह व्याम
- मयंक कुमार श्याम
- मोहन सिंह श्याम
- ननकुसिया श्याम
- नर्मदा प्रसाद टेकम
- निक्की सिंह उरवेटी
- प्रदीप मरावी
जापानी – मध्य प्रदेश के गोंड कलाकार
जंगढ सिंह श्याम ने अपने जापान दौरे के बाद अपनी पुत्री का नाम जापानी रख दिया था, जापान उनके मनपसंद देशों में से एक था।
जापानी ने काफी कम उम्र में ही चित्रकारी करना शुरू कर दिया था और उनका कहना है कि उनके पिता उसे चित्र बनाने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करते थे और उन्होंने कभी भी उनकी कृति की आलोचना नहीं की। वह महसूस करती हैं कि यही कारण है कि वह आत्मविश्वास के साथ चित्र बनाने लगीं और 1999 में ग्यारह वर्ष की आयु में उन्हें कमला देवी पुरस्कार प्राप्त हुआ।
जापानी की मुख्य विषय-वस्तु जंतु और पक्षी जगत, भोजन के लिए उनका संघर्ष, उनकी सौहार्द की भावना, उनकी भिन्न-भिन्न मनोदशाएं थीं। अन्य विषय हैं परम्पराएं और गोंडों में प्रचलित मत जिनकी जानकारी उन्हें पतनगढ़ तथा सोनपुर गांव जाने पर प्राप्त हुई जिनसे उनके माता-पिता जंगढ श्याम और ननकुसिया श्याम का ताल्लुक था। शहर में जन्मी लड़की होने के कारण वह उनसे दूरी बनाए रखती हैं और साथ ही यह महसूस करती हैं कि वह उसका हिस्सा हैं। अपने भाई मयंक की तरह उन्होंने बैगस जगत; जो अभी भी प्रकृति का अभिन्न भाग है, के चित्र बनाएं।
कैनवास पर एक्रिलिक 5’x3′ विषय:हिरण के भीतर बाघ
चित्रकारी जंगढ सिंह श्याम द्वारा
गोंड कलाकार
- प्रसाद कुसराम
- प्रेमी बाई
- प्यारेलाल व्याम
- राधा टेकम
- राज कुमार श्याम
- राजन सिंह उइकी
- राजन प्रसाद कुसराम
- रजनी व्याम
- राजेंद्र सिंह श्याम
- रामबाई टेकम
- राम नारायण भरावी
- राम सिंह उरवेटी
- रमेश टेकम
- रवि टेकम
- रोशनी व्याम
- संतोष कुमार व्याम
- संतोषी टेकम
- सरोज वेंकट श्याम
- शांति बाई
- सुभाष व्याम
- सुखनंदी व्याम
- सुरेश ध्रुवे
- वेंकट श्याम
- विनोद कुमार टेकम